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'सवर्ण के रिजर्वेशन पर CM की कुटिल मुस्कान का अर्थ जनता जानती है' - अरविंद सिंह

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को ठीक कहा है. इसके साथ ही उन्होंने जातीय गणना जिस तरह से हम बिहार में करवा रहे हैं. पूरे देश में भी होना चाहिए. इसको लेकर बीजेपी प्रवक्त अरविंद सिंह (BJP Spokesperson Arvind Kumar Singh) ने सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि सवर्ण के आरक्षण पर उनका कुटिल मुस्कान का अर्थ जनता जानती है. उनका राजद में जाने का असर साफ-साफ दिखाई दे रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

अरविंद सिंह बीजेपी प्रवक्ता
अरविंद सिंह बीजेपी प्रवक्ता
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Published : Nov 8, 2022, 5:47 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आज सवर्णों के 10 परसेंट आरक्षण मिलने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ठीक है. लेकिन जातीय गणना जिस तरह से हम बिहार में करवा रहे हैं, पूरे देश में भी होना चाहिए. जिससे की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने की बात है, उसे पूरा किया जा सके. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने पलटवार किया (BJP Spokesperson Target CM Nitish Kumar) और कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के संगत में जाने के बाद मुख्यमंत्री का बयान ही बदल गया है. संगत का असर हो गया है. जिस तरह से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के आरक्षण को लेकर उन्होंने बयान दिया है, उसके बाद जो बातें कही है, उससे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं वो अपने कुटिल मुस्कान से जो आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं, उनके आरक्षण का विरोध करते नजर आए हैं, जो कि गलत है.

ये भी पढ़ें- SC verdict on EWS reservation : भाजपा ने किया स्वागत, कुछ ने असहमति भी जताई

'आरक्षण की जो सीमा है, उसको लेकर भी जो बातें उन्होंने कही है. वह कितना उचित है, वह भी जानते हैं. आरक्षण वैसे लोगों को जरूर मिलना चाहिए, जिनके लिए आवश्यक है. लेकिन आरक्षण पर जिस तरह की राजनीति बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं, वह कहीं से भी उचित नहीं है. केंद्र सरकार सबका साथ और सबका विकास के नारे के साथ काम कर रही है. यही कारण रहा कि आर्थिक रूप से जो स्वर्ण पिछड़े हुए हैं, उनके लिए आरक्षण लागू किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसको उचित माना. इसके बावजूद जो देश के महागठबंधन के नेता हैं, इसका विरोध करते नजर आ रहे हैं और इसके बहाने राजनीति करने की कोशिश बिहार में कर रहे हैं.' - अरविंद सिंह, बीजेपी प्रवक्ता

बीजेपी प्रवक्ता ने सीएम नीतीश कुमार पर साधा निशाना : बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि वोट बैंक के लिए यह सब कुछ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद कर रहे हैं. और जब से वह राष्ट्रीय जनता दल के साथ गए हैं, कहीं न कहीं संगत का असर उन पर देखने को मिल रहा है. यही कारण है कि इस तरह का बयान दे रहे हैं कि जातीय गणना पहले पूरी होगी, उसके बाद फिर आरक्षण के दायरे पर बातचीत किया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी कभी भी यह नहीं चाहती है, कि ऐसे लोगों को आरक्षण नहीं मिले, जिन्हें इसकी जरूरत है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी इसको वोट बैंक के नजरिए से नहीं देखती है. जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान दिया है, उससे साफ प्रतीत होता है कि वह आरक्षण को वोट बैंक के नजरिए से देखते हैं. उन्होंने कहा कि जनता जान रही है कि किस तरह से ऐसे मुद्दे पर बिहार सरकार काम करना चाहती है. समय आने पर जनता इस सरकार को जवाब भी देगी.

