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Bihar Politics: सुधाकर सिंह पर कार्रवाई को लेकर BJP ने उठाए सवाल, क्या जाति देखकर होता है एक्शन?

सुधाकर सिंह के बगावती तेवर के चलते उन्हें आरजेडी ने कारण बताओ नोटिस जारी (RJD notice to Sudhakar Singh) किया है. इस मामले में बीजेपी भी अब हमलावर हो गई है. बीजेपी ने पूछा है कि बयानबाजी तो चंद्रशेखर और विजय मंडल ने भी की लेकिन कार्रवाई सिर्फ सुधाकर सिंह पर ही क्यों हो रही है? क्या राष्ट्रीय जनता दल जाति देखकर एक्शन लेती है? पढ़ें Bihar Politics -

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सुधाकर सिंह को नोटिस पर बीजेपी ने उठाए सवाल
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Published : Jan 20, 2023, 8:03 AM IST

Updated : Jan 20, 2023, 9:08 AM IST

सुधाकर सिंह को नोटिस पर बीजेपी ने उठाए सवाल

पटना: राजद विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर पार्टी की तरफ से जारी किए गए शो कॉज नोटिस ने विपक्ष को एक बार और हमला करने का मौका दे दिया है. दरअसल राज्य में सुधाकर सिंह ही नहीं बल्कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और दिनारा के विधायक विजय कुमार मंडल ने भी ऐसे बयान दिए थे, जिससे रातों-रात चर्चा फैल गई थी. अब पार्टी ने सुधाकर सिंह पर शो कॉज नोटिस जारी कर दिया है. लेकिन, बीजेपी यह कह कर हमला कर रही है कि कार्रवाई तो हुई लेकिन एक तरफा क्यों?

ये भी पढ़ें- Bihar Politics: सुधाकर सिंह पर कार्रवाई को लेकर बोले तेजस्वी..'स्पष्टीकरण के जवाब का कर रहे इंतजार'




पार्टी लाइन से हटकर दिया बयान: दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र और विधायक सुधाकर सिंह ने हाल के दिनों में एक के बाद एक कई ऐसे बयान दिए, जिससे महागठबंधन में राजद और जदयू के बीच असहज स्थिति उत्पन्न हो गई. खास बात यह कि सुधाकर सिंह के निशाने पर महागठबंधन नहीं, बल्कि सीएम नीतीश कुमार थे. दरअसल, सुधाकर ने पार्टी लाइन से हटकर बगावती तेवर अख्तियार किया था. जिसके बाद पार्टी ने उन पर कार्रवाई की है.


सुधाकर नीतीश पर रहे हैं हमलावर: दरअसल, सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'हिटलर' कहा था. पटना में बयान देते हुए उन्होंने उनको 'शिखंडी' कहा. कैमूर में उन्होंने नीतीश कुमार को 'भिखमंगा' तक कह दिया था. हाल ही में खगड़िया में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया था कि नीतीश कुमार को 'टेकुआ की तरह सीधा' कर दिया जाएगा. सीएम नीतीश कुमार पर बयानबाजी होते देख जेडीयू भी जवाब देने की मुद्रा में आ गई. जेडीयू के नेताओं ने इसे लेकर अपनी नाखुशी भी जाहिर की.

चंद्रशेखर और विजय मंडल भी दे चुके हैं विवादित बयान: चंद्रशेखर ने जहां नीतीश कुमार पर अटैक किया, वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और दिनारा के राजद विधायक विजय मंडल ने भी विवादास्पद बयान देकर महागठबंधन के माहौल को ही गरम कर दिया. हालांकि विजय मंडल ने अपने बयान पर चौबीस घंटे के बाद ही यू टर्न ले लिया. जबकि चंद्र शेखर अपने बयान पर अड़े रहे. बयान तीन विधायक ने दिया जबकि शो काज एक को ही दिया गया.

बीजेपी ने किया सवाल: आरजेडी की तरफ से की गई कार्रवाई पर पर सवाल उठाते हुए बीजेपी के प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा था कि 'तेजस्वी यादव की कथनी और करनी में काफी फर्क है. तेजस्वी बात तो ए टू जेड की करते हैं, लेकिन जब कार्रवाई की बात आती है तो भेदभाव साफ नजर आता है.' राज्य में सौहार्द बिगाड़ने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को तेजस्वी संरक्षण दे रहे हैं जबकि अगड़ी जाति से आने वाले नेता सुधाकर सिंह पर कार्रवाई की जा रही है.



