पटनाः बिहार में मानसून ( Monsoon in Bihar ) की सक्रियता, नेपाल में हो रही भारी बारिश और वाल्मिकीनगर बराज ( Valmikinagar Barrage ) से छोड़े गए 4 लाख क्यूसेक पानी के कारण कई नदियां उफान पर है. गंडक, कोसी, बागमती, कमला बलान का बढ़ता जलस्तर डराने वाला है. गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा समेत 9 जिलों में बाढ़ की आशंका है. इस बीच मौसम विभाग ने 11 जिलों के लिए अगले 48 घंटे तक भारी बारिश का अलर्ट ( Weather Alert ) जारी किया है.
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इन जिलों के लिए अलर्ट
मौसम विभाग ( Metrological Department ) ने कहा है कि अगले 48 घंटे यानी 18 जून तक राज्य के 11 जिलों के लिए भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने इसको लेकर का रेड अलर्ट जारी कर दिया है. इससे साथ ही 13 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और अन्य के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
जिन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है वे हैं- उत्तर पश्चिम बिहार के पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज के अलावा दक्षिण मध्य बिहार के पटना, गया, नालंदा, नवादा, बेगूसराय और लखीसराय. यहां बादल गरजने के साथ ही वज्रपात के साथ भारी बारिश की आशंका जताई गई है. मौसम विभाग ने इन जिलों के लोगों से अपील की है कि वे घरों से न निकलें.
इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट
दक्षिण, पश्चिम बिहार और दक्षिण पूर्व बिहार के जिलों के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. यानी इन जिलों में भारी बारिश होगी, लेकिन वज्रपात या मेघ गर्जन कम होगी. इन जिलों में बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर और खगड़िया शामिल हैं. वहीं, बिहार के अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में बारिश होगी पर इतनी तीव्रता नहीं होगी.
बगहा के कई इलाके जलमग्न
इधर पश्चिम चंपारण के बगहा में वाल्मीकिनगर गंडक बराज से लगातार पानी डिस्चार्ज होने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इंडो-नेपाल सीमा के तराई क्षेत्र चकदहवा में 4 फीट बाढ़ का पानी बह रहा है. बगहा के बांसगांव औसानी हरहा नदी में बोलोरो गाड़ी बह गई है. गण्डक नदी में लगातार हो रही जलवृद्धि की वजह से निचले इलाकों में भी बाढ़ आ गई है. गंडक दियारा पार के पिपरासी प्रखंड अंतर्गत सेमरा लबेदहा आदि जगहों में बाढ़ से लोग काफी प्रभावित हुए हैं. प्रशासन ने सबको सुरक्षित स्थानों पर जाने की सूचना पूर्व में ही दे दी थी.
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मोतिहारी में तटबंधों पर मंडरा रहा खतरा
गंडक नदी के बढ़ रहे जलस्तर के कारण कई इलाके जलमग्न होने के साथ ही कई तटबंधों पर खतरा मंडरा रहा है. संभावित बाढ़ को देखते हुए डीएम शीर्षत कपिल अशोक संग्रामपुर प्रखंड पहुंचे. उन्होंने गंडक नदी के जलस्तर और तटबंध का जायजा लिया. इस दौरान डीएम ने स्थानीय लोगों से बात की साथ ही कार्यपालक अभियंता से तटबंध के मरम्मती कार्य की जानकारी ली.
गोपालगंज के 20 हजार लोगों की जिंदगी दांव पर
गोपालगंज में भी गंडक नदी का बढ़ता जलस्तर चिंता बढ़ाने वाला है. सदर प्रखंड के अलावा मांझा, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंड में नदी के आसपास के 13 पंचायतों के लोगों की नींद एक बार फिर उड़ गई है. हलांकि प्रशासनिक स्तर पर तटबंधों की निगरानी को और बढ़ा दिया गया है.
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद गंडक नदी के आसपास के गांवों में प्रशासन के द्वारा अधिक सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया गया. तटबंध की निगरानी के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम मुस्तैद है. बाढ़ से प्रभावित होने वाले जिले के छह प्रखंड के सीओ को तटबंध की लगातार निगरानी करने को कहा गया है. हालांकि प्रशासन नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में बसे 36 गांवों में नदी के पानी आने को बाढ़ नहीं मानता है. लेकिन अभी के हालात में करीब 20 हजार लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है.
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क्या है कारण?
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिमी झारखंड और उससे सटे बिहार के इलाकों में मानसून के दबाव का केंद्र बना हुआ है. पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे बिहार के इलाके में भी चक्रवात दबाव बना हुआ है. इसके अलावा उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम तक समुद्र तल पर एक ट्रफ लाइन पंजाब से दक्षिण हरियाणा, उत्तरी उत्तर प्रदेश, मध्य बिहार और उत्तरी पश्चिम बंगाल तक फैली हुई है. यही कारण है कि उत्तर-पश्चिमी बिहार, दक्षिण-मध्य बिहार आदि जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं.