पटना: कुछ दिन पहले बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) ने ट्वीट कर स्वीकार किया था कि हालिया बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By election) में एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था. इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा. इसके साथ ही बिहार की सियासत में ये भी चर्चा तेज होने लगी कि वहां आरजेडी को भूमिहारों का समर्थन (Bhumihar support to RJD) मिला है. हालांकि अब सुशील मोदी ने बिहार में भूमिहार वोट बैंक (Bhumihar vote bank in Bihar) को लेकर दावा किया है कि ब्राह्मण-भूमिहार समाज को बीजेपी ने हमेशा यथोचित सम्मान दिया है. ट्वीट कर उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी राज में भूमिहार-ब्राह्मण समाज का जितना अपमान-उत्पीड़न हुआ, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
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'बीजेपी ने ब्राह्मण-भूमिहार को सम्मान दिया': सुशील मोदी ने अपने ट्विवर हैंडल पर लिखा, "ब्राह्मण-भूमिहार समाज को भाजपा ने हमेशा यथोचित सम्मान दिया है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भूमिहार समाज के 15 और ब्राह्मण समाज के 11 (कुल 26) लोगों को पार्टी ने टिकट दिये, जबकि राजद ने इन दोनों जातियों का अपमान करते हुए केवल पांच टिकट (भूमिहार 1) दिये थे. भाजपा ने ही भूमिहार समाज को पहली बार केंद्र में कैबिनेट मंत्री का पद दिया. बिहार में भाजपा कोटे से एक कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष इसी समुदाय से हैं."
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भाजपा ने ही भूमिहार समाज को पहली बार केंद्र में कैबिनेट मंत्री का पद दिया।
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बिहार में भाजपा कोटे से एक कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष इसी समुदाय से हैं।
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— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 8, 2022
बिहार में भाजपा कोटे से एक कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष इसी समुदाय से हैं।भाजपा ने ही भूमिहार समाज को पहली बार केंद्र में कैबिनेट मंत्री का पद दिया।
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बिहार में भाजपा कोटे से एक कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष इसी समुदाय से हैं।
'लालू भूमिहार-ब्राह्मण विरोधी': सुशील मोदी ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, "लालू-राबड़ी राज में भूमिहार-ब्राह्मण समाज का जितना अपमान-उत्पीड़न हुआ, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. उस दौर में जाति पता कर इनका नरसंहार हुआ और इन्हें पलायन के लिए मजबूर किया गया था. ऊंची जातियों को 10 फीसद आरक्षण देने का विरोध करने वाली लालू प्रसाद की पार्टी आज किस मुँह से भूमिहार-ब्राह्मण समाज की हितैषी बन रही है?"
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लालू-राबड़ी राज में भूमिहार-ब्राह्मण समाज का जितना अपमान-उत्पीड़न हुआ, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
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उस दौर में जाति पता कर इनका नरसंहार हुआ और इन्हें पलायन के लिए मजबूर किया गया था।
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उस दौर में जाति पता कर इनका नरसंहार हुआ और इन्हें पलायन के लिए मजबूर किया गया था।लालू-राबड़ी राज में भूमिहार-ब्राह्मण समाज का जितना अपमान-उत्पीड़न हुआ, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
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उस दौर में जाति पता कर इनका नरसंहार हुआ और इन्हें पलायन के लिए मजबूर किया गया था।
'गलती को सुधारेगी बीजेपी': बीजेपी सांसद ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "विधान परिषद का एक चुनाव या उपचुनाव किसी दल पर किसी समाज के भरोसे का एकमात्र पैमाना नहीं हो सकता. सबको पता है कि परिषद के चुनाव किस आधार पर होते हैं. हाल के चुनावों में यदि पार्टी से कोई गलती हुई, तो उसे सुधारा जाएगा और सम्मान देने में कोई कमी नहीं की जाएगी."
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विधान परिषद का एक चुनाव या उपचुनाव किसी दल पर किसी समाज के भरोसे का एकमात्र पैमाना नहीं हो सकता। सबको पता है कि परिषद के चुनाव किस आधार पर होते हैं।
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हाल के चुनावों में यदि पार्टी से कोई गलती हुई, तो उसे सुधारा जाएगा और सम्मान देने में कोई कमी नहीं की जाएगी।
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हाल के चुनावों में यदि पार्टी से कोई गलती हुई, तो उसे सुधारा जाएगा और सम्मान देने में कोई कमी नहीं की जाएगी।विधान परिषद का एक चुनाव या उपचुनाव किसी दल पर किसी समाज के भरोसे का एकमात्र पैमाना नहीं हो सकता। सबको पता है कि परिषद के चुनाव किस आधार पर होते हैं।
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हाल के चुनावों में यदि पार्टी से कोई गलती हुई, तो उसे सुधारा जाएगा और सम्मान देने में कोई कमी नहीं की जाएगी।
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