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बीजेपी ने मांगा मुकेश सहनी से इस्तीफा, कहा- मंत्री पद छोड़ने को लेकर अब उनको स्वयं निर्णय लेना चाहिए

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Published : Mar 23, 2022, 8:42 PM IST

वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) की सियासत संकट के दौर में है. एक तरफ उनके तीनों विधायक पार्टी छोड़ने की तैयारी कर चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ उन पर मंत्रिमंडल छोड़ने का दबाव बढ़ता जा रहा है. इस बीच बीजेपी विधायक लखींद्र पासवान (BJP MLA Lakhindra Paswan) ने कहा कि नैतिकता के लिहाज से उनको मंत्री पद छोड़ देना चाहिए.

बीजेपी ने मुकेश सहनी से इस्तीफा मांगा
बीजेपी ने मुकेश सहनी से इस्तीफा मांगा

पटना: यूपी में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ना वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) को महंगा पड़ा है. बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) में व्यस्त सहनी को भारतीय जनता पार्टी ने जोर का झटका दिया है. उनके तीनों विधायकों ने बुधवार को उनका साथ छोड़ दिया है. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से मिलकर विधायकों ने बीजेपी के नाम समर्थन पत्र सौंप दिया है. इस बीच बीजेपी ने मुकेश सहनी से इस्तीफा मांगा (BJP Demands Mukesh Sahani Resignation) है. बीजेपी विधायक लखींद्र पासवान (BJP MLA Lakhindra Paswan) ने कहा कि 2020 विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद उनको मंत्री बनाया गया लेकिन वह लगातार बीजेपी के विरोध में काम कर रहे थे. अब जब उनके विधायकों ने ही उनका साथ छोड़ दिया तो नैतिकता के आधार पर उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

ये भी पढ़ें: ..तो क्या बिहार में टूट गई VIP अध्यक्ष मुकेश सहनी की पार्टी?


नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें सहनी: बीजेपी विधायक लखींद्र पासवान ने कहा कि जैसी करनी वैसी भरनी. मुकेश सहनी ने जैसा किया, अब वैसा भोग रहे हैं. विधानसभा चुनाव में उनको 11 सीटें दी गईं. वो खुद चुनाव हार गए लेकिन फिर भी भारतीय जनता पार्टी ने उनको मंत्री पद दिया. हमारे प्रति वफादारी निभाने की बजाय सहनी लगातार बीजेपी के खिलाफ काम करते रहे. ऐसे में उनके तीनों विधायकों ने फैसला किया है कि वे लोग हमारे साथ आएंगे. जहां तक मुकेश सहनी के मंत्रिमंडल से इस्तीफे की बात है तो उनको खुद ही इस बारे में फैसला लेना चाहिए.

बिहार में टूट गई वीआईपी: वीआईपी चीफ मुकेश सहनी को बड़ा झटका लगा है. विकासशील इंसान पार्टी के तीनों विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दे दिया है. राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्रीलाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचकर उन्हें पत्र सौंपा है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका समर्थन बीजेपी के साथ है. आपको बता दें कि 2020 चुनाव में बीजेपी ने अपने कोटे से वीआईपी को 11 सीटें दी थी. जिनमें ब्रह्मपुर, बोचहां, गौरा बोराम, सिमरी बख्तियारपुर, सुगौली, मधुबनी, केवटी, साहेबगंज, बलरामपुर, अली नगर और बनियापुर में वीआईपी ने चुनाव लड़ा था. 4 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे. हालांकि वो अपनी सीट नहीं बचा पाए थे, इसके बावजूद बीजेपी ने विधान परिषद के रास्ते उनको नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनवाया. उनके एमएलसी का कार्यकाल दो महीने में खत्म हो रहा.

यूपी चुनाव की तपिश में रिश्ते झुलसे: मुकेश सहनी और बीजेपी के रिश्तों में खटास की बड़ी वजह यूपी चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी का मुखरता से चुनाव लड़ना है. न केवल उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवार उतारे, बल्कि वहां की योगी सरकार की खुलेआम मुखालफत भी की. सार्वजनिक मंचों से तो उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा. जिस वजह से बीजेपी नेताओं में उनको लेकर जबर्दस्त नाराजगी है. माना जाता है कि बिहार बीजेपी से लेकर केंद्रीय नेतृत्व भी उनसे काफी नाराज हैं. अब उसी का परिणाम सामने आने लगा है.



ये भी पढ़ें: 'मैं अपने हक की लड़ाई लड़ रहा हूं, NDA में रहकर आगे भी संघर्ष करता रहूंगा'

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पटना: यूपी में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ना वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) को महंगा पड़ा है. बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) में व्यस्त सहनी को भारतीय जनता पार्टी ने जोर का झटका दिया है. उनके तीनों विधायकों ने बुधवार को उनका साथ छोड़ दिया है. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से मिलकर विधायकों ने बीजेपी के नाम समर्थन पत्र सौंप दिया है. इस बीच बीजेपी ने मुकेश सहनी से इस्तीफा मांगा (BJP Demands Mukesh Sahani Resignation) है. बीजेपी विधायक लखींद्र पासवान (BJP MLA Lakhindra Paswan) ने कहा कि 2020 विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद उनको मंत्री बनाया गया लेकिन वह लगातार बीजेपी के विरोध में काम कर रहे थे. अब जब उनके विधायकों ने ही उनका साथ छोड़ दिया तो नैतिकता के आधार पर उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

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नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें सहनी: बीजेपी विधायक लखींद्र पासवान ने कहा कि जैसी करनी वैसी भरनी. मुकेश सहनी ने जैसा किया, अब वैसा भोग रहे हैं. विधानसभा चुनाव में उनको 11 सीटें दी गईं. वो खुद चुनाव हार गए लेकिन फिर भी भारतीय जनता पार्टी ने उनको मंत्री पद दिया. हमारे प्रति वफादारी निभाने की बजाय सहनी लगातार बीजेपी के खिलाफ काम करते रहे. ऐसे में उनके तीनों विधायकों ने फैसला किया है कि वे लोग हमारे साथ आएंगे. जहां तक मुकेश सहनी के मंत्रिमंडल से इस्तीफे की बात है तो उनको खुद ही इस बारे में फैसला लेना चाहिए.

बिहार में टूट गई वीआईपी: वीआईपी चीफ मुकेश सहनी को बड़ा झटका लगा है. विकासशील इंसान पार्टी के तीनों विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दे दिया है. राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्रीलाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचकर उन्हें पत्र सौंपा है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका समर्थन बीजेपी के साथ है. आपको बता दें कि 2020 चुनाव में बीजेपी ने अपने कोटे से वीआईपी को 11 सीटें दी थी. जिनमें ब्रह्मपुर, बोचहां, गौरा बोराम, सिमरी बख्तियारपुर, सुगौली, मधुबनी, केवटी, साहेबगंज, बलरामपुर, अली नगर और बनियापुर में वीआईपी ने चुनाव लड़ा था. 4 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे. हालांकि वो अपनी सीट नहीं बचा पाए थे, इसके बावजूद बीजेपी ने विधान परिषद के रास्ते उनको नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनवाया. उनके एमएलसी का कार्यकाल दो महीने में खत्म हो रहा.

यूपी चुनाव की तपिश में रिश्ते झुलसे: मुकेश सहनी और बीजेपी के रिश्तों में खटास की बड़ी वजह यूपी चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी का मुखरता से चुनाव लड़ना है. न केवल उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवार उतारे, बल्कि वहां की योगी सरकार की खुलेआम मुखालफत भी की. सार्वजनिक मंचों से तो उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा. जिस वजह से बीजेपी नेताओं में उनको लेकर जबर्दस्त नाराजगी है. माना जाता है कि बिहार बीजेपी से लेकर केंद्रीय नेतृत्व भी उनसे काफी नाराज हैं. अब उसी का परिणाम सामने आने लगा है.



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