पटना: केंद्र की राजनीति में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को चुनौती देने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रणनीति बना रहे हैं. राजद और जदयू के विलय की चर्चा भी राजनीतिक गलियारे में तेज है. भाजपा ने दोनों दलों के विलय पर सवालिया निशान लगाया है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि विलय के बावजूद राजद और जदयू नरेंद्र मोदी को चुनौती नहीं दे सकता. भाजपा प्रवक्ता राम सागर सिंह (BJP Spokesperson Ram Sagar Singh) ने कहा है कि ना-ना करके प्यार तुम्ही से कर बैठे के तर्ज पर ही विलय ना, विलय ना करते-करते जदयू का राजद में विलय हो जाएगा. जो लोगों को आगे देखने को मिलेगा.
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'सरकार बदलने की पटकथा में ही दोनों दलों के विलय और नीतीश कुमार को प्रधानमन्त्री का उम्मीदवार तो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के समझौते से हो चुका है. दिल्ली में राजद राष्ट्रिय कार्यकारिणी में राजद का झंडा और सिंबल बदलने का संविधान में संशोधन प्रस्ताव पारित हुआ तो दिल्ली में ही जेडीयू के दिसम्बर में होने वाले राष्ट्रीय कार्यकारिणी में झंडा और सिंबल बदलने का प्रस्ताव पारित होगा. और नए साल में दोनों दलों का विलय होगा.' - डॉ राम सागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता
BJP प्रवक्ता ने RJD और JDU पर कसा तंज : बीजेपी प्रवक्ता राम सागर सिंह ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार का ये कहना कि ये थर्ड फ्रंट नहीं फर्स्ट फ्रंट होगा. आरजेडी और जेडीयू को विलय कर पुराने जनता दल बनाने का संकेत देता है. अभी ये बातें कांग्रेस से छुपाई जा रही है. लेकिन अंदर ही अंदर देश भर में जनता दल के पुराने घटकों से बात कर नया दल बनाने की कोशिश भी की जा रही हे. नए साल में लालू और नीतीश, देश के नेताओं से मुलाकात और बातचीत का सिलसिला विलय के बाद तेज करेंगे. लेकिन विश्व के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प नहीं दे पाएंगे.