पटनाः नागरिकता संशोधन विधेयक पर जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के विरोध पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी का कहना है कि जेडीयू का मतलब नीतीश कुमार है. जो कि उन्होंने संसद में समर्थन किया है. ऐसे में प्रशांत किशोर के विरोध का कोई मतलब नहीं है.
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जडीयू में प्रशांत किशोर कि हैसियत नहीं है कि इस पर कुछ बोले. उनका बयान कोई मायने नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि जेडीयू में नीतीश कुमार, ललन सिंह और आरसीपी सिंह फैसले लेते हैं. बाकि दूसरे नेताओं के बोलने का कोई मतलब नहीं है. अगर वह बोलते हैं तो पार्टी में वह अपनी हैसियत कम करते हैं.
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बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर जेडीयू में गतिरोध है. पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पार्टी के फैसले पर विरोध जताया है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन जेडीयू के संविधान के खिलाफ है.
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर साधा निशाना
प्रशांत ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने के बाद मैं निराश हूं. यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता. जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है. पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है.'