पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 और 24 सितंबर को बिहार के सीमांचल (Amit Shah Seemanchal Visit) के दौरे पर आ रहे हैं. अमित शाह सीमांचल से ही मिशन 2024 का आगाज करेंगे. सीमांचल में बड़ी रैली की योजना भी है. अमित शाह के दौरे से पूर्व बिहार में सियासत शुरू हो गई है. महागठबंधन भी रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन के मूड में है. भाजपा ने इसको लेकर महागठबंधन पर निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा कि अमित शाह के सीमांचल दौरे से पीएफआई घबरा गई है. जैसे सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल होने वाली संगठन को बौद्धिक और नैतिक समर्थन देने वाली महागठबंधन की पार्टियों में खलबली है.
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बोले भाजपा प्रवक्ता- 'महागठबंधन की रैली होगी फ्लॉप': भाजपा प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह (BJP Spokesperson Dr Ram Sagar Singh) ने कहा कि अमित शाह के दौरे से जदयू, राजद, कांग्रेस और माले सभी पार्टियां घबरा गई हैं. अब महागठबंधन रैली ( Mahagatbandhan Rally In Seemanchal) की बात कर रही है लेकिन जनता का समर्थन इन लोगों को मिलने वाला नहीं है. भारत के हितों के खिलाफ महागठबंधन के नेता हैं. इनकी रैली फ्लॉप होगी.
"एक तरफ भारत की हितों की रक्षा करने वाली जनता है तो दूसरी तरफ भारत के हितों पर चोट पहुंचाने वाले नेता खड़े होंगे. महागठबंधन की रैली फ्लॉप साबित होगी."- डॉ राम सागर सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
सीमांचल में रैली करेंगे अमित शाह: अमित शाह का दौरा सीमांचल क्षेत्र में होने वाला है. पहले पूर्णिया में 23 सितंबर को सभा करेंगे और फिर 24 सितंबर को किशनगंज में जनसभा करेंगे. जदयू ने सीमांचल को ही जनसभा के लिए चुनने पर अमित शाह की मंशा पर सवाल खड़ा किया है. इस मिशन के तहत बीजेपी अपने बड़े नेताओं से बिहार में बड़ी-बड़ी रैलियां करवाएगी और इसकी शुरुआत देश के गृह मंत्री अमित शाह करेंगे.
महागठबंधन के गढ़ में सेंधमारी की कोशिश: सीमांचल में महागठबंधन को मजबूत माना जाता है और बीजेपी की स्थिति यहां अच्छी नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह के जरिए बीजेपी, महागठबंधन के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में है. इसी उद्देश्य से सीमांचल में कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसको देखते हुए सीमांचल इलाके को बीजेपी ने अपना पहला केंद्र बनाया है. एक एमएलसी को छोड़ दें तो यहां से न तो बीजेपी का कोई विधायक है और न ही कोई सांसद है. किशनगंज जिले की 4 विधानसभा सीटों में 3 पर आरजेडी (दो AIMIM विधायक) और एक विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. जबकि 2019 लोकसभा चुनावों में मोदी की जबरदस्त लहर के बावजूद भी किशनगंज लोकसभा सीट कांग्रेस के डॉ. मोहम्मद जावेद ने जीती थी. पूरे बिहार में महागठबंधन की एकमात्र जीती हुई लोकसभा सीट किशनगंज ही थी.
रैली का जवाब रैली से मिलेगा! : एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में रैली का आयोजन होगा. यह रैली साम्प्रदायिक सौहार्द और आपसी एकता बढ़ाने के लिए होगी. मतलब साफ है कि रैली का जवाब रैली से दिया जाएगा.
''23 तारीख के बाद पूर्णिया और कटिहार में महागठबंधन की संयुक्त रैली कीजिए. सद्भाव रैली का आयोजन कीजिए. इस देश के जो शासक हैं उनका रवैया सही नहीं है. देश की जो मूल समस्या मंहगाई और बेरोजगारी है उसपर बात नहीं करते. पूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद पैदा कर रहे हैं.''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू