पटना: देश के अंदर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) कानून को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है. केंद्र सरकार ने 2024 में अपने पहले बड़े कदम के तौर पर सीएए को लागू करने का फैसला लगभग कर लिया है. बिहार बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा है कि कानून नागरिकता लेने नहीं देने के लिए है. केंद्र की सरकार ने नागरिकता को लेकर कानून बनाया है और लंबे बहस के बाद सरकार ने बिहार के अंदर भी कानून को लागू करने का फैसला लिया है.
CAA कानून लागू होगा: भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि "देश में इसी महीने सीएए कानून लागू होगा. इस कानून के जरिए हम लोगों को नागरिकता दे रहे हैं जबकि विपक्ष कानून को नागरिकता लेने वाला बता रहा है." भारतीय जनता पार्टी की ओर से कहा गया है कि केंद्र के सरकार ने जो कानून लाया है. वह जन विरोधी नहीं है. कानून से नागरिकता छीना नहीं जाएगा. सरकार ने तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए कानून को लागू करने का फैसला लिया है.
32 हजार शरणार्थियों को फायदा: आंकड़ों के मुताबिक 2014 में हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान-अफगानिस्तान से 32 हजार लोग भारत आए हैं. सीएए लागू होने से इन्हें नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा. विपक्ष के लोग बिना वजह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. केंद्र सरकार का यह फैसला बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों के लिए उम्मीद लेकर आएगा. वहीं पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए हिंदू-सिख शरणार्थियों को भी बड़ी राहत मिल जाएगी.
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