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'6 साल में जहरीली शराब से बिहार में 1000 लोगों की मौत, सरकार छुपा रही आंकड़े' - SP Santosh Kumar

सारण में जहरीली शराबकांड (Saran Hooch Tragedy) को लेकर बीजेपी राज्यसभा सासंद सुशील मोदी सीएम नीतीश कुमार को घेरने में लगे हैं. उन्होंने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शराब पीकर मरने वालों से कोई सहानुभूति इनको नहीं है. भाजपा के बारे में सदन में बोलते हैं कि ये सब शराबी हैं. भगाओ इनको, बर्बाद हो जाओगे. पढ़ें पूरी खबर...

बीजेपी राज्यसभा सासंद सुशील मोदी
बीजेपी राज्यसभा सासंद सुशील मोदी
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Published : Dec 18, 2022, 11:06 PM IST

पटना: छपरा में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात कर बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (BJP Rajya Sabha MP Sushil Modi) ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमला तेज कर दिया है. सुशील मोदी ने कहा कि 6 साल में 1000 से अधिक लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई है. लेकिन बिहार सरकार मौत का आंकड़ा छिपा रही है. पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर और फिर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा कि छपरा जहरीली शराब कांड में मरने वालों की संख्या 100 पार कर चुकी है. यदि सदर अस्पताल छपरा एवं मसरख पीएचसी में डॉक्टर, नर्स, एंबुलेंस, स्ट्रेचर, दवा की व्यवस्था रहती तो दर्जनों लोगों को बचाया जा सकता था.

ये भी पढ़ें- Bihar Hooch Tragedy: उपेन्द्र कुशवाहा ने बम बनाने वालों से की जहरीली शराब से मरने वालों की तुलना

सुशील मोदी ने सीएम नीतीश कुमार पर साधा निशाना : राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पूरे इलाके में पुलिस ने आतंक, भय का माहौल पैदा कर दिया है. पुलिस ने बड़ी संख्या में लाशों को बिना पोस्टमार्टम के जलवा दिया. मशरख थाने में जब्त शराब की आपूर्ति जहरीली शराब बनाने वालों से की गई थी. मरने वाले अधिकांश अत्यंत गरीब तथा दलित, अति पिछड़ा हैं. सरकार मरने वालों के आंकड़े को छुपा रही है. पिछले 6 वर्षों में बिहार में 1000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.

सुशील मोदी ने बिहार सरकार पर बोला हमला : सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार के अनुसार केवल 23 मौतें हुई है. 2016 में गोपालगंज के खजूरबन्नी में 19 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि बिहार सरकार ने भारत सरकार को जो रिपोर्ट भेजा है, उसके अनुसार 2016 में 6 मौत हुई है. खजूरबन्नी में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि यदि जहरीली शराब से मौत प्रमाणित हो गई तो चार लाख मुआवजा दिया जाएगा. बिहार उत्पाद अधिनियम, 2016 की धारा 42 में 4-4 लाख भुगतान गोपालगंज शराब कांड में 14 परिवारों को दिया गया. तो फिर सारण के मृतक परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं?.

'पीड़ित परिवार को मुआवजा दे सरकार' : उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, वामपंथी पार्टियां चुप क्यों है?. बिहार में शराब नीति पूरी तरह से फेल हो गई है. 30 हजार करोड़ से ज्यादा के राजस्व नुकसान के बावजूद 4 लाख लोगों को जेलों में बंद कर दिया गया और 1 हजार से ज्यादा मर (Bihar Hooch Tragedy) गए. पुलिस और प्रशासन ने 10 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई की है. अवैध शराब का धंधा गांव-गांव तक पहुंच चुका है. अब उसे रोकना बहुत कठिन है. शायद बिहार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव रोक पाएं?, उन्हें जल्द से जल्द मुख्यमंत्री बना देना चाहिए. क्योंकि अवैध व्यापार से राजद समर्थक ज्यादा जुड़े हैं. वे अपने लोगों को रोक सकते हैं?.

CM नीतीश कुमार के बयान पर सुशील मोदी ने कसा तंज : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सीएम नीतीश कुमार के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि जो पिएगा, वो मरेगा. ये बयान कतई सही नहीं है. उनके प्रति सीएम को कोई सहानुभूति नहीं है. शराब पीने वाले हिंदुस्तानी नहीं थे क्या?. शराब पीकर मरने वालों से कोई सहानुभूति इनको नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा के बारे में सदन में बोलते हैं कि ये सब शराबी हैं. भगाओ इनको, बर्बाद हो जाओगे. सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा पूर्ण शराब बंदी के पक्ष में है. लेकिन सीएम नीतीश कुमार जी से बिहार संभल नहीं रहा है, उनको त्यागपत्र दे देना चाहिए.

सारण में जहरीली शराब पीने से मचा मौत का तांडव : गौरतलब है कि सारण में जहरीली शराब पीने से मौत का तांडव मचा हुआ है. यहां हर रोज जहरीली शराब से सेवन करने वाले लोगों की मौतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. अबतक 75 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं शराब से मौत मामले को लेकर सूबे की सियासत भी गरमायी हुई है. विधानसभा में इस मामले को लेकर जमकर हंगामा मचा. इस मामले में एसपी ने 72 घंटे के अंदर 213 लोगों के पकड़े जाने की बात कही है. इनमें से कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस आरोपी गुड्डू पांडे और अनिल सिंह को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.

