पटना: लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों को चिन्हित करने का काम अब अंतिम दौर में है. जहां एक ओर चुनाव आयोग ने भी तिथि की घोषणा कर दी है तो वहीं, जदयू ने भी अपने उम्मीदवारों को लेकर भी अखिरी मंथन शुरू कर दिया है.
जदयू की ओर से जो संभावित सीट है- उसमें नालंदा, काराकाट, महाराजगंज, सुपौल, मधेपुरा, दरभंगा, जहानाबाद, मुंगेर, बांका, पूर्णिया, सीतामढ़ी, झंझारपुर, किशनगंज, औरंगाबाद, गोपालगंज, पाटलिपुत्र और बेतिया पर दावेदारी बताई जा रही है.
बीजपी 22 सीटों पर है काबिज
वहीं बीजेपी के पास अभी आरा, औरंगाबाद, बेगूसराय, बक्सर, दरभंगा, गया, झंझारपुर, मधुबनी, महाराजगंज, मुजफ्फरपुर, नवादा, पश्चिम चंपारण, पाटलिपुत्र, पटना साहिब, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, सारण, सासाराम, शिवहर , सिवान, उजियारपुर, और बाल्मीकि नगर सहित कुल 22 सीटें है, जिसमें पांच सीट जदयू को देनी हैं.
तो लोजपा से होगी अदला-बदली...
कुछ सीटों पर लोजपा के साथ भी अदला-बदली होगी, जिस पर सहमति लगभग बन चुकी है. कुछ सीटों का पेंच फंसा है लेकिन जदयू और बीजेपी नेताओं की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि कहीं से कोई पेंच नहीं है, समय पर ही घोषणा होगी.
जदयू ने दी जिम्मेदारी
जदयू ने अपनी तैयारी में संगठन के लोगों को झोंक दिया है. पार्टी विधायकों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. पार्टी के विधायक वशिष्ठ का कहना है कि एनडीए सभी 40 सीटों को जीतेगी. नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के लोग चुनाव लड़ेंगे.
गठबंधन हो तो ऐसा
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह और वशिष्ठ नारायण सिंह लगातार बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार उम्मीदवारों के चयन को लेकर अपने खास सलाहकारों से भी ले सलाह रहे हैं. क्योंकि अंतिम रूप से उम्मीदवारों का चयन नीतीश कुमार को ही करना है.
इन नामों पर चर्चा तेज
जदयू में कई नामों पर चर्चा खूब हो रही है. मंत्री ललन सिंह के मुंगेर से चुनाव लड़ने पर अब नाम की घोषणा, औपचारिकता मात्र शेष है. वहीं, हाल ही में पार्टी में शामिल हुए नरेंद्र सिंह के बारे में भी चर्चा है कि पाटलिपुत्र से लड़ाया जा सकता है.
नागमणि भी रेस में
रालोसपा के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि भी पार्टी के संपर्क में हैं. अभी हाल में पार्टी में शामिल हुए गोपालगंज के चिकित्सक आलोक सुमन के बारे में भी चर्चा है कि उन्हें भी चुनाव लड़ाया जा सकता है. ऐसे कई नाम हैं, जिन पर चुनाव को लेकर पार्टी फैसला ले सकती है.