पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में टूट हो गई है. दिल्ली में 4 सांसदों ने पशुपति कुमार पारस (Pashupati Paras) को अपना नेता बनाया है. पटना (Patna) के लोजपा कार्यालय में भी परिवर्तन साफ देखा जा सकता है. जिसको लेकर बिहार की सियासत गरम है. एलजेपी की टूट को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि परिवारवाद वाली पार्टी का हश्र यही होता है. आज नहीं तो कल सभी परिवारवादी पार्टियों का हाल यही होगा.
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बीजेपी के वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव से खास बातचीत
एलजेपी की टूट को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव (Senior BJP leader Naval Kishore Yadav) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा है. लोजपा में टूट नहीं बल्कि नेतृत्व परिवर्तन हुआ है. उन्होंने कहा कि लोजपा के 6 सांसदों में से पांच सांसद एक साथ हैं. इसलिए पार्टी में कोई टूट नहीं हुई है. बल्कि नेतृत्व परिवर्तन ही हुआ है. लोक जनशक्ति पार्टी में सभी लोग घर के ही नेता थे. घर में हमेशा ही परिवर्तन होता है और वही देखने को मिला.
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'परिवारवादी पार्टी का यही हश्र होता है. जो आज चिराग पासवान के साथ हुआ है. जितने भी देश में परिवारवादी पार्टी है. उनमें इस तरह की टूट होती ही है, यह कोई नई बात नहीं है. लोकतंत्र में जिन्हें जाना होता है, वह वहां जाते हैं. चिराग पासवान भी जहां जाना चाहेंगे वहां जा सकते हैं. यह कोई नई बात नहीं है. इसमें पार्टी की कोई भूमिका नहीं है'. - नवल किशोर यादव ,बीजेपी के वरिष्ठ नेता
मंत्री पद को लेकर केंद्रीय नेतृत्व लेगा फैसला
यूपी चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होने की चर्चा है. जदयू भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की अपनी सहमति जता रही है. इधर लोजपा में शूट हुई है. तो क्या 5 सांसदों में से किसी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. जिसको लेकर नवल किशोर यादव ने कहा कि इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व तय करता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी बीजेपी मुट्ठी भर पार्टी नहीं है. बड़ी पार्टी है, बड़ा जनाधार है, बड़ी सोच है, उसी के आधार पर पार्टी चलती है.
टूट गई पासवान की पार्टी!
बता दें कि चिराग पासवान के खिलाफ बगावत (Rebellion Against Chirag Paswan) हुई है. पार्टी के 6 में 5 सांसदों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान के खिलाफ बगावत की है. चाचा पशुपति पारस पासवान, चचेरे भाई प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली केसर ने बगावत की. बताया जाता है कि पांचों पार्टी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें एलजेपी से अलग दल की मान्यता दी जाए. स्पीकर अब कानून के हिसाब से फैसला करेंगे. माना जा रहा है कि ये पांचों जेडीयू के संपर्क में हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के समय से ही ये सभी सांसद असंतुष्ट थे.
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