पटना : मणिपुर हिंसा को लेकर पूर्वोत्तर राज्य के दौरे पर गई 'इंडिया' की टीम लौट आई है. इस मामले पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि ''मणिपुर के राजनीतिक पर्यटन से लौटने पर विपक्षी गठबंधन के सांसदों को पश्चिम बंगाल भी जाना चाहिए. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई व्यापक हिंसा में 100 से ज्यादा कार्यकर्ता मारे गए और महिलाओं के साथ बर्बरता हुई. वहाँ भाजपा के ही नहीं, कांग्रेस, माकपा के भी लोग हिंसा का शिकार हुए और लोकतंत्र का चीरहरण हुआ.''
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बंगाल भी जाएं विपक्षी दल : सुशील मोदी ने कहा कि बंगाल की चुनावी हिंसा रोकने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा और केंद्र सरकार को वहां केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां भेजनी पड़ीं. इसके बावजूद विपक्षी सांसदों ने केवल मणिपुर को टार्गेट किया. हत्या, बलात्कार और बर्बरता घटनाएं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी हुईं, लेकिन विपक्षी गठबंधन ने इन राज्यों के पीड़ितों से जाकर मिलना जरूरी नहीं समझा.
''मणिपुर के मुद्दे पर एक सप्ताह से बाधित संसद को अब विपक्षी गठबंधन के लोग चलने दें, ताकि जनहित के विधायी कार्य पूरे हो सकें. जब लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति मिल गई है, तब सदन को ठीक से चलने देना चाहिए.'' - सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी
भगदड़ बचाने के लिए नीतीश ने की विधायकों से बैठक : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह एक बार फिर अपनी पार्टी के विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के साथ बैठक की उसपर भी सुशील मोदी ने तंज कसा है और कहा है कि अपनी पार्टी में भगदड़ टालने के लिए पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों से मिल रहे हैं और मंत्रियों के घर भी जा रहे हैं.
''जिस नीतीश कुमार ने सत्ता के 17 साल में कभी अपनी पार्टी के वर्तमान सांसदों-विधायकों को भी मिलने का समय नहीं दिया, आज वहीं पूर्व सांसदों-विधायकों से वन-टू-वन में मिल रहे हैं. जाहिर है कि दल में सब-कुछ ठीक नहीं.''- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी