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परिवारवाद के आरोपों को BJP ने किया खारिज, कहा- सच्चे सिपाही को दी गई है टिकट

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Published : Mar 12, 2020, 1:34 PM IST

Updated : Mar 12, 2020, 1:46 PM IST

विवेक ठाकुर को राज्यसभा के लिए चुने जाने पर कायस्थ समाज में नाराजगी है. हालांकि भाजपा किसी तरह की नाराजगी से इंकार कर रही है.

ajeet chaudhary
ajeet chaudhary

पटना: बीजेपी की ओर से विवेक ठाकुर को राज्यसभा के लिए चुने जाने पर विपक्ष के लोगों ने परिवारवाद का आरोप लगाया है. इन आरोपों को भारतीय जनता पार्टी ने खारिज किया है. बीजेपी की ओर से कहा गया है कि पार्टी ने सच्चे सिपाही और कार्यकर्ताओं को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है.

'विवेक ठाकुर BJP के सच्चे सिपाही हैं'
राज्यसभा की एक सीट के लिए भाजपा के अंदर दावेदारों की फेहरिस्त लंबी थी. कायस्थ या भूमिहार जाति में से एक को राज्यसभा का टिकट मिलना था. आखिरकार बाजी ब्रह्मजन के खाते में गई और विवेक ठाकुर को इसके लिए चुना गया. हालांकि इस फैसले से कायस्थ समाज में नाराजगी है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कायस्थ समाज दावेदारी को लेकर आक्रामक
सांसद आरके सिन्हा और सीपी ठाकुर का कार्यकाल खत्म होने वाला है. दोनों नेता अपने पुत्र को राज्यसभा भेजने की जुगत में लगे थे. इसमें सीपी ठाकुर ने बाजी भी मार ली. वहीं, केंद्र के फैसले से कायस्थ समाज में नाराजगी है.

हालांकि, भाजपा किसी तरह की नाराजगी से इंकार कर रही है. पार्टी प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा है कि पार्टी में सब को सम्मान दिया जाता है और सब की दावेदारी को पार्टी ने तवज्जो दी, लेकिन राज्यसभा के लिए एक ही सीट थी.

पटना: बीजेपी की ओर से विवेक ठाकुर को राज्यसभा के लिए चुने जाने पर विपक्ष के लोगों ने परिवारवाद का आरोप लगाया है. इन आरोपों को भारतीय जनता पार्टी ने खारिज किया है. बीजेपी की ओर से कहा गया है कि पार्टी ने सच्चे सिपाही और कार्यकर्ताओं को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है.

'विवेक ठाकुर BJP के सच्चे सिपाही हैं'
राज्यसभा की एक सीट के लिए भाजपा के अंदर दावेदारों की फेहरिस्त लंबी थी. कायस्थ या भूमिहार जाति में से एक को राज्यसभा का टिकट मिलना था. आखिरकार बाजी ब्रह्मजन के खाते में गई और विवेक ठाकुर को इसके लिए चुना गया. हालांकि इस फैसले से कायस्थ समाज में नाराजगी है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कायस्थ समाज दावेदारी को लेकर आक्रामक
सांसद आरके सिन्हा और सीपी ठाकुर का कार्यकाल खत्म होने वाला है. दोनों नेता अपने पुत्र को राज्यसभा भेजने की जुगत में लगे थे. इसमें सीपी ठाकुर ने बाजी भी मार ली. वहीं, केंद्र के फैसले से कायस्थ समाज में नाराजगी है.

हालांकि, भाजपा किसी तरह की नाराजगी से इंकार कर रही है. पार्टी प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा है कि पार्टी में सब को सम्मान दिया जाता है और सब की दावेदारी को पार्टी ने तवज्जो दी, लेकिन राज्यसभा के लिए एक ही सीट थी.

Last Updated : Mar 12, 2020, 1:46 PM IST
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