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Patna News: NGT ने ठोंका 4 हजार का करोड़ जुर्माना, 'कचरे ने बिहार को रसातल में पहुंचा दिया'- सम्राट चौधरी

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Published : May 7, 2023, 7:28 PM IST

एनजीटी यानि नेशनल ग्रीन ट्रिबयूनल ने बिहार सरकार पर चार हजार करोड़ रुपये का जुर्माना ठोंका है. उससे बिहार सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कही कि ये बिहार के सरकार के लिए शर्मनाक है. पढ़ें पूरी खबर

बिहार सरकार पर 4000 करोड़ रुपये का जुर्माना
बिहार सरकार पर 4000 करोड़ रुपये का जुर्माना

पटना: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर हमला बोला (BJP state president Samrat Chaudhary) है. उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन में नकारा बिहार सरकार पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 4 हजार करोड़ का जुर्माना लगाया है. उन्होंने बिहार सरकार के लिए शर्मनाक बताया है. सम्राट चौधरी ने यह भी कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के भरपूर सहयोग और पहल के बावजूद बिहार में कचरा प्रबंधन नहीं हो पा रहा.

ये भी पढ़ें: Patna News: बागेश्वर बाबा के आगमन पर राजनीति, BJP प्रदेश अध्यक्ष बोले- 'संप्रदायिक पार्टी हो गई है RJD'

'बिहार को रसातल में पहुंचा दिए हैं':सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार पर 11.74 लाख मीट्रिक टन से अधिक पुराने कचरे के साथ प्रति दिन उत्पन्न होने वाले 4,072 मीट्रिक टन अशोधित शहरी कचरे के प्रबंधन का बोझ है. राज्य में तरल अपशिष्ट उत्पादन और उपचार में 2,193 मिलियन लीटर प्रति दिन का अंतर है. उन्होंने कहा कि कुर्सी के जोड़तोड़ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को रसातल में पहुंचा दिए हैं.

सरकार की लापरवाही से बनी ऐसी स्थिति: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार के नगर विकास विभाग के मंत्री रहने के दौरान मैंने 2014 में 110 मैट्रिक टन ठोस कचरा प्रबंधन की स्वीकृति दी थी. मगर नीतीश कुमार की सरकार नकारा बनी बैठी रही. अवशिष्ट व ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री की पहल पर भारत सरकार हर स्तर पर सहयोग कर रही है. मगर राज्य सरकार की लापरवाही व कुप्रबंधन की वजह ऐसी स्थिति पैदा हुई है.

सरकार ने नहीं की पहल: उन्होंने कहा कि एनजीटी की पीठ ने सुझाव पर उपयुक्त जगहों पर खाद बनाने में गीले-कचरे का इस्तेमाल करने के लिए बेहतर विकल्पों का पता लगाया जाना चाहिए. परन्तु सरकार अब तक कोई पहल नहीं कर पाई है. बिहार सरकार पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गई है.


रिंग-फेंस खाते में जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश: एनजीटी ने ठोस और तरल कचरे का वैज्ञानिक रूप से प्रबंधन करने में नाकाम रहने के लिए ही बिहार पर 4000 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की पीठ ने निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि दो महीने के भीतर ‘रिंग-फेंस खाते’ में जमा कराई जाए और मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार इसका इस्तेमाल राज्य में सिर्फ अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किया जाए. रिंग-फेंस खाते में जमा राशि के एक हिस्से को विशिष्ट उद्देश्य के लिए आरक्षित रखा जाता है.

पटना: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर हमला बोला (BJP state president Samrat Chaudhary) है. उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन में नकारा बिहार सरकार पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 4 हजार करोड़ का जुर्माना लगाया है. उन्होंने बिहार सरकार के लिए शर्मनाक बताया है. सम्राट चौधरी ने यह भी कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के भरपूर सहयोग और पहल के बावजूद बिहार में कचरा प्रबंधन नहीं हो पा रहा.

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'बिहार को रसातल में पहुंचा दिए हैं':सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार पर 11.74 लाख मीट्रिक टन से अधिक पुराने कचरे के साथ प्रति दिन उत्पन्न होने वाले 4,072 मीट्रिक टन अशोधित शहरी कचरे के प्रबंधन का बोझ है. राज्य में तरल अपशिष्ट उत्पादन और उपचार में 2,193 मिलियन लीटर प्रति दिन का अंतर है. उन्होंने कहा कि कुर्सी के जोड़तोड़ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को रसातल में पहुंचा दिए हैं.

सरकार की लापरवाही से बनी ऐसी स्थिति: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार के नगर विकास विभाग के मंत्री रहने के दौरान मैंने 2014 में 110 मैट्रिक टन ठोस कचरा प्रबंधन की स्वीकृति दी थी. मगर नीतीश कुमार की सरकार नकारा बनी बैठी रही. अवशिष्ट व ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री की पहल पर भारत सरकार हर स्तर पर सहयोग कर रही है. मगर राज्य सरकार की लापरवाही व कुप्रबंधन की वजह ऐसी स्थिति पैदा हुई है.

सरकार ने नहीं की पहल: उन्होंने कहा कि एनजीटी की पीठ ने सुझाव पर उपयुक्त जगहों पर खाद बनाने में गीले-कचरे का इस्तेमाल करने के लिए बेहतर विकल्पों का पता लगाया जाना चाहिए. परन्तु सरकार अब तक कोई पहल नहीं कर पाई है. बिहार सरकार पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गई है.


रिंग-फेंस खाते में जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश: एनजीटी ने ठोस और तरल कचरे का वैज्ञानिक रूप से प्रबंधन करने में नाकाम रहने के लिए ही बिहार पर 4000 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की पीठ ने निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि दो महीने के भीतर ‘रिंग-फेंस खाते’ में जमा कराई जाए और मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार इसका इस्तेमाल राज्य में सिर्फ अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किया जाए. रिंग-फेंस खाते में जमा राशि के एक हिस्से को विशिष्ट उद्देश्य के लिए आरक्षित रखा जाता है.

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