पटनाः लॉक डाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. जिसके बाद बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का लोन मिलेगा. 45 दिनों के अंदर सभी प्रक्रिया पूरी होगी. एक साल तक लोन के लिए कोई मूल्य ब्याज नहीं देना होगा. साथ ही एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया.
पैकेज से उद्योगपतियों व व्यापारियों को मिली थोड़ी राहत
इस पैकेज से सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के उद्योग जगत से जुड़े लोगों को लाभ मिलेगा. सरकार ने एमएसएमई का बखूबी ध्यान रखा है क्योंकि कोरोना वायरस जैसे खतरनाक महामारी से अर्थव्यवस्था में काफी गिरावट आई है. एमएसएमई ही अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद करेगा और इसी से अर्थव्यवस्था दुरुस्त होगी सरकार ने इसका विशेष ध्यान भी रखा है.
पैकेज से दुरुस्त होगी अर्थव्यवस्था
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राम लाल खेतान ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि इस पैकेज का जब इंप्लीमेंटेशन होगा और सभी चीजें सामने आएंगी, तो उद्योग जगत के क्षेत्र में काफी लाभ मिलेगा, बिहार को काफी जरूरत है क्योंकि बिहार अभी काफी पिछड़ा हुआ है.
पैकेज से रोजगार में मिलेगी सहायता
वहीं, उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के कारण प्रवासी मजदूर काफी संख्या में बिहार आए हैं, जो फिलहाल वापस नहीं जाएंगे और अगर जाएंगे भी तो सिर्फ 10%. उनके रोजगार के लिए इस पैकेज से काफी सहायता मिल सकती है. काफी मदद भी मिलेगी और इस पूरी प्रक्रिया में बैंकों की काफी अहम भूमिका होगी. आज हमने बैंक के सीजीएम से भी मुलाकात की और आगे जो गाइडेंस आएगा, उस पर कार्य होगा. उद्योग जगत में काफी बड़ा इन्वेस्टमेंट होने से सभी को लाभ मिलेगा. वहीं, उन्होंने कहा कि सभी उद्योग के लोगों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने काफी अच्छा फैसला लिया है. अब बदलाव आएगा तो निवेश बढ़ेगा और निवेश पड़ेगा तो रोजगार भी मिलेंगे.
उपाध्यक्ष सुधीर चंद्र अग्रवाल ने कहा कि बिहार की इंडस्ट्रीज काफी बड़ी नहीं है. सरकार के विदेशी छोड़ो, देसी अपनाओ फैसले से काफी लाभ मिलेगा. बिहार के उद्योगपतियों और कारोबारियों को इससे काफी लाभ मिलेगा.
आपको बता दें कि एमएसएमई के अंतर्गत तीन तरह के उद्योग है, जो इस प्रकार है:-
माइक्रो या सूक्ष्म उद्योग: सूक्ष्म उद्योग सबसे छोटी संस्था है. मशीनरी में कम से कम 25 लाख तक का निवेश कर सकते थे और सेवा व्यापार में अधिक से अधिक 10 लाख रुपये तक का ही निवेश कर सकते थे. लेकिन अब 1 करोड़ से 5 करोड़ तक के टर्नओवर तक इसमें शामिल होंगे.
लघु उद्योग: इसके अंतर्गत छोटे विनिर्माण उद्योग के लिए संयत्र और मशीनरी में 25 लाख से 5 करोड़ तक का निवेश कर सकते थे. अब 10 करोड़ निवेश व 50 करोड़ तक का टर्नओवर कर सकते हैं.
मध्यम उद्योग: मध्यम विनिर्माण उद्योग के लिए संयत्र और मशीनरी में 5 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकते थे. अब 20 करोड़ निवेश 100 तक टर्नओवर कर सकते हैं.
देसी कंपिनयों को मिलेगा टेंडर
साथ ही 200 करोड़ तक पहले विदेशी कंपनियों को टेंडर दिया जाता था. लेकिन अब देसी कंपिनयों की टेंडर मिलेगा. सरकार के इस पैकेज के बाद कारोबारियों और उद्योगपतियों ने थोड़ी राहत की सांस ली है, क्योंकि लॉक डाउन की वजह से सभी कामकाज ठप थे. काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था और सरकार के इस पैकेज से भारत के सभी लोगों तक मदद पहुंचेगी.