पटना: करोना संकट के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले रविवार को वर्चुअल रैली के जरिए बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया. बीजेपी के इस रैली के संपन्न होने के बाद विपक्ष ने दलित राजनीति का कार्ड खेला है. राजद के पूर्व मंत्री सह विधायक शिवचंद्र राम ने कहा कि वर्चुअल रैली के दौरान बीजेपी के कोई भी दलित नेता मंच पर मौजूद नहीं था. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. राजद के इस बायन के बाद भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने पलटवार किया है.
'राजद का दलित प्रेम दिखावा'
राजद नेता के इस बयान के बाद भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि राजद का दलित प्रेम दिखावा है. वोट लेने के बाद राजद के लोग ही दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार करते है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि देश मे सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति के लोग एनडीए से ही जीतकर ही सांसद और विधायक के पद पर हैं.
'बाबा साहेब को भाजपा ने दिलवाया उचित सम्मान'
प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि भाजपा काम पर विश्वास करती है. भाजपा दलितों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को भी सबसे बड़ा सम्मान बीजेपी के लोगों ने ही दिया है. उनके जन्मस्थल से लेकर कर्मस्थल तक पांच तीर्थ के रूप में स्थापित किया गया है. भाजपा नेता ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के कारण राजद के लोगों का दलित प्रेम जागा है. जो मात्र के दिखावा है. वोट लेने के बाद राजद किसी दलित की समस्या का समाधान नही करते है. राजद की इस राजनीति से बिहार की जनता ऊब चुकी है. इस बार के चुनाव में दलित ही राजद को पटकनी देगी.