पटना: सोमवार को शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Education Minister Chandrashekhar) के कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मंत्री के संज्ञान में आया है कि राज्य के विभिन्न विद्यालयों में उर्दू, फारसी और अरबी विषयों के शिक्षकों की भारी कमी है, जबकि पर्याप्त संख्या में इस विषय में पढ़ाई किए हुए छात्र-छात्राएं उपलब्ध है. छात्रों ने यह भी बताया गया कि इनमें से कुछ विषयों के लिए आज तक शिक्षक पात्रता परीक्षा, जो कि शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता है आयोजित नहीं की गई है. जिसके कारण इस विषयों को रखकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के बीच गहरी निराशा और क्षोभ व्याप्त है.
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शिक्षा मंत्री से मिले छात्र-छात्राएं: छात्रों की ओर से बताया गया कि इन विषयों को छोड़कर अन्य लगभग सभी विषयों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन निश्चित अंतराल पर हुआ है और उन्हें रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं. ऐसे में इन विषयों में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को अन्य की तुलना में समान अवसर प्राप्त नहीं हो रहे हैं. साथ ही कई अल्पसंख्यक विद्यालयों में भी इस विषय के शिक्षकों की नियुक्ति में व्यावहारिक समस्याएं उत्पन्न हो रही थी.
उर्दू और फारसी के लिए विशेष टीईटी और एसटीईटी: शिक्षा मंत्री ने विशेष टीईटी तथा एसटीइटी आयोजित करने संबंधी नियमावली के साथ पूरी कार्य योजना बनाने का निर्देश शिक्षा विभाग को दिया है. साथ ही इन विषयों की कुल पदों की संख्या, कार्यरत बल, रिक्त पदों का विवरण भी मांगा है ताकि व्यवहारिक निर्णय लिया जा सके.
जानिये किस तरह से होगी पात्रता परीक्षा: टीईटी परीक्षा के लिए उर्दू, फारसी और अरबी विषयों के कक्षा एक से पांच तक के पेपर एक तथा कक्षा छह से आठ पेपर दो का आयोजन होगा. इसी प्रकार एसटीईटी के उर्दू, फारसी और अरबी विषय के कक्षा नौ से 10 पेपर एक तथा कक्षा 11 से 12 पेपर दो आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है. इसके आयोजन होने के पश्चात पर्याप्त संख्या में इन विषयों के शिक्षकों की बहाली हो सकेगी. इन विषयों को पढ़ने वाले छात्रों को भी काफी सुविधा होगी.