पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) में सदस्य के 6 में 3 पद खाली होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिंता व्यक्त की. मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की ओर इशारा करते हुए कहा कि सिर्फ नेतागीरी से काम नहीं चलेगा, काम करना होगा. 5 दिन के अंदर तीनों खाली पद भर दिए जाने चाहिए. बीपीएससी के अधिकारियों से भी हाथ जोड़कर विनती करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जिस किसी को लिखित परीक्षा में ज्यादा अंक मिले कृपया कर उसे इंटरव्यू में कम नंबर ना दें. नीतीश कुमार शनिवार को बिहार लोक सेवा आयोग के 75 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.
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अधिवेशन भवन में कार्यक्रमः मुख्यमंत्री ने शनिवार को अधिवेशन भवन में बिहार लोक सेवा आयोग की 75वीं वर्षगांठ (Bihar Public Service Commission 75th Anniversary ) के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप जलाकर कर उद्घाटन किया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने बिहार लोक सेवा आयोग के 75वें स्थापना दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएं भी दीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जबसे उनको यहां काम करने का मौका मिला है अनुभवी और रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों को इसकी जिम्मेवारी दी गयी है. लोक सेवा आयोग में किसी भी प्रकार की दिक्कत आती है तो सरकार को सूचित कीजिए, ताकि उन कमियों को समय पर पूरा किया जा सके.
गड़बड़ी ना हो इसका ध्यान रखिएगाः मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होती है इस बात की बहुत खुशी है. एक बार पेपर लीक का मामला सामने आया तो उस परीक्षा को कैंसिल करवाकर फिर से परीक्षा ली गई थी. उन्होंने कहा कि पिछले 18 वर्षों से विभिन्न पदों पर 24 हजार 301 नियुक्ति की गयी है और 45 हजार 892 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. 40 हजार 506 हेडमास्टर साहब का काम भी तेजी से की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख युवाओं को नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार के लिए हमने कहा है उसके लिए तेजी से काम करें. परीक्षा में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी ना हो इसका ध्यान रखिएगा.
"बिहार लोक सेवा आयोग का यह 75वां साल है इसका और विस्तार हो और जिम्मेदारी सौंपी जाए ताकि और बेहतर ढंग से काम हो सके। बिहार लोक सेवा आयोग को जो भी आवश्यकता है, सरकार इसमें सहयोग करेगी. बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष सहित अन्य गणमान्य लोग भी यहां उपस्थित हैं. बाहर से आए अतिथियों और जो पुराने लोग आए हैं सबका मैं अभिनंदन करता हूं"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
कब हुई स्थापनाः बिहार लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अप्रैल, 1949 में हुई थी. मुख्यालय रांची में था. वर्ष 1951 में इसका मुख्यालय रांची से पटना स्थानांतरित किया गया. बिहार लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष के साथ पहले 10 सदस्य हुआ करते थे. बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बिहार लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष के साथ सदस्यों की संख्या छह कर दी गई.
स्मारिका का मुख्यमंत्री ने विमोचन कियाः कार्यक्रम को वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद, बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य इम्तियाज अहमद करीमी ने भी संबोधित किया. बिहार लोक सेवा आयोग की सदस्य दीप्ति कुमारी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न, संविधान की प्रति एवं हरित गुच्छ भेंटकर स्वागत किया. कार्यक्रम में बिहार लोक सेवा आयोग से संबंधित एक स्मारिका का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया. बिहार लोक सेवा आयोग पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई.
ये रहे उपस्थितः इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, बिहार राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति संजय कुमार, असम लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भारत भूषण चौधरी, कर्नाटक लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष शंकरप्पा एस साहूकर, कर्नाटक लोक सेवा आयोग की सदस्य बीवी गीता, बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य अरुण कुमार भगत, केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती के अध्यक्ष एसके सिंघल, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के अध्यक्ष सुनील कुमार, बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष रविंद्र कुमार, बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके अग्रवाल, बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष केसी साहा, बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरके महाजन, बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव रविभूषण सहित बिहार लोक सेवा आयोग के अन्य पदाधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे.