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शिक्षा में गुणात्मक सुधार को लेकर बोली BJP, 'सरकारी स्कूलों में राजनेताओं और नौकरशाहों के भी बच्चे पढ़ें'

बीजेपी नेता नवल किशोर यादव ने कहा कि राजनेताओं और नौकरशाहों के बच्चों को भी सरकारी स्कूल में पढ़ना चाहिए. सरकार को एक ऐसा कानून बनाना चाहिए जिसके तहत तमाम लोगों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़े.

बीजेपी नेता नवल किशोर यादव
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Published : Jul 23, 2019, 1:33 PM IST

पटना: शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए कॉमन स्कूल सिस्टम लागू करने की बात की जाती है. लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो पाई है. सरकारी स्कूलों में गुणात्मक सुधार के लिए बिहार विधान परिषद में बीजेपी ने सुझाव दिया है. विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि राजनेताओं और नौकरशाहों के बच्चों को भी सरकारी स्कूल में पढ़ना चाहिए.

'सरकारी स्कूलों में राजनेता और नौकरशाहों के भी बच्चे पढ़ें'
बिहार विधान परिषद में बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने गैर सरकारी संकल्प में यह सवाल उठाया कि राजनेता, नौकरशाह और लोक सेवकों के बच्चे सरकारी स्कूल में क्यों नहीं पढ़ते हैं. सरकार दावा करती है कि बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है. ऐसे में सरकार को एक ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिसके तहत तमाम लोगों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़े. जैसे कृष्ण और सुदामा एक साथ पढ़ते थे, वही व्यवस्था लागू बिहार में किया जाए.

शिक्षा में गुणात्मक सुधार को लेकर बोली बीजेपी

'ऐसा कोई कानून विचाराधीन नहीं'
मामले पर जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि भारतीय संविधान के मुताबिक 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा मौलिक अधिकार है. अभिभावक बच्चों को अपने मनमुताबिक संस्थानों में पढ़ाने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं. बच्चों पर किसी संस्थान में पढ़ने के लिए दवाब डालना उनके अधिकर का हनन होगा. इसलिए ऐसा कोई कानून विचाराधीन नहीं है, जिसके तहत तमाम बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़े.

'सरकार प्रस्ताव पर करे विचार'
जवाब में नवल किशोर यादव ने कहा कि अगर प्रस्ताव बढ़िया है तो सरकार क्यों नहीं विचार करती है. उन्होंने कहा कि अभी उग्रवादी पहाड़ों पर हैं, लेकिन हालात नहीं बदले तो हर बड़े घर के पास उग्रवादी होंगे.

पटना: शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए कॉमन स्कूल सिस्टम लागू करने की बात की जाती है. लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो पाई है. सरकारी स्कूलों में गुणात्मक सुधार के लिए बिहार विधान परिषद में बीजेपी ने सुझाव दिया है. विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि राजनेताओं और नौकरशाहों के बच्चों को भी सरकारी स्कूल में पढ़ना चाहिए.

'सरकारी स्कूलों में राजनेता और नौकरशाहों के भी बच्चे पढ़ें'
बिहार विधान परिषद में बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने गैर सरकारी संकल्प में यह सवाल उठाया कि राजनेता, नौकरशाह और लोक सेवकों के बच्चे सरकारी स्कूल में क्यों नहीं पढ़ते हैं. सरकार दावा करती है कि बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है. ऐसे में सरकार को एक ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिसके तहत तमाम लोगों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़े. जैसे कृष्ण और सुदामा एक साथ पढ़ते थे, वही व्यवस्था लागू बिहार में किया जाए.

शिक्षा में गुणात्मक सुधार को लेकर बोली बीजेपी

'ऐसा कोई कानून विचाराधीन नहीं'
मामले पर जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि भारतीय संविधान के मुताबिक 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा मौलिक अधिकार है. अभिभावक बच्चों को अपने मनमुताबिक संस्थानों में पढ़ाने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं. बच्चों पर किसी संस्थान में पढ़ने के लिए दवाब डालना उनके अधिकर का हनन होगा. इसलिए ऐसा कोई कानून विचाराधीन नहीं है, जिसके तहत तमाम बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़े.

'सरकार प्रस्ताव पर करे विचार'
जवाब में नवल किशोर यादव ने कहा कि अगर प्रस्ताव बढ़िया है तो सरकार क्यों नहीं विचार करती है. उन्होंने कहा कि अभी उग्रवादी पहाड़ों पर हैं, लेकिन हालात नहीं बदले तो हर बड़े घर के पास उग्रवादी होंगे.

Intro:शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए कॉमन स्कूल सिस्टम लागू करने की बात की जाती है पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं किया जा सका है सरकारी स्कूलों में गुणात्मक सुधार के लिए बिहार विधान परिषद में भाजपा की ओर से यह सुझाव आया के राजनेताओं और नौकरशाहों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ें


Body:बिहार में शिक्षा के हालात में सुधार के लिए कॉमन स्कूल सिस्टम की वकालत की जाती रही है लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुआ है बिहार विधान परिषद में भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने सोमवार को गैर सरकारी संकल्प में यह सवाल उठाया कि राजनेता नौकरशाह और लोक सेवकों के बच्चे सरकारी स्कूल में क्यों नहीं पढ़ते हैं ऐसा कानून बनाया जाए जिससे कि तमाम लोगों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़े हैं इससे शिक्षा में गुणात्मक सुधार संभव है


Conclusion:नवल किशोर यादव ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में हम लोगों के बच्चे अगर पड़े तो क्या परेशानी है जैसे कृष्ण और सुदामा एक साथ पढ़ते थे वही व्यवस्था लागू बिहार में किया जाए।
प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा संविधान के मुताबिक मौलिक अधिकार है लेकिन ऐसा कोई कानून विचाराधीन नहीं है कि तमाम बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़े हैं यह उनके अधिकारों का हनन होगा इसलिए ऐसा कोई कानून सरकार के पास विचाराधीन नहीं है ।
जवाब में नवल किशोर यादव ने कहा कि अगर प्रस्ताव बढ़िया है तो सरकार क्यों नहीं विचार करती है नवल किशोर यादव ने कहा कि अभी उग्रवादी पहाड़ों पर है लेकिन हालात नहीं बदले तो हर बड़े घर के पास उग्रवादी होंगे ।
सदन की कार्यवाही का वीडियो व्हाट्सएप पर है कृपया निकाल लेंगे
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