पटना: सासाराम में हिंसा को लेकर बिहार में सियासत हो रही (politics of violence in sasaram) है. सासाराम में बीजेपी के पूर्व विधायक की गिरफ्तारी को लेकर भी बीजेपी खेमे में नाराजगी है. सोमवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की. सासाराम में हुई हिंसा की उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए ज्ञापन सौंपा और सीबीआई, ईडी या पटना उच्च न्यायालय से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की.
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"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार योजनाबद्ध तरीके से हिंदुओं को फंसाने का काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार बीजेपी कार्यकर्ताओं और हिंदुओं को जानबूझकर परेशान कर रहे हैं और झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं. जिसका बहुत ही बुरा परिणाम होगा. आने वाले चुनाव में 2024-2025 में जनता उन्हे सबक सिखाएगी."- जनक सिंह, मुख्य सचेतक विरोधी दल,सह विधायक
बिहार पुलिस पर भरोसा नहीं: विरोधीदल के मुख्य सचेतक सह बीजेपी विधायक जनक सिंह ने कहा कि बिहार पुलिस पर हमलोगों को भरोसा नहीं है. उन्होंने सारा सारा दोष बिहार सरकार पर लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन अगर पहले से सजग रहती तो इस तरह की घटनाएं घटित नहीं होती. सासाराम में हिंसा को लेकर प्रशासन ने बीजेपी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को हिरासत में लिया है. आने वाले चुनाव में जनता नीतीश कुमार को सबक सिखाएं की ओर उनका खाता भी नहीं खुलेगा.
"जांच की मांग बीजेपी किससे कर रही है. ईडी और सीबीआई तो उनके कब्जे में है. ये बीजेपी का दिखावा है. बीजेपी ने नौजवानों का जीवन बर्बाद कर दिया है. उन्हें दंगाईयों की भेंट चढ़ा दिया. नौजवानों को जेल में बीजेपी ने पहुंचाया है. अब कोई उनका जमानतदार भी नहीं बन रहा है. गुनाहगार तो बीजेपी के लोग है. नौजवानों को न इलाज कराई और न ही मदद की." -नीरज कुमार,मुख्य प्रवक्ता, जदयू