67 लोगों की मौत की पुष्टि : आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. बीमार लोगों का इलाज छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में चल रहा है. जहरीली शराब पीने से अब तक 25 लोगों की आखों की रोशनी भी चली गई है. अधिकारिक तौर पर अब तक 67 मौतों की पुष्टि की गई है. वहीं, इस मामले में थानेदार और चौकीदार पर गाज गिरी है. एसपी संतोष कुमार (SP Santosh Kumar) ने दोनों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. SDPO का ट्रांसफर किया गया है. मढ़ौरा डीएसपी पर भी तबादले की तलवार लटकी है.

पटना: छपरा में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात कर बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (BJP Rajya Sabha MP Sushil Modi) ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमला तेज कर दिया है. सुशील मोदी ने कहा कि 6 साल में 1000 से अधिक लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई है. लेकिन बिहार सरकार मौत का आंकड़ा छिपा रही है. पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर और फिर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा कि छपरा जहरीली शराब कांड में मरने वालों की संख्या 100 पार कर चुकी है. यदि सदर अस्पताल छपरा एवं मसरख पीएचसी में डॉक्टर, नर्स, एंबुलेंस, स्ट्रेचर, दवा की व्यवस्था रहती तो दर्जनों लोगों को बचाया जा सकता था.

ये भी पढ़ें- Bihar Hooch Tragedy: उपेन्द्र कुशवाहा ने बम बनाने वालों से की जहरीली शराब से मरने वालों की तुलना

सुशील मोदी ने सीएम नीतीश कुमार पर साधा निशाना : राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पूरे इलाके में पुलिस ने आतंक, भय का माहौल पैदा कर दिया है. पुलिस ने बड़ी संख्या में लाशों को बिना पोस्टमार्टम के जलवा दिया. मशरख थाने में जब्त शराब की आपूर्ति जहरीली शराब बनाने वालों से की गई थी. मरने वाले अधिकांश अत्यंत गरीब तथा दलित, अति पिछड़ा हैं. सरकार मरने वालों के आंकड़े को छुपा रही है. पिछले 6 वर्षों में बिहार में 1000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.

सुशील मोदी ने बिहार सरकार पर बोला हमला : सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार के अनुसार केवल 23 मौतें हुई है. 2016 में गोपालगंज के खजूरबन्नी में 19 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि बिहार सरकार ने भारत सरकार को जो रिपोर्ट भेजा है, उसके अनुसार 2016 में 6 मौत हुई है. खजूरबन्नी में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि यदि जहरीली शराब से मौत प्रमाणित हो गई तो चार लाख मुआवजा दिया जाएगा. बिहार उत्पाद अधिनियम, 2016 की धारा 42 में 4-4 लाख भुगतान गोपालगंज शराब कांड में 14 परिवारों को दिया गया. तो फिर सारण के मृतक परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं?.

'पीड़ित परिवार को मुआवजा दे सरकार' : उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, वामपंथी पार्टियां चुप क्यों है?. बिहार में शराब नीति पूरी तरह से फेल हो गई है. 30 हजार करोड़ से ज्यादा के राजस्व नुकसान के बावजूद 4 लाख लोगों को जेलों में बंद कर दिया गया और 1 हजार से ज्यादा मर (Bihar Hooch Tragedy) गए. पुलिस और प्रशासन ने 10 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई की है. अवैध शराब का धंधा गांव-गांव तक पहुंच चुका है. अब उसे रोकना बहुत कठिन है. शायद बिहार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव रोक पाएं?, उन्हें जल्द से जल्द मुख्यमंत्री बना देना चाहिए. क्योंकि अवैध व्यापार से राजद समर्थक ज्यादा जुड़े हैं. वे अपने लोगों को रोक सकते हैं?.

CM नीतीश कुमार के बयान पर सुशील मोदी ने कसा तंज : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सीएम नीतीश कुमार के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि जो पिएगा, वो मरेगा. ये बयान कतई सही नहीं है. उनके प्रति सीएम को कोई सहानुभूति नहीं है. शराब पीने वाले हिंदुस्तानी नहीं थे क्या?. शराब पीकर मरने वालों से कोई सहानुभूति इनको नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा के बारे में सदन में बोलते हैं कि ये सब शराबी हैं. भगाओ इनको, बर्बाद हो जाओगे. सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा पूर्ण शराब बंदी के पक्ष में है. लेकिन सीएम नीतीश कुमार जी से बिहार संभल नहीं रहा है, उनको त्यागपत्र दे देना चाहिए.

सारण में जहरीली शराब पीने से मचा मौत का तांडव : गौरतलब है कि सारण में जहरीली शराब पीने से मौत का तांडव मचा हुआ है. यहां हर रोज जहरीली शराब से सेवन करने वाले लोगों की मौतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. अबतक 75 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं शराब से मौत मामले को लेकर सूबे की सियासत भी गरमायी हुई है. विधानसभा में इस मामले को लेकर जमकर हंगामा मचा. इस मामले में एसपी ने 72 घंटे के अंदर 213 लोगों के पकड़े जाने की बात कही है. इनमें से कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस आरोपी गुड्डू पांडे और अनिल सिंह को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.

67 लोगों की मौत की पुष्टि : आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. बीमार लोगों का इलाज छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में चल रहा है. जहरीली शराब पीने से अब तक 25 लोगों की आखों की रोशनी भी चली गई है. अधिकारिक तौर पर अब तक 67 मौतों की पुष्टि की गई है. वहीं, इस मामले में थानेदार और चौकीदार पर गाज गिरी है. एसपी संतोष कुमार (SP Santosh Kumar) ने दोनों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. SDPO का ट्रांसफर किया गया है. मढ़ौरा डीएसपी पर भी तबादले की तलवार लटकी है.

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