पटना: जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसके बाद प्रदेश में सियासत गरम है. बीजेपी विधायक संजय सरावगी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एनडीए का इससे कोई लेना-देना नहीं है. उन्हीं के जैसे कॉरपोरेट आदमी ने उनके खिलाफ एफआईआर किया है.
प्रशासन करेगा पूरे मामले की जांच
बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने कि प्रशांत किशोर पर हुए जालसाजी मामले में पुलिस जांच करेगी. पीके पर दर्ज एफआईआर में एनडीए की कोई भूमिका नहीं है. बीजेपी के लोगों ने थोड़े कहा था कि आप दूसरे का डेवलप सॉफ्टवेयर अपने नाम से करवा लीजिए. अब अगर उन्होंने ऐसा किया है तो उन्हें भुगतना तो पड़ेगा.
'नहीं मिल रही जेडीयू से निकलने की सजा'
एफआईआर कर क्या जेडीयू पीके को सजा दे रहा है? इस सवाल के जवाब में बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. जिसका सॉफ्टवेयर था, उसने ही मामला दर्ज किया है. अब पूरे मामले में कानून अपना काम करेगा.
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जेडीयू के लिए काम कर चुके हैं शाश्वत गौतम
बता दें कि कभी जेडीयू के लिए काम कर चुके मोतिहारी के युवक शाश्वत गौतम ने पीके के खिलाफ जालसाजी से जुड़ी शिकायत पाटलिपुत्र थाने में दर्ज करवाया है. प्रशांत किशोर पर आरोप है कि उन्होंने अपने अभियान 'बात बिहार की' के लिए शाश्वत के कांटेक्ट की नकल की है. दर्ज शिकायत में शाश्वत गौतम ने आरोप लगाया है कि वह बिहार की बात नाम के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. जल्दी उस प्रोजेक्ट को लांच करने की तैयारी थी, लेकिन उसे पहले ही उनके इस कांटेक्ट को प्रशांत किशोर ने चुराकर लांच कर दिया.