पटना : केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह को लेकर (RCP Singh Rajya Sabha Candidate) जेडीयू के अंदर भी हलचल मची है. गुरुवार देर शाम नीतीश कुमार और ललन सिंह के साथ आरसीपी सिंह की 1 घंटे तक चली वार्ता के बाद जल्द ही जदयू के उम्मीदवारों को लेकर भी घोषणा होने की उम्मीद है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने भी कहा है कि जेडीयू के सर्वमान्य नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के हित में फैसला लेंगे. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा है कि आरसीपी सिंह जदयू के वरिष्ठ नेता है और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री भी हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा राज्यसभा उम्मीदवारी के लिए कंट्रोवर्सी नहीं होना चाहिए और जदयू के वरिष्ठ नेता मिल बैठकर उचित फैसला जरूर लेंगे.
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'सीएम नीतीश कुमार जेडीयू के सर्वमान्य नेता हैं. आरसीपी सिंह के राज्यसभा उम्मीदवारी को लेकर वो बिहार के हित में ही फैसला लेंगे. इसमें कोई कंट्रोवर्सी नहीं होना चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी सोच समझकर उचित निर्णय लेंगे. जो कुछ भी हकीकत है वो जल्द सामने आ जाएगा'- अरविंद सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी, बिहार
बता दें कि केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आरसीपी सिंह के राज्यसभा (Rajya Sabha Elections 2022) टिकट पर फैसला नहीं लिया जा सका है. आरसीपी सिंह और उनके समर्थकों की निगाहें अब नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर टिकी हैं. आरसीपी सिंह की बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों ने भी सीएम नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है. इस बीच दिल्ली से पटना लौटे सिंह ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि राज्यसभा भेजना सीएम के हाथ में है.
ललन-उपेंद्र ने बढ़ाई आरसीपी की मुसीबत : इधर आरसीपी सिंह के खिलाफ ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा मजबूती से लगे हैं. दोनों नेताओं की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 7 सर्कुलर रोड में मुलाकात भी हुई है.आरसीपी सिंह भी मानते हैं कि टिकट पर अंतिम फैसला नीतीश कुमार को करना है.आरसीपी सिंह ने अपने बयान में कहा कि राज्यसभा टिकट पर फैसला नीतीश कुमार को लेना है जाहिर तौर पर उन्हें ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा से उम्मीद नहीं है. उनके बयानों से यह भी स्पष्ट है कि उनके राह में रोड़ा ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा हैं.
''मैंने जदयू में आरंभ से संगठन के विस्तार के लिए काम किया. हर समय कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए प्रयास किए. पार्टी को कैसे बूथ स्तर पर पुहंचाया जाय इसके लिए पूरी लगन से काम किया. अब पार्टी को फैसला करना है कि उन्होंने जदयू के लिए क्या किया. पार्टी के संगठन महासचिव व राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में बिहार का दौरा कर कार्यकर्ताओं के सुख दुख में शामिल हुआ. अब जदयू कैडर बेस पार्टी बनकर अन्य दलों से मजबूत स्थिति में है.''- रामचन्द्र प्रसाद सिंह, केन्द्रीय इस्पात मंत्री
10 जून को मतदान: बिहार समेत पंद्रह राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों (5 सीट बिहार की) के लिए 10 जून को चुनाव होंगे. जून और अगस्त महीने के बीच इन सीटों का प्रतिनिधित्व कर रहे सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इन चुनावों के नतीजे आने के बाद उच्च सदन में जहां अकाली दल का प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाने के आसार हैं, वहीं हाल ही में राज्यसभा में 100 सदस्यों का आंकड़ा पार करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संख्या कम होने की संभावना है.
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