पटना: बीजेपी नेता संजय पासवान ने शराबबंदी की समीक्षा करने की मांग की है. संजय पासवान ने कहा कि शराबबंदी हुए 5 साल होने को है, लेकिन पूरी तरह से शराब बंद नहीं हुई है. इसलिए सरकार को इसकी समीक्षा करने की जरूरत है. बीजेपी नेता के बयान पर जदयू ने पलटवार किया है और कहा है कि सबकी अपनी अपनी सोच होती है.
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गौरतलब है कि बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान विपक्षी दलों की तरफ से सरकार से शराबबंदी की समीक्षा की मांग की जा रही है. विपक्ष की मांग को जदयू की तरफ से नकारा जा रहा है. अब विपक्षी दलों के साथ बीजेपी नेता ने भी सरकार से शराबबंदी की समीक्षा कराने की मांग की है. सीतामढ़ी में शराब माफिया द्वारा सब इंस्पेक्टर की हत्या पर संजय पासवान ने गृह सचिव आमिर सुबहानी को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति बहुत दिनों से गृह सचिव बने हुए हैं. अब उन्हें पद छोड़ देना चाहिए.
शराबबंदी के फैसले पर विचार करे सरकार
"शराबबंदी को सफल कराने के लिए सारा पुलिस महकमा लगा हुआ है. इसके बाद भी शराब की बिक्री रुक नहीं रही है. ऐसे में सरकार को अपने शराबबंदी के फैसले पर विचार करना चाहिए. शराबबंदी कानून को ठीक से लागू नहीं किया जा सका है. हमसब इसके लिए प्रयासरत हैं कि इस कानून का इम्प्लीमेंटेशन ठीक से हो या सरकार इसपर फिर से विचार करे."- संजय पासवान, बीजेपी नेता
शराबबंदी पर मजबूती से काम कर रही सरकार
संजय पासवान के बयान पर जेडीयू नेता और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कौन क्या बोलता है इस पर मुझे नहीं जाना है. शराबबंदी पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है.
"जो लोग शराबबंदी के खिलाफ बोलते हैं हमलोग तो उनसे भी पूछते हैं कि बताएं कहां शराब का कारोबार हो रहा है. लोग कोई सूचना तो देते नहीं हैं. कोई सरकार को सहयोग नहीं देता. सरकार ने एक नियम बनाया है. इसमें तो सबलोग साथ थे. ऐसा तो नहीं है कि कोई खिलाफ थे. सबकी सहमति से यह कानून बना है. इसको प्रदेश में मजबूती से लागू कराने के लिए सरकार काम कर रही है."- अशोक चौधरी, मंत्री, भवन निर्माण विभाग
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. अब बीजेपी नेता ने भी शराबबंदी कानून पर सवाल खड़ा किया है. अब देखने वाली बात होगी कि बीजेपी नेता के इस बयान पर नीतीश कुमार की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है.