पटना: बिहार की राजधानी पटना में तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो (Patna SSP MS Dhillon) के आरएसएस से जोड़ने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. इस बयान के बाद बीजेपी आक्रामक मूड (Patna SSP controversial statement) में आ गई है. दरअसल, गिरफ्तार संदिग्धों के मॉड्यूल का खुलासा करते हुए पटना एसएसपी ने गुरुवार को कहा, "ये लोग मदरसे, मस्जिदों में युवाओं को कठोरता की ओर मोबिलाइज करते थे और उन बच्चों को कट्टर बना रहे थे.'
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पटना एसएसपी का विवादित बयान : एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि इसका मोडस वैसे ही था जैसे शाखा का होता है. उन्होंने आगे कहा कि जैसे आरएसएस की शाखा आयोजित की जाती है और लाठी की ट्रेनिंग होती है, वैसे ही ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने एजेंडे और प्रोपोगेंडे के माध्यम से ब्रेनवॉश कर रहे थे.
बयान पर भड़की बीजेपी: इधर पटना एसएसपी के बयान पर हरिभूषण ठाकुर बचौल ने तीखा हमला करते हुए सीबीआई जांच की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रवादी संगठन की तुलना आतंकवादी संगठन से की है. PFI वो संगठन है जो 'सर तन से जुदा' की भाषा बोलता है. ऐसे पदाधिकारी को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
'मानवजीत सिंह ढिल्लो की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. आरएसएस एक राष्ट्रवादी संघटन है. जो देश प्रेम सिखाती है. देश पर मर मिटने का जज्बा लोगों में पैदा करती है. एक राष्ट्रवादी संगठन की तुलना उन्होंने एक आतंकवादी संगठन से की है. जो सर तन से जुदा करने की बात करता है. जो गजवाए हिन्द की बात करता है. जो जिहाद की बात करता है. ऐसे संगठन का समर्थन करने वाले पदाधिकारी को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. इस घटना की सीबीआई से जांच हो. एक राष्ट्रवादी संगठन पर उंगली उठाने का काम किया है उनको SSP क्या सिपाही भी रहने का अधिकार नहीं है'- हरिभूषण ठाकुर, बचौल, बीजेपी विधायक
'ये पटना एसएसपी का दिवालियापन है': पटना एसएसपी के इस बयान के बाद बीजेपी भड़क गई है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि पटना एसएसपी का इस तरह से तुलना करके बयान देना मानसिक दिवालियापन है. अगर उन्हें संघ को लेकर कोई संदेह है तो वे शाखा में जाएं. वहां गाए जाने वाली गीतों को सुनें, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र निर्माण करने वाली एक सांस्कृतिक संस्था है. उन्होंने कहा कि एसएसपी का बयान बर्दाश्त करने लायक नहीं है, इसलिए मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वे अविलंब संज्ञान लें और एसएसपी को बर्खास्त करें. उन्होंने एसएसपी से सामूहिक रूप से माफी मांगने को भी कहा.
निखिल आनंद ने बयान को बताया शर्मनाक: IAS और IPS अधिकारियों को राजनीति एवं वैचारिक प्रभाव से ऊपर माना जाता है. पटना एसएसपी का पीएफआई की आरएसएस से तुलना करने वाला बयान शर्मनाक और अत्यंत निंदनीय है. इन अधिकारियों के पास कोई पूर्वाग्रह और पूर्वकल्पित धारणा नहीं होनी चाहिए. वे माफी माँगे और राजनीति करना है तो इस्तीफा दें.
पटना SSP के पक्ष में उतरी HAM: हम के प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने पटना एसएसपी के बचाव में कहा कि जानबूझ कर SSP को विवाद में घसीटा जा रहा है. अगर इस्लामिक स्टेट की बात करना अपराध है तो फिर हिन्दू राष्ट्र की वकालत करना कहां से ठीक है? यदि इस्लामिक राष्ट्र की कल्पना करने वालों को जेल तो फिर हिन्दू राष्ट्र की बात करने वालों को छूट क्यों?
फुलवारीशरीफ से तीन की हुई है गिरफ्तारी: बता दें कि पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर ने पटना के फुलवारीशरीफ से तीन लोगों को गिरफ्तार किया (Patna Terror Module) है. इनमें एक मोहम्मद जलालुद्दीन पुलिस का रिटायर्ड दारोगा है जबकि दूसरा अतहर परवेज पीएफआई का सक्रिय सदस्य है. इसके आलावा अरमान मलिक हैं, जो लोगों को ट्रेनिंग देता था. आरोप है कि ये फुलवारीशरीफ में 'मिशन 2047' के तहत युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे थे. अतहर परवेज पटना गांधी मैदान बम धमाके के आरोपी सिमी आतंकी मंजर का सगा भाई है.