पटना: चारा घोटाले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत (Jharkhand High Court Grants Bail To Lalu) मिलने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी प्रवक्ता अजफर शम्सी (BJP Spokesperson Ajfar Samsi) ने कहा है कि लालू यादव को बेल मिला है और यह कोर्ट का प्रक्रिया है. चारा घोराले के मामले में लालू अभियुक्त हैं तो बेल मिलना जेल जाना ये प्रक्रिया ऐसे ही चलती रहती है. इससे बिहार के राजनीति में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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लालू को बेल पर बीजेपी की प्रतिक्रिया: बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जो लोग ये ख्याल पाल रखे हैं कि लालू यादव आये हैं तो एनडीए सरकार पर कोई फर्क पड़ेगा, ऐसा कुछ नहीं है. बिहार की जनता जानती है कि कौन सी पार्टी उनके लिए काम की है. उन्होंने कहा कि लालू यादव अब बिहार के राजनीति में एक फ्यूज बल्ब के समान है. उनके जेल जाने या बाहर आने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. जनता जानती है कि परिवारवाद और भ्रष्टाचार की इनकी पार्टी है.राजनीति का अपराधीकरण लालू ने किया, अपराध का राजनीतिकरण किया. यही इनका वर्किंग कल्चर रहा. लालू के बाहर निकलने से या अंदर जाने से कोई असर पड़ने वाला नहीं है. अब बिहार की आवाम विकास चाहती है.
"जो लोग मुगालते में है वो ऐसे ही रहें. दिल को बहलाने का गालिब ख्याल अच्छा है. बिहार की जनता ने एनडीए गठबंधन को बिहार चलाने के लिए चुना है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ रहा है और आगे बढ़ता रहेगा. लालू बिहार की राजनीति में एक फ्यूज बल्ब हैं." -अजफर शम्सी, बीजेपी प्रवक्ता
लालू यादव को बड़ी राहत: रांची सीबीआई की विशेष अदालत (CBI Special Court Ranchi) के आदेश के खिलाफ लालू प्रसाद यादव ने झारखंड उच्च न्यायालय में 24 फरवरी को अपील दाखिल की थी. हाईकोर्ट की जिस बेंच में लालू यादव का मामला सूचीबद्ध था, वह बेंच 1 अप्रैल को नहीं बैठी. इसके बाद सुनवाई 8 अप्रैल को हुई. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने काउंटर एफिडेविट फाइल करने के लिए अदालत से वक्त मांगा. अदालत ने सीबीआई के आग्रह को स्वीकार करते हुए 22 अप्रैल यानी शुक्रवार को सुनवाई की तारीख मुकर्रर की थी. फिलहाल लालू प्रसाद यादव न्यायिक हिरासत में हैं. बीमारियों के चलते नई दिल्ली स्थित एम्स में उनका इलाज चल रहा है.
सीबीआई ने जमानत का किया विरोध: सीबीआई ने जमानत देने का कड़ा विरोध किया था. कोर्ट में दायर शपथपत्र में सीबीआई ने कहा था कि डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू की आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है. ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए. सीबीआई ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे. इनमें से डोरंडा कोषागार का मामला सबसे बड़ा था।इसमें सर्वाधिक 170 आरोपी शामिल थे। 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है.
चार मामलों में पहले ही मिल चुकी है राहत : लालू प्रसाद यादव को अब तक कुल 4 मामलों में सजा हुई है और अब सभी मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है. इसके बाद उनके जेल से निकलने की राह प्रशस्त हो गई है. सीबीआई ने इस मामले में काउंटर एफिडेविट फाइल कर कहा था कि लालू प्रसाद ने सजा की आधी अवधि पूरी नहीं की है. अदालत ने सीबीआई की दलील को खारिज कर दिया. बता दें कि रांची स्थित सीबीआई कोर्ट ने बीते 21 फरवरी को रांची के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी.
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