पटना: इन दिनों देश में कोरोना वायरस को लेकर काफी दहशत है. वहीं, अब राजधानी पटना में बर्ड फ्लू ने भी दस्तक दे दी है. इसके बाद पटना में कोरोना वायरस के साथ-साथ बर्ड फ्लू के बारे में चर्चा जोर-शोर से शुरू हो गई हैं. सरकार ने कोरोना के संभावित खतरे से निपटने के लिए एडवाइजरी जारी किया है. इस वजह से राजधानी के लोगों ने एहतियातन चिकन और मटन खाना बंद कर दिए. इस वजह से चिकन के कीमत में लागतार गिरावट दर्ज की जा रही थी. वहीं, बर्ड फ्लू के मामले ने पॉल्ट्री व्यवसाय को आईसीयू में पहुंचा दिया है.
'इंसानों में तेजी से नहीं फैलता बर्ड फ्लू'
इस मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता ने जब पटना पशु विज्ञान महाविद्यालय के प्राध्यापक पंकज कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि पटना में पाए गए मृत कौओं के सैंपल को कोलकाता भेजा गया था. जहां कौए को फ्लू से इफेक्टेड बताया गया है. चिकन-मटन खाने के सवाल पर पंकज कुमार ने कहा कि आमतौर पर बर्ड फ्लू के लक्षण पक्षियों में पाए जाते हैं. इसको लेकर कई भ्रांतियां भी है. मटन या चिकन को अच्छे से पकाने पर मनुष्य में बर्ड फ्लू की संभावना कम रहती है.
'पक्षियों के संपर्क में आने से बर्ड फ्लू की संभावना'
पंकज कुमार ने कहा कि बर्ड फ्लू पक्षियों के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है. यह बीमारी पक्षियों के स्त्राव और उसके मल के संपर्क में आने वाले मानवों में काफी तेजी से फैलती है. उन्होंने कहा कि पॉल्ट्री उत्पादों को खाने से ज्यादा पक्षियों के संपर्क में रहने से बर्ड फ्लू संक्रमण होने का ज्यादा खतरा रहता है.
बर्ड फ्लू क्या है ?
बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 की वजह से होती है. यह वायरस पक्षियों और इंसानों को अपना शिकार ज्यादा बनाता है. बर्ड फ्लू इंफेक्शन चिकन, टर्की, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता है. यह वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे इंसान और पक्षियों की मौत हो जाती है.