पटना: मौसम विज्ञान केंद्र पटना (Patna Meteorological Center) के अनुसार बिहार में अगले चार दिनों तक बारिश की संभावना नहीं है. हालांकि बारिश के बाद पछुआ हवा के कारण कई इलाकों में ठंडक महसूस की जाएगी. मौसम सामान्य तौर पर शुष्क रहेगा. धीरे-धीरे लोगों को ठंड से राहत मिलेगी. तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. पटना सहित राज्य के अन्य जिलों में दृष्यता सघन देखी गयी है. पटना हवाई अड्डे पर 100 मीटर से भी कम विजिबलिटी पायी गयी है. सोमवार को मौसम साफ रहने का अनुमान है.
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मौसम विज्ञान केंद्र पटना से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में सिवान के जीरादेई में सबसे ज्यादा ठंड 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई. वहीं सबसे ज्यादा तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस रोहतास के डेहरी का रहा. राजधानी पटना में न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अनुसार बारिश के बाद पछुआ हवा ने ठंड बढ़ा दी है. एक ट्रफ रेखा बिहार के दक्षिण-पश्चिम भाग से सोनीपत हरियाणा तक गुजर रही है. इस वजह से तापमान में 2से 3 डिग्री तक कमी का अनुमान है.
ब्लू अलर्ट (Blue Alert) : जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.
येलो अलर्ट (Yellow Alert) : भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.
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ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) : चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.
रेड अलर्ट (Red Alert) : जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.
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ग्रीन अलर्ट (Green Alert) : कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है. आपको बता दें कि ब्लू अलर्ट और येलो अलर्ट का सिग्नल क्या होता है? जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है. उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट (Blue Alert) जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है. वहीं, मौसम विभाग के अनुसार येलो अलर्ट के तहत लोगों को सचेत रहने के लिए अलर्ट किया जाता है. यह अलर्ट जस्ट वॉच का सिग्नल है.
बिजली गिरने पर क्या करेंः सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं. जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.
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