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नए मोटर वाहन एक्ट को विपक्ष बता रहा केंद्र का तुगलकी फरमान, नहीं मान रहे BJP शासित राज्य

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Published : Sep 13, 2019, 8:48 AM IST

नए मोटर वाहन अधिनियम को बिहार में जहां सख्ती से लागू किया गया है. वहीं, कई बीजेपी शासित राज्य इसे लागू नहीं कर पाई है. हालांकि बिहार में इस कानून के तहत भारी-भरकम जुर्माना वसूलने पर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है.

हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान

पटनाः नए मोटर वाहन अधिनियम को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. नए नियम के तहत भारी-भरकम फाइन के प्रावधान पर विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है. हम पार्टी ने एक्ट को लेकर केंद्र सरकार और बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. पार्टी ने संशोधित नए अधिनियम को तुगलकी फरमान करार दिया है.

हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले को बीजेपी शासित राज्य सरकार ही नहीं मान रहे है. पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में इस अधिनियम पर सरकार सहमत नहीं है. भाजपा शासित कई राज्य सरकार मान रही है कि केंद्र का फैसला जनहित में नहीं है. हम प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री के गृह राज्य में फैसले को नहीं माना जाने का मतलब है कि केंद्र का यह फैसला तुगलकी है.

patna traffic police
पटना में गुरुवार को हंगामे के दौरान तैनात पुलिसकर्मी

बिहार में सख्ती से लागू है कानून
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया है. इसे कई राज्यों ने लागू कर दिया है. इस लिस्ट में बिहार भी शामिल है. हालांकि कई बीजेपी शासित राज्य सरकार अब तक इसे लागू नहीं कर पायी है. वहीं, कई राज्य सरकार ने भारी-भरकम जुर्मानें में रियायत देने की मांग की है. जबकि बिहार में संशोधित अधिनियम को लागू कर दिया गया है. बिहार में परिवहन विभाग नियमों को सख्ती से लागू करवा रही है. नियम तोड़ने वाले आम लोगों को भारी-भरकम जुर्माना चुकाना पड़ रहा है.

patna
चालान को लेकर पटना में हंगामा

पुलिस पर लग रहे गंभीर आरोप
वहीं, बिहार में इस कानून के तहत काफी सख्ती बरती जा रही है. गुरुवार को राजधानी पटना में इसको लेकर जमकर बवाल भी हुआ. ट्रैफिक पोस्ट पर वाहन चेक कर रहे कर्मी पर गाड़ी के कागजात फाड़कर फाइन मांगने का आरोप लगा. जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ. आस-पास के लोगों ने वहां मौजूद ट्रैफिक कर्मचारियों की जमकर पिटाई कर दी.

patna high court advocate protest
मोटर वाहन अधिनियम का विरोध जताते हाईकोर्ट के वकील

हाईकोर्ट के वकीलों का प्रदर्शन
दूसरी तरफ हाईकोर्ट के वकीलों ने गुरुवार को नए मोटर वाहन एक्ट के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. वकीलों ने इसे वापस लेने की मांग की. अधिवक्ताओं का कहना है कि बिहार जैसे कमजोर राज्य में यह एक्ट कैसे लगा दिया गया. ये आश्चर्य की बात है जहां पर कैपिटा इनकम काफी कम है. वहां के लोग कैसे इतना भारी जुर्माना देंगे. इस बारे में कोई सरकार कुछ भी नहीं सोच रही है.

इन राज्यों में नहीं हुआ है लागू
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में यह एक्ट अभी तक लागू नहीं हुआ है. जबकि इसके अलावे तीन केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और दिल्ली में भी इसको लेकर कनफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है.

मोटर वाहन अधिनियम को विपक्ष ने बताया तुगलकी फरमान

ये है नया प्रावधान
सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना ₹100 से बढ़ाकर ₹1000 कर दिया गया है. मोबाइल फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाने पर जुर्माना ₹1000 से बढ़ाकर ₹5000 कर दिया गया है. किसी एंबुलेंस या आपातकालीन गाड़ी को रास्ता नहीं देने पर पहली बार ₹10000 के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. बिना इंश्योरेंस की गाड़ी चलाने पर पहले ₹1000 का जुर्माना लगता था. अब उसे बढ़ाकर ₹2000 कर दिया गया है.

नए मोटर परिवहन कानून के तहत लगने वाला जुर्माना

  • बिना हेलमेट ₹1000 जुर्माना
  • बिना लाइसेंस के वाहनों का उपयोग पर ₹5000 जुर्माना
  • बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर ₹5000 जुर्माना
  • अयोग्यता के बावजूद ड्राइविंग करने पर ₹10000 जुर्माना
  • खतरनाक ड्राइविंग पर ₹5000 जुर्माना
  • नशे में गाड़ी चलाने पर ₹10000 जुर्माना

पटनाः नए मोटर वाहन अधिनियम को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. नए नियम के तहत भारी-भरकम फाइन के प्रावधान पर विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है. हम पार्टी ने एक्ट को लेकर केंद्र सरकार और बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. पार्टी ने संशोधित नए अधिनियम को तुगलकी फरमान करार दिया है.

हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले को बीजेपी शासित राज्य सरकार ही नहीं मान रहे है. पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में इस अधिनियम पर सरकार सहमत नहीं है. भाजपा शासित कई राज्य सरकार मान रही है कि केंद्र का फैसला जनहित में नहीं है. हम प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री के गृह राज्य में फैसले को नहीं माना जाने का मतलब है कि केंद्र का यह फैसला तुगलकी है.

patna traffic police
पटना में गुरुवार को हंगामे के दौरान तैनात पुलिसकर्मी

बिहार में सख्ती से लागू है कानून
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया है. इसे कई राज्यों ने लागू कर दिया है. इस लिस्ट में बिहार भी शामिल है. हालांकि कई बीजेपी शासित राज्य सरकार अब तक इसे लागू नहीं कर पायी है. वहीं, कई राज्य सरकार ने भारी-भरकम जुर्मानें में रियायत देने की मांग की है. जबकि बिहार में संशोधित अधिनियम को लागू कर दिया गया है. बिहार में परिवहन विभाग नियमों को सख्ती से लागू करवा रही है. नियम तोड़ने वाले आम लोगों को भारी-भरकम जुर्माना चुकाना पड़ रहा है.

patna
चालान को लेकर पटना में हंगामा

पुलिस पर लग रहे गंभीर आरोप
वहीं, बिहार में इस कानून के तहत काफी सख्ती बरती जा रही है. गुरुवार को राजधानी पटना में इसको लेकर जमकर बवाल भी हुआ. ट्रैफिक पोस्ट पर वाहन चेक कर रहे कर्मी पर गाड़ी के कागजात फाड़कर फाइन मांगने का आरोप लगा. जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ. आस-पास के लोगों ने वहां मौजूद ट्रैफिक कर्मचारियों की जमकर पिटाई कर दी.

patna high court advocate protest
मोटर वाहन अधिनियम का विरोध जताते हाईकोर्ट के वकील

हाईकोर्ट के वकीलों का प्रदर्शन
दूसरी तरफ हाईकोर्ट के वकीलों ने गुरुवार को नए मोटर वाहन एक्ट के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. वकीलों ने इसे वापस लेने की मांग की. अधिवक्ताओं का कहना है कि बिहार जैसे कमजोर राज्य में यह एक्ट कैसे लगा दिया गया. ये आश्चर्य की बात है जहां पर कैपिटा इनकम काफी कम है. वहां के लोग कैसे इतना भारी जुर्माना देंगे. इस बारे में कोई सरकार कुछ भी नहीं सोच रही है.

इन राज्यों में नहीं हुआ है लागू
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में यह एक्ट अभी तक लागू नहीं हुआ है. जबकि इसके अलावे तीन केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और दिल्ली में भी इसको लेकर कनफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है.

मोटर वाहन अधिनियम को विपक्ष ने बताया तुगलकी फरमान

ये है नया प्रावधान
सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना ₹100 से बढ़ाकर ₹1000 कर दिया गया है. मोबाइल फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाने पर जुर्माना ₹1000 से बढ़ाकर ₹5000 कर दिया गया है. किसी एंबुलेंस या आपातकालीन गाड़ी को रास्ता नहीं देने पर पहली बार ₹10000 के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. बिना इंश्योरेंस की गाड़ी चलाने पर पहले ₹1000 का जुर्माना लगता था. अब उसे बढ़ाकर ₹2000 कर दिया गया है.

नए मोटर परिवहन कानून के तहत लगने वाला जुर्माना

  • बिना हेलमेट ₹1000 जुर्माना
  • बिना लाइसेंस के वाहनों का उपयोग पर ₹5000 जुर्माना
  • बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर ₹5000 जुर्माना
  • अयोग्यता के बावजूद ड्राइविंग करने पर ₹10000 जुर्माना
  • खतरनाक ड्राइविंग पर ₹5000 जुर्माना
  • नशे में गाड़ी चलाने पर ₹10000 जुर्माना
Intro:नए मोटर वाहन अधिनियम को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है हम पार्टी ने एक्ट को लेकर केंद्र सरकार और बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा किया है हम पार्टी ने नए अधिनियम को तुगलकी फरमान करार दिया है


Body:बिहार में केंद्र सरकार द्वारा पारित नए मोटर वाहन अधिनियम को लागू किया जा चुका है परिवहन विभाग नियमों को सख्ती से लागू करवा रही है आम लोगों को भारी-भरकम जुर्माना भी चुकाना पड़ रहा है हम पार्टी ने केंद्र के फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया है


Conclusion:हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि केंद्र सरकार के फैसले को गुजरात सरकार ही नहीं मान रही है भाजपा शासित सरकार बियर मान रही है कि केंद्र का फैसला जनहित में नहीं है। हम प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री के गृह जिले में है सरकार फैसले को नहीं मान रही है मतलब यह है कि केंद्र का फैसला तुगलकी है
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