पटना: केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि रेलवे और बिहार का पुराना नाता है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के उदय से ही भारत का उदय संभव है. उन्होंने कहा कि बिहार से ही लोकतंत्र का उदय हुआ है. अश्वनी वैष्णव ने कहा 2009 से 2014 तक बिहार का रेल बजट मात्र 11000 करोड़ रुपए था जो बढ़कर अगले बजट में 32 सौ 48 करोड रुपए हुआ और अब पिछले 7 सालों मैं इश्क 6 गुना बढ़ोतरी हुई है यानी कि आप बिहार का रेल बजट 66006 करोड़ रुपए हो गया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अगर एक कदम बढ़ाएगी तो हम 10 कदम बढ़ोतरी के लिए तैयार है.
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ट्रेन 05553 झंझारपुर-सहरसा डेमू पैसेंजर स्पेशल को शनिवार को केंद्रीय रेल मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन का परिचालन ओपन टाइम के अनुसार किया जायेगा. यह परियोजना 206 किलोमीटर लंबे सकरी-लौकहा बाजार-निर्मली एवं सहरसा-फॉरबिसगंज आमान परिवर्तन रेल परियोजना का भाग है. झंझारपुर से आसनपुर कुपहा तक 38 किलोमीटर का कार्य 456 करोड़ रूपए की लागत से पूरा कर लिया गया है. इस रेलखंड के चालू हो जाने से 88 वर्षों के बाद दो भागों में विभाजित मिथिलांचल के बीच रेल संपर्क पुन: स्थापित हो जाएगा.
बता दें कि साल 1934 में आये विनाशकारी भूकंप में कोसी नदी पर बना रेल पुल बह गया था. इसके बाद मीटर गेज पर ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया था. इसके बाद कोसी और मिथिलांचल के बीच रेल नेटवर्किं ग क्षेत्र में संपर्क टूट गया था. अब करीब 88 साल बाद एक बार फिर से कोसी और मिथिला रेल नेटवर्किं ग के क्षेत्र में जुड़ने जा रहा है.
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