पटनाः बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर छिड़ी सियासत के बीच भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल (Haribhushan Thakur Bachaul) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के नाम पर हमने बहुत कुछ खोया है. अब और ठीक नहीं है. गरीबों को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
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"नीट में नामांकन के लिए केन्द्र सरकार के द्वारा दिया गया आरक्षण गरीबों को आगे बढ़ाने के प्रयास का उदाहरण है. तेजस्वी यादव की मांग को तो लागू कर दिया गया. अगर तेजस्वी यादव को गरीबों की इतनी ही चिंता है तो जब उनके पिता लालू यादव यूपीए सरकार में थे, तब ऐसा क्यों नहीं करवाए. असलियत ये है कि उन्हें गरीबों की चिंता ही नहीं है. यही कारण है कि आज उनका ये हश्र हुआ है."- हरिभूषण ठाकुर बचौल, भाजपा विधायक
वहीं, जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भाजपा विधायक ने साफ-साफ कहा कि देश में संसाधन सीमित हैं. इसके लिए जनसंख्या जरूरी है. उन्होंने कहा कि जब चीन ऐसा करके आगे है, तो हम क्यों नहीं कर सकते. लोगों को जाति-धर्म से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है.
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इधर जातीय जनगणना के विरोध में भाजपा के एमएलसी संजय पासवान गले में पोस्टर लगाकर विधान परिषद पहुंचे. उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि अब गरीबी की जनगणना की जरूरत है.
"जातीय जनगणना की अब जरूरत नहीं है, क्योंकि जिन्हें आरक्षण मिलना था उन्हें मिल चुका है. अब गरीबों की पहचान होना जरूरी है. नीतीश कुमार बड़े नेता हैं. उनके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन असल में जातीय जनगणना की कोई जरूरत नहीं है."- संजय पासवान, भाजपा एमएलसी
बताते चलें कि बिहार में जातीय जनगणना और जनसंख्या नियंत्रण कानून पर खासकर भाजपा और जदयू का रुख एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है. विपक्ष इसका अहम हिस्सा है, अब देखना यह होगा कि जनता और देश के विकास के हित में केन्द्र और राज्य सरकारें इन दोनों मसले पर क्या फैसला लेती है.
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