पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित अलीनगर प्रखंड का दौरा किया. इस दौरान उनका राष्ट्रीय जनता दल के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के घर जाकर मुलाकात करना चर्चा में है. दोनों नेताओं की इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
खासकर तब, जब मिथिलांचल में आरजेडी के दो कद्दावर नेताओं और मुस्लिम चेहरों में से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. अली अशरफ फातमी जनता दल यूनाइटेड में शामिल होने की घोषणा कर चुके हैं. हालांकि, सिद्दीकी ने इसे गैर राजनीतिक औपचारिक मुलाकात बताया है. एक ओर जहां कई दिनों से भाजपा और जदयू में खींचतान चल रही है, वहीं नीतीश का सिद्दीकी से अकेले में मिलना कई अटकलों को तेज कर दिया है.
'राजनीति में कभी किसी के संबंध बुरे नहीं होते'
भाजपा नेता नवल किशोर यादव ने कहा कि अब्दुल बारी सिद्दीकी बड़े नेता है. ऐसे में मुख्यमंत्री यदि उनसे मिलने आवास पर गए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे जेडीयू और भाजपा के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. राजद और जदयू के संबंध में सुधार के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कभी किसी के संबंध बुरे नहीं होते.
मुलाकात ने सियासी चर्चाओं का दी हवा
बहरहाल, नीतीश कुमार पहले भी आरजेडी के कई मुस्लिम नेताओं पर डोरे डाल चुके हैं. उन्हें लगता है कि महागठबंधन से अलग होने के बाद से ही मुस्लिम वोट बैंक नाराज है. इसलिए मुस्लिमों को साथ लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. अब्दुल बारी सिद्धकी से मुलाकात उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.