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Lok Sabha Election 2024: सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी का ब्लूप्रिंट तैयार, बिहार में 40 सीटों पर जीतने की रणनीति - पटना न्यूज

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हलचल बढ़ने लगी है, जहां विपक्षी खेमे में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को मात देने के लिए 'मिशन बिहार' का अपना ब्लू प्रिंट भी तैयार कर लिया है.

बिहार में बीजेपी
बिहार में बीजेपी
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Published : Aug 21, 2023, 7:56 AM IST

Updated : Aug 21, 2023, 10:42 AM IST

पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम पार्टियां चुनावी रणनीति तैयार करने में जुटी है. वहीं बीजेपी ने 2024 की लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए बिहार में अपना ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है. इसके तहत जहां एक तरफ बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को दी जाने वाली लोकसभा की सीटों का कोटा फिक्स कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ अपनी पार्टी के सांसदों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर डट जाने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ेंः Patna News: प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य पूरा करने में बिहार सरकार विफल- सुशील कुमार मोदी

लोकसभा चुनाव की रणनीति में जुटी बीजेपीः बिहार में बीजेपी 31 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार सकती है. शेष 9 सीटों में से उपेंद्र कुशवाहा को दो से तीन सीट मांझी को एक सीट और बचे सीट का बंटवारा चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच करने की तैयारी में है. विपक्षी दलों की बैठक के बाद एनडीए में भी लगातार बैठक हो रही है. एनडीए के घटक दलों की बड़ी बैठक हो चुकी है उसके बाद प्रधानमंत्री के स्तर पर लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी बैठक हुई है.

बीजेपी की जीत का ब्लूप्रिंट तैयारः बिहार पर नजर बीजेपी की इसलिए अधिक है, क्योंकि विपक्षी एकजुटता की मुहिम नीतीश कुमार ने बिहार से ही शुरू की है और इसलिए बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की जोड़ी को हराने के लिए बीजेपी एक तरफ सीट शेयरिंग तो दूसरी तरफ वोटों के सामाजिक समीकरण को लेकर ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है बीजेपी की नजर अपर कास्ट, अति पिछड़ा पिछड़ा और दलित वोट बैंक पर है और उन्हीं वर्ग के नेताओं को महत्वपूर्ण स्थान पर बैठाया जा रहा है.

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'एनडीए में ऑल इज वेल है': पिछली बार बीजेपी जदयू के साथ 40 में से 39 सीट पर चुनाव जीती थी. इस बार 40 सीट पर बीजेपी की नजर है और बीजेपी ने बिहार के लिए जो ब्लूप्रिंट तैयार किया है. उसमें 31 सीटों पर खुद चुनाव लड़ सकती है. 9 सीटों में अपने सहयोगियों के बीच बंटवारा करेगी और इसके कारण विवाद होने के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेता मिथिलेश तिवारी का कहना है एनडीए में ऑल इज वेल है, यहां कोई विवाद नहीं है नरेंद्र मोदी के इशारे पर काम होता है.

'30 सीटों पर लड़ सकती है बीजेपी': वहीं वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है इस बार मुकाबला इंडिया और एनडीए के बीच ही होना है. बिहार में बीजेपी के 30 सीटों पर लड़ने की चर्चा हो रही है. 10 सीटों में उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और पशुपति पारस चिराग पासवान के बीच सीटों के बटवारा की बात कही जा रही है. बीजेपी की नजर सभी 40 सीटों पर है और उसके लिए पूरी ताकत लगाई हुई है. उपेंद्र कुशवाहा के 3 सीट की जगह 2 सीटें देने की चर्चा हो रही है और इससे विवाद हो सकता है तो वही हाजीपुर सीट को लेकर चिराग पासवान और पशुपति पारस में पेंच फंस सकता है.

"बीजेपी की नजर सभी 40 सीटों पर है. उपेंद्र कुशवाहा के 3 सीट की जगह 2 सीटें देने की चर्चा हो रही है और इससे विवाद हो सकता है तो वही हाजीपुर सीट को लेकर चिराग पासवान और पशुपति पारस में पेंच फंस सकता है. ऐसे बीजेपी रास्ता भी निकाल सकती है एक दो सीटट इधर-उधर करने में उसे कोई परेशानी नहीं होगी और जरूरत हुआ तो अपना उम्मीदवार भी सहयोगी दलों को दे देगी"- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

बिहार में एनडीए की स्थितिः बीजेपी के 78 विधायक और 17 लोक सभा सांसद, हम के चार विधायक, चिराग पासवान एलजेपीआर के पास एक लोकसभा सांसद, पशुपति पारस गुट के पास पांच लोकसभा सीट, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के पास ना तो विधायक है न हीं सांसद. बीजेपी इन छोटे-छोटे सहयोगी दलों और अपने खास नेताओं के बल पर बिहार के जातीय समीकरण को साधते हुए कुशवाहा, निषाद, दलित और महादलित मतदाताओं के साथ ही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सबसे मजबूत वोट बैंक माने जाने वाले अति पिछड़ा समाज के कुर्मी और कोइरी वोटरों को भी लुभाने की रणनीति पर काम कर रही है.

हर मोर्चे पर फतह की तैयारीः पार्टी बिहार की मुस्लिम बहुल सीटों पर भी ज्यादा ध्यान दे रही है. बीजेपी ने सैद्धांतिक रूप से यह भी फैसला किया है कि इस बार एनडीए गठबंधन के सहयोगियों को भी उनके उम्मीदवार की जीत पाने की संभावना के आधार पर ही सीटें दी जाएगी और अगर किसी सहयोगी के पास जीतने वाले उम्मीदवार नहीं हुए तो फिर बीजेपी अपने नेता को उस सहयोगी दल के बैनर तले लड़ा सकती है. बीजेपी बिहार में कुछ सांसदों की टिकट भी इस बार काटने की तैयारी में है कुल मिलाकर देखें तो हर मोर्चे पर बीजेपी फतह के लिए किलेबंदी की तैयारी में लगी है.

पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम पार्टियां चुनावी रणनीति तैयार करने में जुटी है. वहीं बीजेपी ने 2024 की लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए बिहार में अपना ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है. इसके तहत जहां एक तरफ बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को दी जाने वाली लोकसभा की सीटों का कोटा फिक्स कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ अपनी पार्टी के सांसदों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर डट जाने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ेंः Patna News: प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य पूरा करने में बिहार सरकार विफल- सुशील कुमार मोदी

लोकसभा चुनाव की रणनीति में जुटी बीजेपीः बिहार में बीजेपी 31 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार सकती है. शेष 9 सीटों में से उपेंद्र कुशवाहा को दो से तीन सीट मांझी को एक सीट और बचे सीट का बंटवारा चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच करने की तैयारी में है. विपक्षी दलों की बैठक के बाद एनडीए में भी लगातार बैठक हो रही है. एनडीए के घटक दलों की बड़ी बैठक हो चुकी है उसके बाद प्रधानमंत्री के स्तर पर लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी बैठक हुई है.

बीजेपी की जीत का ब्लूप्रिंट तैयारः बिहार पर नजर बीजेपी की इसलिए अधिक है, क्योंकि विपक्षी एकजुटता की मुहिम नीतीश कुमार ने बिहार से ही शुरू की है और इसलिए बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की जोड़ी को हराने के लिए बीजेपी एक तरफ सीट शेयरिंग तो दूसरी तरफ वोटों के सामाजिक समीकरण को लेकर ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है बीजेपी की नजर अपर कास्ट, अति पिछड़ा पिछड़ा और दलित वोट बैंक पर है और उन्हीं वर्ग के नेताओं को महत्वपूर्ण स्थान पर बैठाया जा रहा है.

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'एनडीए में ऑल इज वेल है': पिछली बार बीजेपी जदयू के साथ 40 में से 39 सीट पर चुनाव जीती थी. इस बार 40 सीट पर बीजेपी की नजर है और बीजेपी ने बिहार के लिए जो ब्लूप्रिंट तैयार किया है. उसमें 31 सीटों पर खुद चुनाव लड़ सकती है. 9 सीटों में अपने सहयोगियों के बीच बंटवारा करेगी और इसके कारण विवाद होने के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेता मिथिलेश तिवारी का कहना है एनडीए में ऑल इज वेल है, यहां कोई विवाद नहीं है नरेंद्र मोदी के इशारे पर काम होता है.

'30 सीटों पर लड़ सकती है बीजेपी': वहीं वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है इस बार मुकाबला इंडिया और एनडीए के बीच ही होना है. बिहार में बीजेपी के 30 सीटों पर लड़ने की चर्चा हो रही है. 10 सीटों में उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और पशुपति पारस चिराग पासवान के बीच सीटों के बटवारा की बात कही जा रही है. बीजेपी की नजर सभी 40 सीटों पर है और उसके लिए पूरी ताकत लगाई हुई है. उपेंद्र कुशवाहा के 3 सीट की जगह 2 सीटें देने की चर्चा हो रही है और इससे विवाद हो सकता है तो वही हाजीपुर सीट को लेकर चिराग पासवान और पशुपति पारस में पेंच फंस सकता है.

"बीजेपी की नजर सभी 40 सीटों पर है. उपेंद्र कुशवाहा के 3 सीट की जगह 2 सीटें देने की चर्चा हो रही है और इससे विवाद हो सकता है तो वही हाजीपुर सीट को लेकर चिराग पासवान और पशुपति पारस में पेंच फंस सकता है. ऐसे बीजेपी रास्ता भी निकाल सकती है एक दो सीटट इधर-उधर करने में उसे कोई परेशानी नहीं होगी और जरूरत हुआ तो अपना उम्मीदवार भी सहयोगी दलों को दे देगी"- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

बिहार में एनडीए की स्थितिः बीजेपी के 78 विधायक और 17 लोक सभा सांसद, हम के चार विधायक, चिराग पासवान एलजेपीआर के पास एक लोकसभा सांसद, पशुपति पारस गुट के पास पांच लोकसभा सीट, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के पास ना तो विधायक है न हीं सांसद. बीजेपी इन छोटे-छोटे सहयोगी दलों और अपने खास नेताओं के बल पर बिहार के जातीय समीकरण को साधते हुए कुशवाहा, निषाद, दलित और महादलित मतदाताओं के साथ ही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सबसे मजबूत वोट बैंक माने जाने वाले अति पिछड़ा समाज के कुर्मी और कोइरी वोटरों को भी लुभाने की रणनीति पर काम कर रही है.

हर मोर्चे पर फतह की तैयारीः पार्टी बिहार की मुस्लिम बहुल सीटों पर भी ज्यादा ध्यान दे रही है. बीजेपी ने सैद्धांतिक रूप से यह भी फैसला किया है कि इस बार एनडीए गठबंधन के सहयोगियों को भी उनके उम्मीदवार की जीत पाने की संभावना के आधार पर ही सीटें दी जाएगी और अगर किसी सहयोगी के पास जीतने वाले उम्मीदवार नहीं हुए तो फिर बीजेपी अपने नेता को उस सहयोगी दल के बैनर तले लड़ा सकती है. बीजेपी बिहार में कुछ सांसदों की टिकट भी इस बार काटने की तैयारी में है कुल मिलाकर देखें तो हर मोर्चे पर बीजेपी फतह के लिए किलेबंदी की तैयारी में लगी है.

Last Updated : Aug 21, 2023, 10:42 AM IST
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