पटना: अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि पहले छोटे दलों को खत्म करने का दावा करने वाली बीजेपी अब उन्हीं छोटे दलों को साथ ला रही है. उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता को लेकर विभिन्न दलों की बैठक बुलाई तो उसको लेकर बीजेपी के नेताओं ने कहा था कि यह भ्रष्टाचारियों की जमात है लेकिन उसके बाद क्या हुआ. एनडीए की बैठक बुलाई गई और दर्जनों छोटे दलों को बुलाया गया.
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"विपक्षी एकजुटता से बीजेपी के नेता बौखला गए हैं. यही वजह है कि लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और इंडिया गठबंधन के नेताओं को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं, जो कहीं से भी उचित नहीं है. अतिपिछड़ा समाज पूरी तरह से नीतीश कुमार के साथ है और नीतीश कुमार पर विश्वास करता है. हार के डर से अब छोटे-छोटे नेताओं को बीजेपी अपने साथ ला रही है लेकिन उससे उन्हें कोई फायदा नहीं होने वाला है"- रत्नेश सदा, मंत्री, अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग
बीजेपी पर भड़के रत्नेश सदा: मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लगातार कोशिशों का नतीजा है कि देश भर में विपक्षी एकजुटता का असर दिखने लगा है. जैसे-जैसे विपक्षी दलों की बैठक हो रही है, वैसे-वैसे ही बीजेपी के नेताओं की बौखलाहट बढ़ रही है. यही वजह है कि अनाप-शनाप बयानबाजी की जा रही है लेकिन इससे कुछ नहीं होने वाला है.
क्या नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे?: इस सवाल पर जेडीयू नेता और मंत्री रत्नेश सदा ने स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग बेमतलब की बयानबाजी कर रहे हैं. उन लोगों को छपास की बीमारी है. वहीं निषाद आरक्षण को लेकर वीआईपी चीफ मुकेश सहनी की मांग पर मंत्री ने कहा कि इस पर हमारे पार्टी के शीर्ष नेता बताएंगे.