पार्टी विरोधी गतिविधि पर हुई कार्रवाई- RJD: हालांकि, इस कार्रवाई के बाद विपक्ष की तरफ से उठाए गए सवाल से राजद इत्तेफाक नहीं रखती है. पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव कहते हैं, यह सवाल तो कहीं से बनता ही नहीं है. सुधाकर सिंह ने गठबंधन धर्म पार्टी की नीति, पार्टी के निर्णय के विरोध में जाने के बाद लगातार बीजेपी के लाइनों को अपनाते रहे. बीजेपी उनकी भाषा को सराहती रही. स्वभाविक तौर पर पार्टी अपने आचार संहित से बंधी हुई है. राष्ट्रीय नेतृत्व ने संज्ञान लेकर कार्रवाई की. कोई भी हो धर्म या मजहब देखकर राजद कार्रवाई या नोटिस नहीं देती.

''अतीत के पन्नों को उलट कर देखा जाए जो भी पार्टी की नीति के खिलाफ गए हैं, सब पर कार्रवाई हुई है. सब को नोटिस दिया गया है. धर्म, जात और मजहब को राजनीति में नहीं लाते हैं. जबकि भारतीय जनता पार्टी की फितरत है कि जब वह मुद्दा विहीन होती है तो जाति, धर्म और मजहब की बात करती है. प्रज्ञा ठाकुर पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? नरेश अग्रवाल पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? यूपी के मंत्री संजय निषाद पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या जात देखी गई है? ऐसा नहीं होता है. जो पार्टी के सिद्धांत पार्टी के निर्णय के विरूद्ध जाता है पार्टी संज्ञान लेती ही रहती है.''- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

आरजेडी सवर्ण विरोधी- BJP : बीजेपी के प्रवक्ता संतोष पाठक कहते हैं, संविधान की दुहाई देने वाले राजद और जदयू से मैं सवाल पूछता हूं? क्या भारत के संविधान में जातिवादी समाजवाद की बात है या कल्याणकारी समाजवाद की बात है? साधारण तौर पर सबको पता है कि देश का संविधान कल्याणकारी समाजवाद की बात कहता है. यह विश्वास आज से नहीं बहुत वर्षों से है. अटल बिहारी बाजपेई ने भी इसे प्रतिपादित किया था. उसके पहले जेपी ने भी प्रतिपादित किया था. देश के सर्वथा योग्य नेताओं ने इसे परिभाषित किया है कि देश में समाजवाद की परिकल्पना कैसी होनी चाहिए?

''मेरा राजद और जदयू से एक सवाल है कि जब कार्रवाई करने की बात आती है तो जदयू के लोग भी अपराधियों पर जाति खोजने लगते हैं, दूसरी उसी प्रकार से जब राजद पर कार्रवाई करने की बात आई तो सुधाकर सिंह पर तो उन्होंने कार्रवाई कर दी. लेकिन चंद्रशेखर पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की. स्पष्ट तौर पर दिखने में लगता है कि राजद सवर्णों की विरोधी है.''- संतोष पाठक, बीजेपी प्रवक्ता


वोट बैंक खिसकने का डर? : वरिष्ठ पत्रकार और राज्य की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले मनोज पाठक कहते हैं, राजद के तीन नेताओं शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, सुधाकर सिंह और विजय मंडल अपने विवादास्पद बयानों को लेकर चर्चा में हैं. ऐसे में जदयू द्वारा कार्रवाई की मांग उठी तो राजद के शीर्ष नेतृत्व ने सुधाकर सिंह पर तो कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई करने की खानापूर्ति का संदेश जरूर दे दिया है. उनके शेष दो नेता विजय मंडल और चंद्रशेखर पर अब तक एक्शन की कोई पहल नहीं की गई है. ऐसे में प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या राज्य कार्रवाई में भी जात पात दिखती है?

