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नीतीश के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ना BJP की मजबूरी! या गठबंधन धर्म जरूरी

बीजेपी के नेताओं का कहना है कि शक्तिशाली होते हुए भी बीजेपी अपने सहयोगियों को सम्मान देती है. बिहार में नीतीश कुमार के साथ अटल जी के समय से गठबंधन है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव में जाना बीजेपी की मजबूरी नहीं गठबंधन धर्म है.

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Published : Aug 11, 2019, 11:34 PM IST

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पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए को 40 में से 39 सीटों पर जीत मिली है. वहीं, जदयू नेताओं का दावा है कि पिछली बार नीतीश कुमार के नेतृत्व के कारण 243 में से एनडीए 223 विधानसभा सीटों में जीत दर्ज करायी थी. इसका लाभ लोकसभा चुनाव में मिला.

जदयू नेता हमेशा कहते रहे हैं कि बिहार में जब भी चुनाव होगा, तो नीतीश कुमार ही नेता होंगे. जदयू नेताओं का यह भी कहना है कि एनडीए बिहार में मजबूत है. वहीं, बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि शक्तिशाली होते हुए भी बीजेपी अपने सहयोगियों को सम्मान देती है. बिहार में नीतीश कुमार के साथ अटल जी के समय से गठबंधन है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव में जाना बीजेपी की मजबूरी नहीं गठबंधन धर्म है.

खास रिपोर्ट

बात 2015 की...
बिहार में 2015 में जब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव लड़े थे, तो बीजेपी सरकार से बाहर हो गई थी. कांग्रेस और आरजेडी के साथ नीतीश कुमार ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना ली थी. हालांकि, बाद में नीतीश महागठबंधन से निकलकर फिर एनडीए में शामिल हो गए और उसी कारण बीजेपी को सरकार में शामिल होने का मौका मिला. अभी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और लोजपा ने सभी सीटों पर जीत हासिल की है.

लोकसभा चुनाव के आंकड़े
जदयू ने 17 में से 16 सीट जीती है. वहीं, 40 में से मात्र एक सीट कांग्रेस के खाते में गयी, जबकि आरजेडी का खाता तक नहीं खुला. इसपर जदयू नेताओं का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार के करिश्माई नेतृत्व पर जनता ने विश्वास जताया है. 2020 में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी. कहीं कोई कंफ्यूजन नहीं है.

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जेडीयू नेता

अकेले चुनाव क्यों नहीं लड़ती बीजेपी?
2015 में मिली जबरदस्त हार के बाद से बीजेपी बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का साहस नहीं जुटा पा रही है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है कि बीजेपी शक्तिशाली होने के बावजूद अपने सहयोगियों के साथ गठबंधन धर्म का पालन करती रही है. कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है और बिहार में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार चल रही है. वहीं, बीजेपी उपाध्यक्ष अनिल शर्मा का कहना है कि बिहार में नीतीश का चेहरा मुख्य है और देश में पीएम नरेंद्र मोदी का.

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बीजेपी नेता

बीजेपी नेता कुछ भी कहे. नीतीश कुमार बीजेपी की मजबूरी हैं क्योंकि बिहार में आरजेडी अभी सबसे बड़ी पार्टी है और लालू प्रसाद यादव का अपना वोट बैंक है. ऐसे में बीजेपी फिलहाल कोई जोखिम लेने की कोशिश नहीं करना चाहती है. यही कारण है कि बीजेपी नेता फिलहाल, नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही अगले चुनाव में जाने की बात कर रहे हैं.

पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए को 40 में से 39 सीटों पर जीत मिली है. वहीं, जदयू नेताओं का दावा है कि पिछली बार नीतीश कुमार के नेतृत्व के कारण 243 में से एनडीए 223 विधानसभा सीटों में जीत दर्ज करायी थी. इसका लाभ लोकसभा चुनाव में मिला.

जदयू नेता हमेशा कहते रहे हैं कि बिहार में जब भी चुनाव होगा, तो नीतीश कुमार ही नेता होंगे. जदयू नेताओं का यह भी कहना है कि एनडीए बिहार में मजबूत है. वहीं, बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि शक्तिशाली होते हुए भी बीजेपी अपने सहयोगियों को सम्मान देती है. बिहार में नीतीश कुमार के साथ अटल जी के समय से गठबंधन है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव में जाना बीजेपी की मजबूरी नहीं गठबंधन धर्म है.

खास रिपोर्ट

बात 2015 की...
बिहार में 2015 में जब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव लड़े थे, तो बीजेपी सरकार से बाहर हो गई थी. कांग्रेस और आरजेडी के साथ नीतीश कुमार ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना ली थी. हालांकि, बाद में नीतीश महागठबंधन से निकलकर फिर एनडीए में शामिल हो गए और उसी कारण बीजेपी को सरकार में शामिल होने का मौका मिला. अभी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और लोजपा ने सभी सीटों पर जीत हासिल की है.

