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बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे में बड़ा खुलासाः बिना जांच 18 हजार किमी चली ट्रेन, समस्तीपुर से बनता था सर्टिफिकेट

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में बीकानेर-गुवाहाटी एक्प्रेस हादसे की जांच रिपोर्ट (Jalpaiguri Train Accident Investigation Report) आ गई है. इस रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेन इंजन को बिना मेंटेनेंस 18 हजार किलोमीटर तक चलाया गया. जबकि 4500 किमी चलने के बाद ही इंजन को जांच के लिए भेजा जाना होता है.

Jalpaiguri Train Accident
Jalpaiguri Train Accident
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Published : Feb 12, 2022, 10:55 PM IST

पटनाः तारीख 13 जनवरी 2022 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे (Bikaner-Guwahati Express Accident) का शिकार हो गई. ट्रेन की 12 बोगियां बेपटरी हो गईं, जिसमें 9 यात्रियों की मौत (Nine People Died In Train Accident) हुई और कम से कम 45 से अधिक लोग जख्मी हो गए. इस ट्रेन हादसे की जांच रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में हादसा संबंधी बड़ा खुलासा हुआ है.

इसे भी पढ़ें- Guwahati Bikaner Express : मोयनागुरी में ट्रेन हादसा, 12 डिब्बे पटरी से उतरे, देखें भयावह मंजर

जांच रिपोर्ट के मुताबिक हादसे का कारण ट्रेन के इंजन का मेंटेनेंस नहीं किया (Bikaner Express Accident due to lack of maintenance) जाना बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार इंजन बिना मेंटेनेंस के 18000 किमी तक चला दिया गया, जबकि किसी भी इंजन के 4500 किमी चलने के बाद उसे मेंटनेंस के लिए भेजा जाता है. मिली जानकारी के अनुसार हादसे वाले इंजन की अंतिम जांच 6 दिसंबर को की गई थी, और 13-14 जनवरी को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी.

इसे भी पढ़ें-गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस बेपटरी: पटना में सवार हुए थे 100 से अधिक यात्री, ECR ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

हादसे के बाद रेलवे ने कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) को इस घटना की जांच करने के निर्देश दिया था. अब सीआरएस ने हादसे की रिपोर्ट पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मालीगांव-गुवाहाटी के महाप्रबंधक को अपनी रिपोर्ट भेज दी है. रिपोर्ट में सीआरएस मो. लतीफ खान द्वारा तैयार रिपोर्ट में इंजन की मेंटनेंस में लापरवाही को लेकर जानकारी दी गई है. साथ ही रेल इंजनों के सही समय पर जांच किए जाने की सलाह दी गई है.

इस रिपोर्ट में हादसे का बिहार कनेक्शन भी सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक हादसे वाली ट्रेन के इंजन का मेंटनेंस सर्टिफिकेट बिहार के समस्तीपुर रेल डिवीजन से जारी किया गया था. लेकिन, इस रेल डिविजन में इलेक्ट्रिक इंजन के मेंटनेंस की सुविधा ही नहीं है.

इसके बाद भी रेलवे के अधिकारियों द्वारा यात्रियों की जान से खिलवाड़ करते हुए यहां से इलेक्ट्रिक इंजन के मेंटनेंस के सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं. सीआरएस की जांच में यह साफ हो गया है कि फर्जी तरीके से ट्रेन के इंजन का मेंटनेंस होता था और सर्टिफिकेट जारी किया जाता था. और बिना ट्रेन इंजन की जांच के ही ट्रैक पर ट्रेन को दौड़ाया जाता है.

इसे भी पढ़ें- guwahati bikaner express : जलपाईगुड़ी में 12 बोगियां बेपटरी, तीन की मौत, 100 + घायल, पीएम ने सीएम ममता से की बात

सीआरएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि समस्तीपुर रेल डिविजन का यह मामला छानबीन का विषय है. कमिशनर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे को इस मामले में जांच करनी चाहिए कि जहां पर इलेक्ट्रिक इंजन के जांच की व्यवस्था नहीं है तो वहां से जांच सर्टिफिकेट कैसे जारी किया जाता है.

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पटनाः तारीख 13 जनवरी 2022 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे (Bikaner-Guwahati Express Accident) का शिकार हो गई. ट्रेन की 12 बोगियां बेपटरी हो गईं, जिसमें 9 यात्रियों की मौत (Nine People Died In Train Accident) हुई और कम से कम 45 से अधिक लोग जख्मी हो गए. इस ट्रेन हादसे की जांच रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में हादसा संबंधी बड़ा खुलासा हुआ है.

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जांच रिपोर्ट के मुताबिक हादसे का कारण ट्रेन के इंजन का मेंटेनेंस नहीं किया (Bikaner Express Accident due to lack of maintenance) जाना बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार इंजन बिना मेंटेनेंस के 18000 किमी तक चला दिया गया, जबकि किसी भी इंजन के 4500 किमी चलने के बाद उसे मेंटनेंस के लिए भेजा जाता है. मिली जानकारी के अनुसार हादसे वाले इंजन की अंतिम जांच 6 दिसंबर को की गई थी, और 13-14 जनवरी को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी.

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हादसे के बाद रेलवे ने कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) को इस घटना की जांच करने के निर्देश दिया था. अब सीआरएस ने हादसे की रिपोर्ट पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मालीगांव-गुवाहाटी के महाप्रबंधक को अपनी रिपोर्ट भेज दी है. रिपोर्ट में सीआरएस मो. लतीफ खान द्वारा तैयार रिपोर्ट में इंजन की मेंटनेंस में लापरवाही को लेकर जानकारी दी गई है. साथ ही रेल इंजनों के सही समय पर जांच किए जाने की सलाह दी गई है.

इस रिपोर्ट में हादसे का बिहार कनेक्शन भी सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक हादसे वाली ट्रेन के इंजन का मेंटनेंस सर्टिफिकेट बिहार के समस्तीपुर रेल डिवीजन से जारी किया गया था. लेकिन, इस रेल डिविजन में इलेक्ट्रिक इंजन के मेंटनेंस की सुविधा ही नहीं है.

इसके बाद भी रेलवे के अधिकारियों द्वारा यात्रियों की जान से खिलवाड़ करते हुए यहां से इलेक्ट्रिक इंजन के मेंटनेंस के सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं. सीआरएस की जांच में यह साफ हो गया है कि फर्जी तरीके से ट्रेन के इंजन का मेंटनेंस होता था और सर्टिफिकेट जारी किया जाता था. और बिना ट्रेन इंजन की जांच के ही ट्रैक पर ट्रेन को दौड़ाया जाता है.

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सीआरएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि समस्तीपुर रेल डिविजन का यह मामला छानबीन का विषय है. कमिशनर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे को इस मामले में जांच करनी चाहिए कि जहां पर इलेक्ट्रिक इंजन के जांच की व्यवस्था नहीं है तो वहां से जांच सर्टिफिकेट कैसे जारी किया जाता है.

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