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Bihar Politics: जाति की राजनीति BJP को दिलाएगी सत्ता! 'लव-कुश' में सेंधमारी के बाद इन वोट बैंक पर नजर

मिशन 2024 के मद्देनजर भाजपा (BJP politics in Bihar) एक के बाद एक चौंकाने वाले फैसले ले रही है. पार्टी अब जातिगत समीकरण के जरिए महागठबंधन को चित करने की तैयारी में है. बिहार प्रदेश का अध्यक्ष सम्राट चौधरी को बनाकर भाजपा ने विरोधियों को सकते में डाल दिया है. सम्राट चौधरी के अध्यक्ष बनने के बाद वो बिधान परिषद् से नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ेंगे. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि भाजपा अब किस वोट बैंक पर निशाना साधेगी. पढ़िये विस्तार से.

BJP politics in Bihar
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Published : Mar 26, 2023, 5:19 PM IST

बिहार में भाजपा की राजनीति.

पटना: भाजपा ने सम्राट चौधरी (Bihar BJP President Samrat Chowdhary) को प्रदेश अध्यक्ष बना कर एक तीर से कई निशाना साधा है. एक ओर जहां पिछड़ा वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश की गई है वहीं नीतीश कुमार के पारंपरिक वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश भी है. लव-कुश वोट बैंक में सेंधमारी कर भाजपा नीतीश कुमार के आधार को कम करना चाहती है. भाजपा में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत माना जाता है. सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर मंथन शुरू हो गया है.

इसे भी पढ़ेंः Bihar BJP: 'बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर BJP हासिल करेगी जीत..' नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का दावा

"सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के जरिए भाजपा ने अगड़ी और पिछड़ी जाति के समीकरण को तो साध लिया, अब पार्टी की नजर अति पिछड़ा वोट बैंक पर होगी. विधान परिषद में अति पिछड़ा को आगे कर पार्टी अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने की कोशिश करेगी"- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक

यादव वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिशः विजय सिन्हा को विधानसभा में दल का नेता बनाकर भाजपा ने अगड़ी जाति को संदेश देने की कोशिश की थी. राज्यसभा में धानुक जाति से आने वाले शंभू पटेल को राज्यसभा भेजकर पार्टी ने सबको चौंका दिया था. बदली हुई परिस्थितियों में अब विधान परिषद में विरोधी दल के नेता के चयन की बारी है. राजनीति विश्लेषकों की मानें तो सबसे प्रमुख दावेदार नवल किशोर यादव हैं. 24 साल से विधान पार्षद हैं. नवल किशोर यादव के जरिए यादव वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश पार्टी की ओर से की जा सकती है. बिहार में लगभग 14% यादव जाति का वोट बैंक है.

अति पिछड़ा और दलित वोट बैंक पर नजरः बिहार में अति पिछड़ों की आबादी अच्छी खासी है. अति पिछड़ा वोट का ज्यादातर हिस्सा नीतीश कुमार के साथ माना जाता है. ऐसे में 29% वोट बैंक में सेंधमारी के लिए पार्टी अति पिछड़ा पर भी दांव लगा सकती है. राजेंद्र गुप्ता नोनिया जाति से आते हैं और अति पिछड़ा समुदाय से आने के चलते राजेंद्र गुप्ता को विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनाया जा सकता है. दलित वोट बैंक पर भी भाजपा की नजर है. ऐसे में पार्टी पूर्व मंत्री जनक राम के नाम पर विचार कर सकती है. जनक राम पर दांव लगा कर भाजपा द्वारा दलित वोटों को साधने की कोशिश की जा सकती है.

मंगलवार को सम्राट संभालेंगे पद: नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने फिलहाल कार्यभार नहीं संभाला है. मंगलवार को सम्राट चौधरी भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे. भव्य समारोह के दौरान संजय जायसवाल सम्राट चौधरी को कार्यभार सौंप देंगे. सम्राट चौधरी की ताजपोशी से भाजपा नेता उत्साहित हैं. पार्टी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि सम्राट चौधरी के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद हमारे लिए 2024 और 2025 का चुनाव आसान हो गया है. जहां तक सवाल विधान परिषद में नेता विरोधी दल का है तो केंद्रीय नेतृत्व को यह तय करना है.


बिहार में भाजपा की राजनीति.

पटना: भाजपा ने सम्राट चौधरी (Bihar BJP President Samrat Chowdhary) को प्रदेश अध्यक्ष बना कर एक तीर से कई निशाना साधा है. एक ओर जहां पिछड़ा वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश की गई है वहीं नीतीश कुमार के पारंपरिक वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश भी है. लव-कुश वोट बैंक में सेंधमारी कर भाजपा नीतीश कुमार के आधार को कम करना चाहती है. भाजपा में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत माना जाता है. सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर मंथन शुरू हो गया है.

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"सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के जरिए भाजपा ने अगड़ी और पिछड़ी जाति के समीकरण को तो साध लिया, अब पार्टी की नजर अति पिछड़ा वोट बैंक पर होगी. विधान परिषद में अति पिछड़ा को आगे कर पार्टी अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने की कोशिश करेगी"- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक

यादव वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिशः विजय सिन्हा को विधानसभा में दल का नेता बनाकर भाजपा ने अगड़ी जाति को संदेश देने की कोशिश की थी. राज्यसभा में धानुक जाति से आने वाले शंभू पटेल को राज्यसभा भेजकर पार्टी ने सबको चौंका दिया था. बदली हुई परिस्थितियों में अब विधान परिषद में विरोधी दल के नेता के चयन की बारी है. राजनीति विश्लेषकों की मानें तो सबसे प्रमुख दावेदार नवल किशोर यादव हैं. 24 साल से विधान पार्षद हैं. नवल किशोर यादव के जरिए यादव वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश पार्टी की ओर से की जा सकती है. बिहार में लगभग 14% यादव जाति का वोट बैंक है.

अति पिछड़ा और दलित वोट बैंक पर नजरः बिहार में अति पिछड़ों की आबादी अच्छी खासी है. अति पिछड़ा वोट का ज्यादातर हिस्सा नीतीश कुमार के साथ माना जाता है. ऐसे में 29% वोट बैंक में सेंधमारी के लिए पार्टी अति पिछड़ा पर भी दांव लगा सकती है. राजेंद्र गुप्ता नोनिया जाति से आते हैं और अति पिछड़ा समुदाय से आने के चलते राजेंद्र गुप्ता को विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनाया जा सकता है. दलित वोट बैंक पर भी भाजपा की नजर है. ऐसे में पार्टी पूर्व मंत्री जनक राम के नाम पर विचार कर सकती है. जनक राम पर दांव लगा कर भाजपा द्वारा दलित वोटों को साधने की कोशिश की जा सकती है.

मंगलवार को सम्राट संभालेंगे पद: नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने फिलहाल कार्यभार नहीं संभाला है. मंगलवार को सम्राट चौधरी भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे. भव्य समारोह के दौरान संजय जायसवाल सम्राट चौधरी को कार्यभार सौंप देंगे. सम्राट चौधरी की ताजपोशी से भाजपा नेता उत्साहित हैं. पार्टी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि सम्राट चौधरी के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद हमारे लिए 2024 और 2025 का चुनाव आसान हो गया है. जहां तक सवाल विधान परिषद में नेता विरोधी दल का है तो केंद्रीय नेतृत्व को यह तय करना है.


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