लोकसभा चुनाव के आंकड़े
जदयू ने 17 में से 16 सीट जीती है. वहीं, 40 में से मात्र एक सीट कांग्रेस के खाते में गयी, जबकि आरजेडी का खाता तक नहीं खुला. इसपर जदयू नेताओं का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार के करिश्माई नेतृत्व पर जनता ने विश्वास जताया है. 2020 में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी. कहीं कोई कंफ्यूजन नहीं है.

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जेडीयू नेता

अकेले चुनाव क्यों नहीं लड़ती बीजेपी?
2015 में मिली जबरदस्त हार के बाद से बीजेपी बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का साहस नहीं जुटा पा रही है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है कि बीजेपी शक्तिशाली होने के बावजूद अपने सहयोगियों के साथ गठबंधन धर्म का पालन करती रही है. कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है और बिहार में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार चल रही है. वहीं, बीजेपी उपाध्यक्ष अनिल शर्मा का कहना है कि बिहार में नीतीश का चेहरा मुख्य है और देश में पीएम नरेंद्र मोदी का.

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बीजेपी नेता

बीजेपी नेता कुछ भी कहे. नीतीश कुमार बीजेपी की मजबूरी हैं क्योंकि बिहार में आरजेडी अभी सबसे बड़ी पार्टी है और लालू प्रसाद यादव का अपना वोट बैंक है. ऐसे में बीजेपी फिलहाल कोई जोखिम लेने की कोशिश नहीं करना चाहती है. यही कारण है कि बीजेपी नेता फिलहाल, नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही अगले चुनाव में जाने की बात कर रहे हैं.

Intro:पटना-- बिहार विधानसभा का चुनाव अगले साल होना है लोकसभा चुनाव में एनडीए को 40 में से 39 सीट पर जीत मिली है जदयू नेताओं का दावा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व के कारण 243 में से एनडीए 223 विधानसभा में लोकसभा चुनाव में आगे थी । जदयू नेता हमेशा कहते रहे हैं कि बिहार में जब भी चुनाव होगा नीतीश कुमार ही नेता होंगे । जदयू नेताओं का यह भी कहना है कि nda बिहार में मजबूत है। वहीं बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि शक्तिशाली होते हुए भी बीजेपी अपने सहयोगियों को सम्मान देती है बिहार में नीतीश कुमार के साथ अटल जी के समय से गठबंधन है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव में जाना बीजेपी की मजबूरी नहीं गठबंधन धर्म है।
पेश है खास रिपोर्ट---



Body: बिहार में 2015 में जब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव लड़े थे तो बीजेपी सरकार से बाहर हो गई थी कांग्रेस और आरजेडी के साथ नीतीश कुमार ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना लिया था हालांकि बाद में नीतीश महागठबंधन से निकलकर फिर एनडीए में शामिल हो गए और उसी कारण बीजेपी को सरकार में शामिल होने का मौका मिला । अभी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और लोजपा ने सभी सीटों पर जीत हासिल की है जदयू 17 में से 16 सीट जीती है 40 में से मात्र एक सीट कांग्रेस के खाते में गया आरजेडी का खाता तक नहीं खुला जदयू नेताओं का कहना है नीतीश कुमार के करिश्माई नेतृत्व में जनता ने विश्वास जताया है और 2020 में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। कहीं कोई कंफ्यूजन नहीं है।
बाइट्स-- राजीव रंजन जदयू प्रवक्ता
आरसीपी सिंह राष्ट्रीय महासचिव जदयू
2015 में मिली जबरदस्त हार के बाद से बीजेपी अकेले चुनाव लड़ने का साहस नहीं जुटा पा रही है बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है बीजेपी शक्तिशाली होने के बावजूद अपने सहयोगियों के साथ गठबंधन धर्म का पालन करती रही है कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है और बिहार में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार चल रही है और नीतीश कुमार के साथ अटल जी के समय से गठबंधन है। वहीं बीजेपी उपाध्यक्ष अनिल शर्मा का कहना है कि नीतीश बिहार में चेहरा है और नरेंद्र मोदी देश के।
बाईट--निखिल आनंद, बीजेपी प्रवक्ता।
अनिल शर्मा, उपाध्यक्ष, बीजेपी।



Conclusion: बीजेपी नेता कुछ भी कहे नीतीश कुमार बीजेपी की मजबूरी है क्योंकि बिहार में आरजेडी अभी सबसे बड़ी पार्टी है और लालू प्रसाद यादव का अपना वोट बैंक है ऐसे में बीजेपी फिलहाल कोई जोखिम लेने की कोशिश नहीं करना चाहती है और यही कारण है कि बीजेपी नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही फिलहाल अगले चुनाव में जाने की बात कर रहे हैं।
अविनाश, पटना।
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