ETV Bharat / state

BJP सांसद की CM नीतीश से मांग, अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराए बिहार सरकार

बीजेपी सांसद अजय निषाद (Ajay Nishad) कहा कि बिहार सरकार को अपने खर्च पर जातीय जनगणना (Cast Census) कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत तौर पर इसके पक्ष में. जहां तक उनकी जानकारी है विपक्ष भी ऐसा ही चाहता है, लिहाजा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को इस बारे में जरूर विचार करना चाहिए.

अजय निषाद
अजय निषाद
author img

By

Published : Sep 25, 2021, 6:31 PM IST

पटना: केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जातीय जनगणना (Cast Census) नहीं कराने के फैसले से बिहार में एक बार फिर सियासत गरमा गई है. अब तमाम दल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से अपने स्तर पर राज्य में जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. इस बीच बीजेपी सांसद अजय निषाद (Ajay Nishad) ने भी अपने खर्च पर कास्ट सेंसस कराने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: केंद्र ने खड़े कर दिए हाथ, तो क्या अब अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराएगा बिहार?

मुजफ्फरपुर से बीजेपी के सांसद अजय निषाद ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से जातिगत जनगणना के पक्ष में हूं, लेकिन केंद्र सरकार ने स्पष्ट तौर पर इस पर अपनी असमर्थता जाहिर की है. ऐसे में राज्य सरकार को अपने खर्चे पर जातिगत जनगणना करानी चाहिए.

देखें रिपोर्ट

अजय निषाद ने कहा कि जातीय जनगणना के दौरान आर्थिक आधार पर भी इस बात का आकलन होना चाहिए कि कौन आर्थिक रूप से संपन्न है और कौन आर्थिक रूप से कमजोर है. उन्होंने कहा कि इस बात का भी आकलन होना चाहिए कि कौन गरीबों की हकमारी कर रहा है. जो आर्थिक रूप से संपन्न है, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलना चाहिए.

ये भी पढ़ें: केंद्र के रुख से JDU नाराज, बोली- 'जातीय जनगणना पर समझौता नहीं, सत्ता से ज्यादा जनहित जरूरी'

बीजेपी सांसद ने कहा कि राज्य सरकार के पास पर्याप्त संसाधन है, पैसे की भी कमी नहीं है. लिहाजा अगर वह चाहे तो जातीय जनगणना करा सकती है. केंद्र सरकार की ओर से इस पर किसी राज्य को मनाही नहीं है.

आपको बताएं कि बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने केंद्र के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा है कि जातीय जनगणना कराना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि जो हलफनामा सरकार ने कोर्ट में दिया है, उसके अनुसार 4 लाख 28 हजार जाति इस देश में है और उतनी जातियों को अलग अलग गिनना मुश्किल है. ऐसे हालात में जातीय जनगणना संभव नहीं है.

पटना: केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जातीय जनगणना (Cast Census) नहीं कराने के फैसले से बिहार में एक बार फिर सियासत गरमा गई है. अब तमाम दल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से अपने स्तर पर राज्य में जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. इस बीच बीजेपी सांसद अजय निषाद (Ajay Nishad) ने भी अपने खर्च पर कास्ट सेंसस कराने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: केंद्र ने खड़े कर दिए हाथ, तो क्या अब अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराएगा बिहार?

मुजफ्फरपुर से बीजेपी के सांसद अजय निषाद ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से जातिगत जनगणना के पक्ष में हूं, लेकिन केंद्र सरकार ने स्पष्ट तौर पर इस पर अपनी असमर्थता जाहिर की है. ऐसे में राज्य सरकार को अपने खर्चे पर जातिगत जनगणना करानी चाहिए.

देखें रिपोर्ट

अजय निषाद ने कहा कि जातीय जनगणना के दौरान आर्थिक आधार पर भी इस बात का आकलन होना चाहिए कि कौन आर्थिक रूप से संपन्न है और कौन आर्थिक रूप से कमजोर है. उन्होंने कहा कि इस बात का भी आकलन होना चाहिए कि कौन गरीबों की हकमारी कर रहा है. जो आर्थिक रूप से संपन्न है, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलना चाहिए.

ये भी पढ़ें: केंद्र के रुख से JDU नाराज, बोली- 'जातीय जनगणना पर समझौता नहीं, सत्ता से ज्यादा जनहित जरूरी'

बीजेपी सांसद ने कहा कि राज्य सरकार के पास पर्याप्त संसाधन है, पैसे की भी कमी नहीं है. लिहाजा अगर वह चाहे तो जातीय जनगणना करा सकती है. केंद्र सरकार की ओर से इस पर किसी राज्य को मनाही नहीं है.

आपको बताएं कि बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने केंद्र के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा है कि जातीय जनगणना कराना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि जो हलफनामा सरकार ने कोर्ट में दिया है, उसके अनुसार 4 लाख 28 हजार जाति इस देश में है और उतनी जातियों को अलग अलग गिनना मुश्किल है. ऐसे हालात में जातीय जनगणना संभव नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.