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Bihar Budget 2023: बजट यथास्थितिवादी, केंद्र सरकार की मदद पर आश्रित - सुशील मोदी

राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (BJP Rajya Sabha MP Sushil Modi) ने बिहार बजट 2023 को लेकर सीएम नीतीश पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये बजट केंद्र सरकार पर आश्रित है. ये किसी भी तरह से राज्य के हित में नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

राज्यसभा सांसद सुशील मोदी
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Published : Feb 28, 2023, 11:03 PM IST

पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बिहार बजट को लेकर कहा कि महागठबंधन सरकार का पहला बजट यथास्थितिवादी और केंद्र (Bihar Budget 2023) पर आश्रित बजट है. इस बजट से रोजगार के अवसर पैदा नहीं होंगे. इसके साथ ही उन्होंने पूंजीगत परिव्यय में 492.33 करोड़ की कमी चिंता का विषय है. सुशील मोदी ने कहा कि 1लाख करोड़ के योजना व्यय में इस साल कोई वृद्धि नहीं की गई इसलिए ग्रामीण विकास, समाज कल्याण और कृषि जैसे 10 महत्वपूर्ण विभागों के बजटमें भी कोई बढोतरी नहीं हुई.

ये भी पढे़ं- Bihar Budget 2023: बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने बिहार बजट का किया स्वागत, वन नेशन वन टैरिफ की मांग

बिहार 2023 का बजट पेश : बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहार बजट 2023 को लेकरल कहा कि- "शिक्षा विभाग के बजट में मात्र 2 करोड़ की वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है. बिहार के 2023-24 के पूरे बजट की 60 फीसद राशि (1लाख 56 हजार करोड़ रुपये) केंद्रीय सहायता से प्राप्त होगी. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम नरेंद्र मोदी को थैंक्यू कहना चाहिए. पूंजीगत परिव्यय, यानी निर्माण कार्यों पर खर्च में पिछले साल की अपेक्षा 492.33 करोड़ की कमी चिंता का विषय है, इससे बेरोजगारी बढ़ेगी."

"बिहार बजट 2023 में कुछ नया नहीं" : बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि बजट में पूंजीगत परिव्यय के लिए 29257 करोड़ का प्रावधान किया गया है. यह राशि वर्ष 2021-22 की तुलना में 1546 करोड़ रुपये कम है. उन्होंने बिहार बजट 2023 को लेकर कहा कि बिहार को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 1,02,737 करोड़ रुपये मिलेंगे. यह पिछले साल की तुलना में 11,556 करोड़ रुपये अधिक है. सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय अनुदान के तौर पर राज्य को 53,337 करोड़ करोड़ रुपये मिलेंगे. उन्होंने कहा कि यह बजट अपने संसाधन बढ़ाने में नीतीश सरकार की वित्तीय विफलता का निराशाजनक दस्तावेज है.

पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बिहार बजट को लेकर कहा कि महागठबंधन सरकार का पहला बजट यथास्थितिवादी और केंद्र (Bihar Budget 2023) पर आश्रित बजट है. इस बजट से रोजगार के अवसर पैदा नहीं होंगे. इसके साथ ही उन्होंने पूंजीगत परिव्यय में 492.33 करोड़ की कमी चिंता का विषय है. सुशील मोदी ने कहा कि 1लाख करोड़ के योजना व्यय में इस साल कोई वृद्धि नहीं की गई इसलिए ग्रामीण विकास, समाज कल्याण और कृषि जैसे 10 महत्वपूर्ण विभागों के बजटमें भी कोई बढोतरी नहीं हुई.

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बिहार 2023 का बजट पेश : बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहार बजट 2023 को लेकरल कहा कि- "शिक्षा विभाग के बजट में मात्र 2 करोड़ की वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है. बिहार के 2023-24 के पूरे बजट की 60 फीसद राशि (1लाख 56 हजार करोड़ रुपये) केंद्रीय सहायता से प्राप्त होगी. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम नरेंद्र मोदी को थैंक्यू कहना चाहिए. पूंजीगत परिव्यय, यानी निर्माण कार्यों पर खर्च में पिछले साल की अपेक्षा 492.33 करोड़ की कमी चिंता का विषय है, इससे बेरोजगारी बढ़ेगी."

"बिहार बजट 2023 में कुछ नया नहीं" : बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि बजट में पूंजीगत परिव्यय के लिए 29257 करोड़ का प्रावधान किया गया है. यह राशि वर्ष 2021-22 की तुलना में 1546 करोड़ रुपये कम है. उन्होंने बिहार बजट 2023 को लेकर कहा कि बिहार को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 1,02,737 करोड़ रुपये मिलेंगे. यह पिछले साल की तुलना में 11,556 करोड़ रुपये अधिक है. सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय अनुदान के तौर पर राज्य को 53,337 करोड़ करोड़ रुपये मिलेंगे. उन्होंने कहा कि यह बजट अपने संसाधन बढ़ाने में नीतीश सरकार की वित्तीय विफलता का निराशाजनक दस्तावेज है.

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