पटना: एलटीसी घोटाले में दोषी पाए जाने के बाद मुजफ्फरपुर के कुढ़नी से आरजेडी विधायक अनिल सहनी की सदस्यता समाप्त (Anil Sahni Expelled From Bihar Vidhansabha ) हो गई है. बीजेपी ने इसको लेकर आरजेडी पर हमला बोला है. प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि घोटाले को लेकर एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल चाल-चेहरा और चरित्र सामने आ गया है. भ्रष्टाचार में लगातार विधायकों की सदस्यता जा रही है.
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"एक बार फिर से रेलवे कूपन घोटाले में जिस प्रकार से सदस्यता समाप्त हुई है, उससे आरजेडी के घोटाले का चाल चेहरा चरित्र सामने आ गया है. भ्रष्टाचार में लगातार विधायकों की सदस्यता जा रही है. आरजेडी में राजनीतिक फ्रॉड का जमावड़ा है. जब भी कार्रवाई होती है तो गठबंधन के लोग बेचैन हो जाते हैं और सरकार पर आरोप लगाते हैं लेकिन कोर्ट ने दोषी ठहराया है और तब इनकी सदस्यता गई है"- अरविंद सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी
क्या है अनिल सहनी पर आरोपः अनिल सहनी जेडीयू से 2010 से लेकर 2018 तक दो बार बिहार से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे. सहनी फिलहाल बिहार से आरजेडी के विधायक हैं. अनिल सहनी पर आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहते उन्होंने बिना कोई यात्रा किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिये 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी. सहनी पर आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहते उन्होंने बिना कोई यात्रा किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिये 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी.
क्या है एलटीसी घोटालाः अवकाश और बिना यात्रा किए लाखों रुपये का भत्ता लिए जाने के एलटीसी घोटाले के मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग ने इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किया था. सीबीआई ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. अवकाश और बिना यात्रा किए लाखों रुपये का भत्ता लिए जाने के एलटीसी घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर 2013 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था. कोर्ट ने पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल कुमार सहनी के साथ-साथ एयर इंडिया के तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट (ट्रैफिक) एनएस नायर और अरविंद तिवारी को 2 साल की सजा सुनाई थी. साथ ही सभी पर 3 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.