पटना : बिहार विधानसभा में बुधवार को 247 प्रश्न लाए गए थे, हालांकि जवाब तो कुछ ही का हुआ. क्योंकि प्रश्नकाल के दौरान ही बीजेपी के नीरज कुमार बबलू और आरजेडी के भाई वीरेंद्र के बीच बहसा-बहसी और गाली-गलौज के बीच सदन की कार्यवाही समाप्त हो गई थी. वैसे प्रश्नकाल के दौरान जिन प्रश्नों का उत्तर हुआ उसमें सत्तापक्ष के विधायकों के सवाल पर ही सरकार फंसती नजर आई. विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा.
सदन के अंदर और बाहर उठाया मुद्दा
बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी तो ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री शैलेश कुमार के जवाब से इतने नाखुश थे कि बाहर आकर कहा कि इस बार सदन में मामला उठा दिया है. संवेदक पर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर कुछ और रास्ता निकालना होगा.
संवेदक पर कार्रवाई की मांग
असल में 2015 में एक संवेदक को गोपालगंज जिले से संबंधित एक सड़क निर्माण करने के लिए दिया गया था. लेकिन सड़क टूट गई और संवेदक उसे ठीक नहीं किया. बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी संवेदक पर कार्रवाई करने के लिए कई बार पत्र लिखा अधिकारियों से मुलाकात भी की लेकिन कुछ नहीं हुआ. यहां तक कि उसकी जांच भी हो गई. इन सब चीजों का जिक्र सदन में मिथिलेश तिवारी ने किया. बाद में विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप बाद मंत्री ने कहा कि हम इसे फिर से जांच करवा लेंगे. इसी तरह संजय सरावगी और जदयू की पूनम देवी के सवाल पर भी सरकार टालमटोल वाला जवाब देती नजर आई.
हर सवाल का देंगे जवाब-मंत्री
हालांकि मंत्री जरूर कहते नजर आए कि उनकी पूरी तैयारी रहती है हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार रहते हैं. लेकिन कई सवाल में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अधिकारियों की ओर से तैयार उत्तर पर सवाल खड़ा किया और मंत्री को जवाब देना मुश्किल हो रहा था.