पटना: मौसम विज्ञान (IMD) ने कहा है कि उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में मौजूदा बारिश की गतिविधि सोमवार से कम होने की संभावना है, जबकि उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 26 अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना है. सोमवार से 26 अगस्त तक इन क्षेत्रों में भारी बारिश की भी संभावना है और इसके बाद बारिश कम हो जाएगी.
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आईएमडी ने 24 अगस्त से पूर्वोत्तर, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और बिहार में भारी बारिश की भी भविष्यवाणी की है. 24 अगस्त तक पूर्वोत्तर, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और बिहार में छिटपुट भारी वर्षा के साथ भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.
इसके बाद 24 से 26 अगस्त के बीच उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में और 25 और 26 अगस्त के दौरान बिहार में बहुत भारी गिरावट के साथ तीव्रता में वृद्धि हुई है. मौसम विभाग की माने तो 25 अगस्त को असम और मेघालय में भी भारी बारिश की संभावना है.
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बता दें कि बिहार में भी मॉनसून (Monsoon In Bihar) एक बार फिर सक्रिय हो गया है. बीते कई दिनों से प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश दर्ज की जा रही है. मौसम विज्ञान केन्द्र ने पटना, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों के लिए अलर्ट (Rain Alert) जारी किया है. मौसम विज्ञान केन्द्र, पटना (Metrological Centre) ने इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ वज्रपात की संभावना जताई है.
अलर्ट किए गए जिलों में राजधानी पटना के साथ ही समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर जिले के कुछ हिस्से, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, सीतामढ़ी, शेखपुरा, लखीसराय आदि जिले शामिल हैं. यहां अगले कुछ घंटों में बारिश होने के आसार हैं. बताते चलें कि इनमें से कई जिलों में छिटपुट बारिश दर्ज भी किए जा रहे हैं.
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मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार मानसून की रेखा राजधानी पटना से गुजर रही है. इसी कारण से ये हालात बन रहे हैं. इस सिचुएशन के कारण किशनगंज, अररिया, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण,मधुबनी, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, गोपालगंज, सिवान एवं सारण में वर्षा के आसार बढ़ गए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार मानसून की रेखा राजस्थान के बीकानेर, पटना होते हुए नगालैंड तक जा रही है. इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है. इससे प्रदेश में मानसून की बारिश में उतार-चढ़ाव अभी जारी रहेगा.
यहां ध्यान दें कि मौसम विज्ञान विभाग ग्रीन, रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी करता है. ग्रीन अलर्ट में कोई खतरा नहीं होने का संदेश होता है. येलो अलर्ट आने वाले खतरे के प्रति सचेत करता है. येलो अलर्ट को मौसम विज्ञान विभाग जैसे-जैसे मौसम खराब होता है, ऑरेंज अलर्ट में परिवर्तित कर देता है.
ऑरेंज अलर्ट में बारिश व आंधी की पूरी संभावनाएं होती हैं. इस अलर्ट के बाद लोगों को सावधान होना चाहिए और इधर-उधर जाने पर सावधानी बरतनी चाहिए.
वहीं, रेड अलर्ट का मतलब है कि स्थिति अत्यंत खतरनाक है. मौसम विभाग के अनुसार ऐसे मौसम में इधर-उधर नहीं निकलना चाहिए. इस अलर्ट का अर्थ है, मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. भारी बारिश होने की अधिक संभावना होती है.
मौसम विभाग ने इस दौरान लोगों से सावधानियां बरतने की अपील की है. बारिश के दौरान घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है. वज्रपात के दौरान पक्के मकानों में शरण लेने की सलाह दी गई है.