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Women Reservation Bill : 'महिला आरक्षण बिल को कोर्ट के चक्कर में फंसाना चाहते हैं नीतीश' - CM Nitish Kumar

महिला आरक्षण बिल पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष दबाव बनाकर चाहता है कि ये बिल सुप्रीम कोर्ट में फंसना चाहता है. लेकिन, मोदी सरकार पूरी वैधानिकता से इसे 2029 तक लागू करेगी.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 21, 2023, 9:05 PM IST

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार, राबड़ी देवी और कांग्रेस के जो लोग महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं, वे चाहते हैं कि यह विधेयक संसद से पारित होते ही सुप्रीम कोर्ट में जा कर फँस जाए. पूरी वैधानिकता के साथ 2029 में महिला आरक्षण लागू होगा.

ये भी पढ़ें- Bihar Politics : पाला बदलने वाले सवाल पर क्या बोले नीतीश कुमार..? एक क्लिक में जानें सीएम का फ्यूचर प्लान

वैधानिकता के साथ लागू होगा महिला आरक्षण : सुशील मोदी ने कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में दो तिहाई से भी अधिक बहुमत से पारित कराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली सफलता विपक्ष को पच नहीं रही है, इसलिए वे इसके लागू होने पर संदेह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह विधेयक पूरी वैधानिकता के साथ 2029 में अवश्य लागू होगा, यह भरोसा रखना चाहिए.

''बिना जनगणना कराये सरकार यह नहीं तय कर सकती कि कितनी और कौन-कौन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. आजादी के बाद से यही परम्परा रही कि जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन आयोग आरक्षित सीटों का निर्धारण करता है.''- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

..ताकि सुप्रीम कोर्ट में अटके न विधेयक : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि जो लोग जल्दबाजी में महिला आरक्षण को 2024 के संसदीय चुनाव से लागू कराने की बात कर रहे हैं, वही ऐसे कदम के खिलाफ सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट जाएँगे. 1991 में नरसिंह राव की सरकार ने कार्यपालक आदेश जारी कर ऊँची जाति के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दे दिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर आरक्षण रद कर दिया.

'एनडीए सरकार कोई त्रुटि नहीं छोड़ सकती' : प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में जब संविधान संशोधन बिल पास करा कर सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दिया, तब यह न्यायालय में खरा साबित हुआ. यही आरक्षण आज लागू है. महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने का फैसला करने और इसे लागू करने में एनडीए सरकार कोई वैधानिक त्रुटि नहीं छोड़ सकती.

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार, राबड़ी देवी और कांग्रेस के जो लोग महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं, वे चाहते हैं कि यह विधेयक संसद से पारित होते ही सुप्रीम कोर्ट में जा कर फँस जाए. पूरी वैधानिकता के साथ 2029 में महिला आरक्षण लागू होगा.

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वैधानिकता के साथ लागू होगा महिला आरक्षण : सुशील मोदी ने कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में दो तिहाई से भी अधिक बहुमत से पारित कराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली सफलता विपक्ष को पच नहीं रही है, इसलिए वे इसके लागू होने पर संदेह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह विधेयक पूरी वैधानिकता के साथ 2029 में अवश्य लागू होगा, यह भरोसा रखना चाहिए.

''बिना जनगणना कराये सरकार यह नहीं तय कर सकती कि कितनी और कौन-कौन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. आजादी के बाद से यही परम्परा रही कि जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन आयोग आरक्षित सीटों का निर्धारण करता है.''- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

..ताकि सुप्रीम कोर्ट में अटके न विधेयक : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि जो लोग जल्दबाजी में महिला आरक्षण को 2024 के संसदीय चुनाव से लागू कराने की बात कर रहे हैं, वही ऐसे कदम के खिलाफ सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट जाएँगे. 1991 में नरसिंह राव की सरकार ने कार्यपालक आदेश जारी कर ऊँची जाति के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दे दिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर आरक्षण रद कर दिया.

'एनडीए सरकार कोई त्रुटि नहीं छोड़ सकती' : प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में जब संविधान संशोधन बिल पास करा कर सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दिया, तब यह न्यायालय में खरा साबित हुआ. यही आरक्षण आज लागू है. महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने का फैसला करने और इसे लागू करने में एनडीए सरकार कोई वैधानिक त्रुटि नहीं छोड़ सकती.

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