CM नीतीश ने 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को सही बताया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को ठीक कहा है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने 50 फीसदी वाले आरक्षण के दायरे को बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण मिल रहा है. लेकिन ओबीसी और ईबीसी के को मिल रहा आरक्षण उनकी आबादी के मुताबिक नहीं है. इस स्थिति को जानने के लिए जातीय जनगणना की विशेष जरूरत है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामान्य कमजोर वर्ग के आरक्षण (Economically Weaker Sections) को लेकर बड़ा बयान दिया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से अभी हाल ही में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीब लोगों के लिए 10% आरक्षण बरकरार रखने का फैसला दिया गया है. जिसको लकेर मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी बात है, लेकिन 50% जो आरक्षण की सीमा है, उसे भी बढ़ाना चाहिए.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आज सवर्णों के 10 परसेंट आरक्षण मिलने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ठीक है. लेकिन जातीय गणना जिस तरह से हम बिहार में करवा रहे हैं, पूरे देश में भी होना चाहिए. जिससे की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने की बात है, उसे पूरा किया जा सके. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने पलटवार किया (BJP Spokesperson Target CM Nitish Kumar) और कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के संगत में जाने के बाद मुख्यमंत्री का बयान ही बदल गया है. संगत का असर हो गया है. जिस तरह से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के आरक्षण को लेकर उन्होंने बयान दिया है, उसके बाद जो बातें कही है, उससे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं वो अपने कुटिल मुस्कान से जो आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं, उनके आरक्षण का विरोध करते नजर आए हैं, जो कि गलत है.

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'आरक्षण की जो सीमा है, उसको लेकर भी जो बातें उन्होंने कही है. वह कितना उचित है, वह भी जानते हैं. आरक्षण वैसे लोगों को जरूर मिलना चाहिए, जिनके लिए आवश्यक है. लेकिन आरक्षण पर जिस तरह की राजनीति बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं, वह कहीं से भी उचित नहीं है. केंद्र सरकार सबका साथ और सबका विकास के नारे के साथ काम कर रही है. यही कारण रहा कि आर्थिक रूप से जो स्वर्ण पिछड़े हुए हैं, उनके लिए आरक्षण लागू किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसको उचित माना. इसके बावजूद जो देश के महागठबंधन के नेता हैं, इसका विरोध करते नजर आ रहे हैं और इसके बहाने राजनीति करने की कोशिश बिहार में कर रहे हैं.' - अरविंद सिंह, बीजेपी प्रवक्ता

बीजेपी प्रवक्ता ने सीएम नीतीश कुमार पर साधा निशाना : बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि वोट बैंक के लिए यह सब कुछ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद कर रहे हैं. और जब से वह राष्ट्रीय जनता दल के साथ गए हैं, कहीं न कहीं संगत का असर उन पर देखने को मिल रहा है. यही कारण है कि इस तरह का बयान दे रहे हैं कि जातीय गणना पहले पूरी होगी, उसके बाद फिर आरक्षण के दायरे पर बातचीत किया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी कभी भी यह नहीं चाहती है, कि ऐसे लोगों को आरक्षण नहीं मिले, जिन्हें इसकी जरूरत है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी इसको वोट बैंक के नजरिए से नहीं देखती है. जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान दिया है, उससे साफ प्रतीत होता है कि वह आरक्षण को वोट बैंक के नजरिए से देखते हैं. उन्होंने कहा कि जनता जान रही है कि किस तरह से ऐसे मुद्दे पर बिहार सरकार काम करना चाहती है. समय आने पर जनता इस सरकार को जवाब भी देगी.

CM नीतीश ने 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को सही बताया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को ठीक कहा है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने 50 फीसदी वाले आरक्षण के दायरे को बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण मिल रहा है. लेकिन ओबीसी और ईबीसी के को मिल रहा आरक्षण उनकी आबादी के मुताबिक नहीं है. इस स्थिति को जानने के लिए जातीय जनगणना की विशेष जरूरत है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामान्य कमजोर वर्ग के आरक्षण (Economically Weaker Sections) को लेकर बड़ा बयान दिया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से अभी हाल ही में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीब लोगों के लिए 10% आरक्षण बरकरार रखने का फैसला दिया गया है. जिसको लकेर मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी बात है, लेकिन 50% जो आरक्षण की सीमा है, उसे भी बढ़ाना चाहिए.

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