''अगर कुल मिलाकर देखा जाए तेजस्वी यादव के हाथ में जब से राजद की कमान गई है, तब से वह ए टू जेड की बात करके सवर्णों को खुश जरूर करना चाहते हैं. लेकिन अपने वोट बैंक के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहते हैं. इसलिए यह माना जा रहा है कि सुधाकर सिंह जो जगदानंद सिंह के पुत्र हैं राजपूत जाति से आते हैं उन पर कारवाई कर दी गई.''- मनोज पाठक, पॉलिटिकल एक्सपर्ट

सुधाकर सिंह को नोटिस पर बीजेपी ने उठाए सवाल

पटना: राजद विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर पार्टी की तरफ से जारी किए गए शो कॉज नोटिस ने विपक्ष को एक बार और हमला करने का मौका दे दिया है. दरअसल राज्य में सुधाकर सिंह ही नहीं बल्कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और दिनारा के विधायक विजय कुमार मंडल ने भी ऐसे बयान दिए थे, जिससे रातों-रात चर्चा फैल गई थी. अब पार्टी ने सुधाकर सिंह पर शो कॉज नोटिस जारी कर दिया है. लेकिन, बीजेपी यह कह कर हमला कर रही है कि कार्रवाई तो हुई लेकिन एक तरफा क्यों?

ये भी पढ़ें- Bihar Politics: सुधाकर सिंह पर कार्रवाई को लेकर बोले तेजस्वी..'स्पष्टीकरण के जवाब का कर रहे इंतजार'




पार्टी लाइन से हटकर दिया बयान: दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र और विधायक सुधाकर सिंह ने हाल के दिनों में एक के बाद एक कई ऐसे बयान दिए, जिससे महागठबंधन में राजद और जदयू के बीच असहज स्थिति उत्पन्न हो गई. खास बात यह कि सुधाकर सिंह के निशाने पर महागठबंधन नहीं, बल्कि सीएम नीतीश कुमार थे. दरअसल, सुधाकर ने पार्टी लाइन से हटकर बगावती तेवर अख्तियार किया था. जिसके बाद पार्टी ने उन पर कार्रवाई की है.


सुधाकर नीतीश पर रहे हैं हमलावर: दरअसल, सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'हिटलर' कहा था. पटना में बयान देते हुए उन्होंने उनको 'शिखंडी' कहा. कैमूर में उन्होंने नीतीश कुमार को 'भिखमंगा' तक कह दिया था. हाल ही में खगड़िया में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया था कि नीतीश कुमार को 'टेकुआ की तरह सीधा' कर दिया जाएगा. सीएम नीतीश कुमार पर बयानबाजी होते देख जेडीयू भी जवाब देने की मुद्रा में आ गई. जेडीयू के नेताओं ने इसे लेकर अपनी नाखुशी भी जाहिर की.

चंद्रशेखर और विजय मंडल भी दे चुके हैं विवादित बयान: चंद्रशेखर ने जहां नीतीश कुमार पर अटैक किया, वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और दिनारा के राजद विधायक विजय मंडल ने भी विवादास्पद बयान देकर महागठबंधन के माहौल को ही गरम कर दिया. हालांकि विजय मंडल ने अपने बयान पर चौबीस घंटे के बाद ही यू टर्न ले लिया. जबकि चंद्र शेखर अपने बयान पर अड़े रहे. बयान तीन विधायक ने दिया जबकि शो काज एक को ही दिया गया.

बीजेपी ने किया सवाल: आरजेडी की तरफ से की गई कार्रवाई पर पर सवाल उठाते हुए बीजेपी के प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा था कि 'तेजस्वी यादव की कथनी और करनी में काफी फर्क है. तेजस्वी बात तो ए टू जेड की करते हैं, लेकिन जब कार्रवाई की बात आती है तो भेदभाव साफ नजर आता है.' राज्य में सौहार्द बिगाड़ने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को तेजस्वी संरक्षण दे रहे हैं जबकि अगड़ी जाति से आने वाले नेता सुधाकर सिंह पर कार्रवाई की जा रही है.



