पटना: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा (Special Status for Bihar) देने को लेकर पिछले एक दशक से अभियान चल रहा है. बिहार विधानसभा से सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भी भेजे गए. बिहार के प्रस्ताव पर ना तो UPA ने ना ही NDA की सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया. बिहार में डबल इंजन की सरकार है. वहीं जदयू (JDU) ने एक बार फिर केंद्र पर दबाव बढ़ाया तो, भाजपा (BJP) ने भी तीखे वार किए.
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भाजपा की तरफ से भी पलटवार
नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार सबसे निचले पायदान पर रहा. जिसके बाद सत्ता में बैठे लोग फेस सेविंग में जुट गए. जदयू ने जहां केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया. वहीं भाजपा (BJP) की तरफ से भी पलटवार किया गया. जदयू नेताओं को लगा कि रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री की फजीहत होगी. ऐसे में नेताओं ने केंद्र को दोषी ठहराना शुरू कर दिया और कहा कि केंद्र की वजह से बिहार निचले पायदान पर रहा.
बिहार को दिया गया स्पेशल पैकेज
जदयू के आरोपों के बाद भाजपा खेमे में भी बेचैनी हुई. भाजपा नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि स्पेशल स्टेटस के बजाय केंद्र की सरकार ने बिहार को स्पेशल पैकेज दिया. केंद्र की मदद की वजह से बिहार में सड़कों, पुल-पुलिया और फ्लाईओवर का जाल बिछ गया है.
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"केंद्र के सहयोग की वजह से हर घर में बिजली पहुंच गई. सड़कें और फ्लाईओवर के निर्माण हुए और हर खेत तक पानी पहुंचाने की भी तैयारी जारी है. केंद्र की सरकार ने बिहार को सवा लाख करोड़ का पैकेज दिया. जिसका लाभ बिहार को मिल रहा है. जरूरी नहीं है कि राज्य का विकास स्पेशल स्टेटस से हो. स्पेशल पैकेज से भी राज्य विकास कर सकता है"- डॉ.रामसागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता