ETV Bharat / state

BJP MLC सच्चिदानंद राय ने मजदूरों के बहाने बिहार सरकार पर साधा निशाना - covid-19

बीजेपी के एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि बिहारी मजदूर जहां पर हैं वहीं रुक गए, तो लॉकडाउन हटने के बाद वहां रोजगार तो उनको मिल जायेगा. अगर बिहार आ गये तो कुछ काम ही नहीं कर पाएंगे. बेरोजगार रह जाएंगे.

बीजेपी
बीजेपी
author img

By

Published : May 7, 2020, 12:48 PM IST

नई दिल्ली/पटना : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नया गाइड लाइन जारी किया था, उसके बाद से दूसरे राज्यों में कोरोना लॉकडाउन में फंसे बिहारी मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से बिहार लाने का काम शुरू हो गया है. वहीं, बिहार से बीजेपी के एमएलसी और सीनियर लीडर सच्चिदानंद राय ने अपनी ही सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मजदूरों को दूसरे राज्यों से बिहार लाने से समस्या का निदान नहीं होने वाला है. ऐसे में मजदूरों की तकलीफ और बढ़ेगी.

जो मजदूर जहां हैं, वहीं पर रहें - बीजेपी एमएलसी
बीजेपी के एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि बिहार आने के बाद बिहार सरकार मजदूरों को रोजगार नहीं दे पाएगी. बिहार सरकार ने रोजगार नहीं दिया, तभी तो मजदूरों को पलायन करके बिहार से बाहर जाना पड़ा. मजदूर वापस आएंगे, तो बिहार में कोरोना का संक्रमण भी तेजी से बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि जब लॉकडाउन हटेगा तो दूसरे राज्यों में कामकाज शुरू हो जाएगा. इंडस्ट्रीज शुरू हो जाएंगी. मजदूरों की जरुरत पड़ेगी. अगर मजदूरों को बिहार ले जाकर छोड़ दिया जाएगा, तो फिर दूसरे राज्यों में कामकाज कैसे चलेगा. ठप हुई अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरुरी है कि जो मजदूर जहां हैं, वहीं पर रहें.

देखें पूरी रिपोर्ट

'अब मजदूरों को बिहार लाने का क्या मतलब है?'
एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि बिहारी मजदूर जहां पर हैं वहीं रुक गए, तो लॉकडाउन हटने के बाद वहां रोजगार तो उनको मिल जायेगा. अगर बिहार आ गये तो कुछ काम ही नहीं कर पाएंगे. बेरोजगार रह जाएंगे. लॉकडाउन के 40 से ज्यादा दिन हो गए हैं. इतने दिनों के बाद मजदूरों को बिहार लाने का क्या मतलब है? 17 मई के बाद हो सकता है. लॉकडाउन हट जाए. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को दिक्कत है और खाने पीने की समस्या है. जो बिहारी मजदूर जहां फंसा है बिहार सरकार वहां की सरकारों से बात करें और वहीं पर उनको हरसंभव सहायता पहुंचाए. लॉकडाउन तक यहीं करना सबसे बेहतर रहेगा.

नई दिल्ली/पटना : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नया गाइड लाइन जारी किया था, उसके बाद से दूसरे राज्यों में कोरोना लॉकडाउन में फंसे बिहारी मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से बिहार लाने का काम शुरू हो गया है. वहीं, बिहार से बीजेपी के एमएलसी और सीनियर लीडर सच्चिदानंद राय ने अपनी ही सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मजदूरों को दूसरे राज्यों से बिहार लाने से समस्या का निदान नहीं होने वाला है. ऐसे में मजदूरों की तकलीफ और बढ़ेगी.

जो मजदूर जहां हैं, वहीं पर रहें - बीजेपी एमएलसी
बीजेपी के एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि बिहार आने के बाद बिहार सरकार मजदूरों को रोजगार नहीं दे पाएगी. बिहार सरकार ने रोजगार नहीं दिया, तभी तो मजदूरों को पलायन करके बिहार से बाहर जाना पड़ा. मजदूर वापस आएंगे, तो बिहार में कोरोना का संक्रमण भी तेजी से बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि जब लॉकडाउन हटेगा तो दूसरे राज्यों में कामकाज शुरू हो जाएगा. इंडस्ट्रीज शुरू हो जाएंगी. मजदूरों की जरुरत पड़ेगी. अगर मजदूरों को बिहार ले जाकर छोड़ दिया जाएगा, तो फिर दूसरे राज्यों में कामकाज कैसे चलेगा. ठप हुई अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरुरी है कि जो मजदूर जहां हैं, वहीं पर रहें.

देखें पूरी रिपोर्ट

'अब मजदूरों को बिहार लाने का क्या मतलब है?'
एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि बिहारी मजदूर जहां पर हैं वहीं रुक गए, तो लॉकडाउन हटने के बाद वहां रोजगार तो उनको मिल जायेगा. अगर बिहार आ गये तो कुछ काम ही नहीं कर पाएंगे. बेरोजगार रह जाएंगे. लॉकडाउन के 40 से ज्यादा दिन हो गए हैं. इतने दिनों के बाद मजदूरों को बिहार लाने का क्या मतलब है? 17 मई के बाद हो सकता है. लॉकडाउन हट जाए. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को दिक्कत है और खाने पीने की समस्या है. जो बिहारी मजदूर जहां फंसा है बिहार सरकार वहां की सरकारों से बात करें और वहीं पर उनको हरसंभव सहायता पहुंचाए. लॉकडाउन तक यहीं करना सबसे बेहतर रहेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.