पार्टी विरोधी गतिविधि पर हुई कार्रवाई- RJD: हालांकि, इस कार्रवाई के बाद विपक्ष की तरफ से उठाए गए सवाल से राजद इत्तेफाक नहीं रखती है. पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव कहते हैं, यह सवाल तो कहीं से बनता ही नहीं है. सुधाकर सिंह ने गठबंधन धर्म पार्टी की नीति, पार्टी के निर्णय के विरोध में जाने के बाद लगातार बीजेपी के लाइनों को अपनाते रहे. बीजेपी उनकी भाषा को सराहती रही. स्वभाविक तौर पर पार्टी अपने आचार संहित से बंधी हुई है. राष्ट्रीय नेतृत्व ने संज्ञान लेकर कार्रवाई की. कोई भी हो धर्म या मजहब देखकर राजद कार्रवाई या नोटिस नहीं देती.

''अतीत के पन्नों को उलट कर देखा जाए जो भी पार्टी की नीति के खिलाफ गए हैं, सब पर कार्रवाई हुई है. सब को नोटिस दिया गया है. धर्म, जात और मजहब को राजनीति में नहीं लाते हैं. जबकि भारतीय जनता पार्टी की फितरत है कि जब वह मुद्दा विहीन होती है तो जाति, धर्म और मजहब की बात करती है. प्रज्ञा ठाकुर पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? नरेश अग्रवाल पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? यूपी के मंत्री संजय निषाद पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या जात देखी गई है? ऐसा नहीं होता है. जो पार्टी के सिद्धांत पार्टी के निर्णय के विरूद्ध जाता है पार्टी संज्ञान लेती ही रहती है.''- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

आरजेडी सवर्ण विरोधी- BJP : बीजेपी के प्रवक्ता संतोष पाठक कहते हैं, संविधान की दुहाई देने वाले राजद और जदयू से मैं सवाल पूछता हूं? क्या भारत के संविधान में जातिवादी समाजवाद की बात है या कल्याणकारी समाजवाद की बात है? साधारण तौर पर सबको पता है कि देश का संविधान कल्याणकारी समाजवाद की बात कहता है. यह विश्वास आज से नहीं बहुत वर्षों से है. अटल बिहारी बाजपेई ने भी इसे प्रतिपादित किया था. उसके पहले जेपी ने भी प्रतिपादित किया था. देश के सर्वथा योग्य नेताओं ने इसे परिभाषित किया है कि देश में समाजवाद की परिकल्पना कैसी होनी चाहिए?

''मेरा राजद और जदयू से एक सवाल है कि जब कार्रवाई करने की बात आती है तो जदयू के लोग भी अपराधियों पर जाति खोजने लगते हैं, दूसरी उसी प्रकार से जब राजद पर कार्रवाई करने की बात आई तो सुधाकर सिंह पर तो उन्होंने कार्रवाई कर दी. लेकिन चंद्रशेखर पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की. स्पष्ट तौर पर दिखने में लगता है कि राजद सवर्णों की विरोधी है.''- संतोष पाठक, बीजेपी प्रवक्ता


वोट बैंक खिसकने का डर? : वरिष्ठ पत्रकार और राज्य की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले मनोज पाठक कहते हैं, राजद के तीन नेताओं शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, सुधाकर सिंह और विजय मंडल अपने विवादास्पद बयानों को लेकर चर्चा में हैं. ऐसे में जदयू द्वारा कार्रवाई की मांग उठी तो राजद के शीर्ष नेतृत्व ने सुधाकर सिंह पर तो कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई करने की खानापूर्ति का संदेश जरूर दे दिया है. उनके शेष दो नेता विजय मंडल और चंद्रशेखर पर अब तक एक्शन की कोई पहल नहीं की गई है. ऐसे में प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या राज्य कार्रवाई में भी जात पात दिखती है?

''अगर कुल मिलाकर देखा जाए तेजस्वी यादव के हाथ में जब से राजद की कमान गई है, तब से वह ए टू जेड की बात करके सवर्णों को खुश जरूर करना चाहते हैं. लेकिन अपने वोट बैंक के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहते हैं. इसलिए यह माना जा रहा है कि सुधाकर सिंह जो जगदानंद सिंह के पुत्र हैं राजपूत जाति से आते हैं उन पर कारवाई कर दी गई.''- मनोज पाठक, पॉलिटिकल एक्सपर्ट

Last Updated : Jan 20, 2023, 9:08 AM IST
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