पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक सुल्तानगंज अगुवानी पुल आखिरकार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. इस के निर्माण में अबतक 1700 सौ करोड़ खर्च हो चुके थे. इस तरह से सरकार को इस हादसे से काफी नुकसान हुआ है और इसका बोझ आम जनता पर पड़ने वाला है. बीजेपी ने पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लिया है और न्यायिक जांच की मांग की है. बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रवक्ता निखिल आनंद कहा है कि एजेंसी को बैन करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए.
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बिहार में लालफीताशाही: निखिल आनंद ने कहा कि बिहार में इनदिनों लाल फीताशाही है और कुछ ब्यूरोक्रेट्स, आईएएस और आईपीएस नीतीश कुमार के खास चहेते हैं. अब सरकरा जो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है. तमाम तरह के खनन माफिया, शराब माफिया, संगठित आपराधिक गिरोह और निर्माण क्षेत्र में जितनी कवायदें हो रही है. सब में भयंकर तौर पर कमीशनखोरी और दलाली है. जो कंट्रैक्ट आलाॅटमेंट होते हैं, उसमें भी बूटी कलेक्शन होता है. इसके कुछ मास्टरमाइंड ब्यूरोक्रेट्स उस जगह पर तैनात होते हैं.
"एसपी सिंगला कंपनी को बैन करने से काम नहीं चलेगा बल्कि न्यायिक जांच द्वारा इस कंपनी से सीएम नीतीश और उनके खास लोगों के रिश्ते का खुलासा हो. पहले से दागी कंपनी को 4-5 कॉन्ट्रैक्ट ऑलॉटमेंट इसी सरकार ने किया. सरकार ने तो कमीशन या दलाली जमा करने के लिए खास अफसर उनसभी खास जगहों पर तैनात कर रखे हैं" - डॉ. निखिल आनंद, प्रवक्ता, बीजेपी
बिहार में निर्माण कार्य भ्रष्टाचार का उदाहरण: बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जो गंगा पुल गिरा उसमें भी फर्जी, अवैध बूटी कलेक्शन कर के कंट्रैक्ट अलाॅटमेंट हुआ था. नीतीश कुमार ने जितने निर्माण कराए, सब ओवरइस्टिमेटेड है. चाहे पटना का म्यूजियम लीजिए, इसे कोर्ट ने भी इंडिकेट किया था. एमएलए फ्लैट तोड़कर नया बनाया, पुलिस मुख्यालय तोड़कर नया बनाया, विधानसभा का एक्सटेंशन बनाया, जो बारिश के दिनों में टपकती है. यह सब अव्वल दर्जे के दलाली, कमीशनखोरी आधारित घटिया निर्माण का उदाहरण है.
सिंगला कंपनी और नीतीश कुमार के संबंधों की न्यायिक जांच की मांग: निखिल आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार जी आपने 1750 करोड़ आपने डुबा दिया. सिंगला कंपनी पर आप बैन लगा रहे है. इस कंपनी पर कई आरोप थे. फिर भी आपने इसे अपना फेवरेट ऑथरिटी बना कर रखा था, जिसे आप काॅन्ट्रैक्ट ऑलाटमेंट करते थे. एक नहीं, चार-चार, पांच-पांच कांट्रैक्ट मिला. इन संबंधों की भी जांच होनी चाहिए की सिंगला कंपनी से सीएम नीतीश कुमार और उनके खास लोगों के क्या संबंध रहे हैं. इसकी इंडीपेंडेट ज्यूडिशियल इंक्वाइरी हो.
पहली बार क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है पुल: यह पहला मौका नहीं है, जब सुल्तानगंज अगुवानी को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. इससे पहले भी एक बार पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है और इसकी जांच रिपोर्ट अब तक पब्लिक डोमेन में नहीं है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं की जा सकी है. पूरे घटनाक्रम को लेकर सियासत शुरू हो गई है. एक सवाल तो यह उठ रहा है कि 600 करोड़ की लागत से बनने वाले पुल की लागत 17 सौ करोड़ कैसे पहुंच गई. बीजेपी का आरोप है कि सरकार और अधिकारियों की मिलीभगत से जनता के पैसे की लूट हो रही है.