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Bihar Caste Survey Report: 'लालू श्रेय न लूटें, क्योंकि BJP की सरकार में रहते हुए जाति आधारित सर्वे का फैसला हुआ था'

बिहार में जाति आधारित गणना जारी (Bihar Caste Survey Report) होते ही सियासत गरमा गई है. तमाम दलों में श्रेय लेने की होड़ मच गई है. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब सर्वे कराने का फैसला लिया गया था, तब राज्य में एनडीए की सरकार थी. जेडीयू के साथ बीजेपी भी सरकार में शामिल थी. हमलोगों ने पूरा समर्थन दिया था.

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी
बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 2, 2023, 7:51 PM IST

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी

पटना: बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की पार्टी के नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि उनलोगों के कारण ही सर्वे हो पाया है, जबकि बीजेपी लगातार बाधा डालने की कोशिश कर रही थी. हालांकि अब पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में जातीय गणना करने का निर्णय उस सरकार का था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी शामिल थी.

ये भी पढ़ें: Bihar Caste Census Data जारी होने पर लालू यादव खुश, बोले- '2024 में सरकार बनी तो पूरे देश में कराएंगे'

लालू पर भड़के सुशील मोदी: सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी होने पर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि 15 साल राज करने के दौरान उन्होंने जातीय जनगणना नहीं करायी थी. उन्होंने कहा कि जातीय, आर्थिक, सामाजिक सहित कुल 27 बिंदुओं पर सर्वे कराया गया था, इन सभी विंदुओं पर ग्राम स्तर के आंकड़ों के साथ सरकार को विस्तृत रिपोर्ट जारी करनी चाहिए.

अतिपिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट जारी हो: बीजेपी सांसद ने कहा कि नगर निकायों में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने पिछले वर्ष अतिपिछड़ा वर्ग आयोग बनाया था, उसकी रिपोर्ट अब तक क्यों दबाए रखी गई है? उन्होंने कहा कि अभी जातीय सर्वे के केवल राज्यस्तरीय आंकड़े सामने आए हैं और ये अनुमान के अनुरूप हैं. हम सर्वे रिपोर्ट का गंभीरतापूर्वक अध्ययन कर अपनी नीतियां तय करेंगे.

"लालू यादव ये बताएं कि आपने बिहार में 15 साल राज किया तो फिर क्यों नहीं जातीय सर्वेक्षण कराया. आज जो रिपोर्ट आई है, ये किस सरकार का फैसला था. जिस सरकार में भारतीय जनता पार्टी शामिल थी. 74 विधायक और 14 मंत्री थे. इसलिए लालू जी अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास ना करें"- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद, भारतीय जनता पार्टी

बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी: आपको बताएं कि जाति आधारित गणना में बताया गया है कि बिहार की कुल 13 करोड़ से अधिक हो गई है. जाति के हिसाब से सवर्ण (भूमिहार-2.89, राजपूत-3.45, ब्राह्मण-3.66 और कायस्थ-0.60%) की आबादी 15.52 प्रतिशत, 63 फीसदी ओबीसी (24 फीसदी पिछड़ा वर्ग और 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग ), अनुसूचित जाति की आबादी 19 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है. बिहार में सबसे अधिक यादव जाति हैं, जिनकी आबादी 14 फीसदी है. वहीं, कुर्मी 2.8 और कुशवाहा 4.2 प्रतिशत हैं. वहीं मुसलमानों की आबादी 17.7 फीसदी है.

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी

पटना: बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की पार्टी के नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि उनलोगों के कारण ही सर्वे हो पाया है, जबकि बीजेपी लगातार बाधा डालने की कोशिश कर रही थी. हालांकि अब पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में जातीय गणना करने का निर्णय उस सरकार का था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी शामिल थी.

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लालू पर भड़के सुशील मोदी: सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी होने पर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि 15 साल राज करने के दौरान उन्होंने जातीय जनगणना नहीं करायी थी. उन्होंने कहा कि जातीय, आर्थिक, सामाजिक सहित कुल 27 बिंदुओं पर सर्वे कराया गया था, इन सभी विंदुओं पर ग्राम स्तर के आंकड़ों के साथ सरकार को विस्तृत रिपोर्ट जारी करनी चाहिए.

अतिपिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट जारी हो: बीजेपी सांसद ने कहा कि नगर निकायों में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने पिछले वर्ष अतिपिछड़ा वर्ग आयोग बनाया था, उसकी रिपोर्ट अब तक क्यों दबाए रखी गई है? उन्होंने कहा कि अभी जातीय सर्वे के केवल राज्यस्तरीय आंकड़े सामने आए हैं और ये अनुमान के अनुरूप हैं. हम सर्वे रिपोर्ट का गंभीरतापूर्वक अध्ययन कर अपनी नीतियां तय करेंगे.

"लालू यादव ये बताएं कि आपने बिहार में 15 साल राज किया तो फिर क्यों नहीं जातीय सर्वेक्षण कराया. आज जो रिपोर्ट आई है, ये किस सरकार का फैसला था. जिस सरकार में भारतीय जनता पार्टी शामिल थी. 74 विधायक और 14 मंत्री थे. इसलिए लालू जी अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास ना करें"- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद, भारतीय जनता पार्टी

बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी: आपको बताएं कि जाति आधारित गणना में बताया गया है कि बिहार की कुल 13 करोड़ से अधिक हो गई है. जाति के हिसाब से सवर्ण (भूमिहार-2.89, राजपूत-3.45, ब्राह्मण-3.66 और कायस्थ-0.60%) की आबादी 15.52 प्रतिशत, 63 फीसदी ओबीसी (24 फीसदी पिछड़ा वर्ग और 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग ), अनुसूचित जाति की आबादी 19 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है. बिहार में सबसे अधिक यादव जाति हैं, जिनकी आबादी 14 फीसदी है. वहीं, कुर्मी 2.8 और कुशवाहा 4.2 प्रतिशत हैं. वहीं मुसलमानों की आबादी 17.7 फीसदी है.

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