पटना: एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Presidential candidate Draupadi Murmu) पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा दिए गए बयान के बाद बिहार में राजनीतिक तापमान चढ़ गया है. बीजेपी ने तेजस्वी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का आदिवासी, महिला, दलित और पिछड़ों के प्रति क्या मन में भाव है, वह जगजाहिर हो गया है. जो व्यक्ति खुद लिखा हुआ भाषण भी सही से नहीं पढ़ पाता है, वह दूसरे को लेकर ऐसी बाते कहते हैं. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इसे अनुसूचित जाति-जनजाति और एक महिला का अपमान बताया है.
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"एक आदिवासी महिला जो सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार जीत चुकी हो वह @yadavtejashwi जी को मूर्ति नजर आती है और अपने घर की महिला जिसे शपथ ग्रहण कराने के लिए किसी और को शब्द पढ़ना पड़े तो वह विद्वान!! अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्वान राष्ट्रपति भी बन जाए तो भी उनका अपमान."- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी
"जो व्यक्ति अपने एक पन्ने के लिखित भाषण को नहीं पढ़ सके. अब उसको आई वॉश करने के लिए आंख दिखाने चले गए. वो व्यक्ति जिनकी माताजी राज्य की पूर्व सीएम रही हों. जिनकी भाषा, शिक्षा सभी लोगों को पता है. नेता प्रतिपक्ष और पूरे परिवार की शिक्षा पता हो, जिनके पूरे परिवार का संसदीय शब्द ही संस्कृति बनी हुई हो, वो व्यक्ति को देश के आदिवासी समाज की एक कर्मठ महिला, जो गवर्नर रहने के साथ बड़े संसदीय पदों पर रह चुकी हैं, उनके बारे में ऐसा भाव रखना और महिलाओं के प्रति ऐसा भाव रखना. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है नेता प्रतिपक्ष का."- अरविंद सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
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जदयू ने तेजस्वी पर बोला हमला: सत्तारूढ़ जदयू ने भी तेजस्वी यादव पर हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि, जिनका घर खुद शीशे का होता है, वह दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते. तेजस्वी यादव और राजद को खुद अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. जिस प्रकार से एनडीए ने राष्ट्रपति के लिए द्रौपदी मुर्मू का चयन किया है. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू नीचे से लेकर राज्यपाल पद तक का सफर तय किया है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि द्रौपदी मूर्मु अब वह देश की राष्ट्रपति बनने जा रही हैं. समाज के सबसे अंतिम पायदान से आने वाली महिला के रूप में हुआ है.
"जिनका घर खुद शीशे का होता है. वह दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते हैं. तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल खुद अपने गिरेवान में इनको झांकना चाहिए. जिस प्रकार से एनडीए ने देश के राष्ट्रीय पद के लिए द्रौपदी मूर्मु जी का चयन किया है और द्रौपदी मूर्मु नीचे से लेकर राज्यपाल के पद तक का उन्होंने सफर तय किया है. अब देश के राष्ट्रपति बनने जा रही हैं और समाज के सबसे अंतिम पायदान से आने वाली महिला के रूप में वो हैं. डॉक्टर राम मनोहर लोहिया जो महिलाओं के विकास के लिए हमेशा चिंतित रहते थे और संपूर्ण महिला को पिछड़ा वर्ग की महिला मानते थे. आज डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के सपनों को पूरा करने जा रहा है एनडीए परिवार, लेकिन इनको राम मनोहर लोहिया के सपनों पर नहीं चलना आता."- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता
कांग्रेस ने किया तेजस्वी का बचाव: हालांकि, इस बयान के बाद कांग्रेस ने तेजस्वी का बचाव किया है. प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी पर ही सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि यशवंत सिन्हा जी यूपीएस के टॉपर रहे हैं. वह आईएएस अधिकारी रहे, बड़े-बड़े पदों पर रहे. अटल जी के सरकार में मंत्री रहे. कोई यह बता दे कि उनमें आखिर ऐसी क्या कमी थी कि उनके खिलाफ द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू बाद में उम्मीदवार बनीं हैं. यशवंत सिन्हा के नाम का एलान पहले किया गया है. क्या यशवंत सिन्हा अयोग्य आदमी थे कि उनके खिलाफ द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया?
"यशवंत सिन्हा जी यूपीएस के टॉपर रहे हैं. वह आईएएस अधिकारी रहे. बड़े-बड़े पदों पर रहे. अटल जी के सरकार में मंत्री रहे. कोई यह बता दे कि उनमें आखिर ऐसी क्या कमी थी कि उनके खिलाफ द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया. द्रौपदी मुर्मू बाद में उम्मीदवार बनी हैं. यशवंत सिन्हा का नाम हमने पहले एलान किया. क्या यशवंत सिन्हा अयोग्य आदमी थे कि उनके खिलाफ द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया?"- असित नाथ तिवारी, कांग्रेस प्रवक्ता
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क्या कहा था तेजस्वी यादव ने?: दरअसल, शिवहर में सुबोध राय के परिजनों से मुलाकात के लिए पहुंचे तेजस्वी यादव से जब पत्रकारों ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन में हमें राष्ट्रपति बैठाना है, न की कोई मूर्ति. आरजेडी नेता ने कहा कि आपने यशवंत सिन्हा को हमेशा सुना होगा लेकिन सत्ता पक्ष की राष्ट्रपति की उम्मीदवार को हमने कभी नहीं सुना है. वह जब से उम्मीदवार बनी हैं, एक भी प्रेस वार्ता नहीं की है.
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