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World Population Day 2022: बीते 100 साल में बिहार की आबादी 6 गुना बढ़ी

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Published : Jul 11, 2022, 10:47 AM IST

बिहार देश का सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य है. जहां जनसंख्या का घनत्व देश की आबादी की तुलना में लगभग 3 गुना अधिक है. अब एनएफएचएस की रिपोर्ट के अनुसार ये बात सामने आई है कि बीते 100 साल में बिहार की आबादी 6 गुना बढ़ गई है.

बिहार में जनसंख्या
बिहार में जनसंख्या

पटनाः आज 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day 2022) मनाया जा रहा है. ऐसे में बिहार में जनसंख्या (Bihar Population Increased 6 times In 100 years) की बात करें तो देशभर में सर्वाधिक जनसंख्या दर बिहार में है. एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार जहां देश का प्रजनन दर 2.17 है. वहीं, बिहार का प्रजनन दर 2.98 है. जो बड़े राज्यों में सर्वाधिक है. बात करें बीते 100 साल की तो इस अवधि में बिहार की आबादी 6 गुना बढ़ गई है. हालांकि बिहार में बीते 17 साल में प्रजनन दर 1.2 प्रतिशत कम हुआ है. 2005 में प्रजनन दर बिहार का 4.2% था और अभी के समय में 2.98% है.


ये भी पढ़ेंः World Population Day: आखिर कहां रुकेंगे हम, प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ा जनसंख्या का बोझ

जनसंख्या की दृष्टि से तीसरे नंबर पर बिहारः बीते 100 वर्ष पहले बिहार के मौजूदा भूगोल (उड़ीसा और झारखंड छोड़ कर) 94163 वर्ग किलोमीटर के दायरे में जनसंख्या 2.16 करोड़ के करीब थी, जो अब बढ़कर के 12.28 करोड़ के करीब पहुंच गया है. अभी के समय की बात करें तो जनसंख्या के मामले में बिहार देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है और बिहार से अधिक जनसंख्या उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में है. विशेषज्ञों की मानें तो अगले डेढ़ दशक में बिहार देश का दूसरा सबसे बड़ा आबादी वाला राज्य हो जाएगा और प्रदेश की आबादी लगभग 14.2 करोड. के करीब हो जाएगी.


टॉप 3 जिलों में पटना, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुरः बिहार में यदि सर्वाधिक जनसंख्या वाले जिलों की बात करें तो टॉप 3 जिला पटना पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर हैं जिसमें पटना में 72 लाख के करीब आबादी है पूर्वी चंपारण में 62 लाख और मुजफ्फरपुर में 59 लाख की अनुमानित आबादी है. वहीं, सबसे कम आबादी वाले जिलों की बात करें तो शेखपुरा में सबसे कम आबादी है जहां 7.85 लाख की आबादी है शिवहर में 81 लाख की आबादी है और अरवल में 86 लाख के करीब अनुमानित आबादी है.

क्या है विशेषज्ञों की रायः विशेषज्ञों की मानें तो बिहार में जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है यह स्थिति आगे रही तो जमीन कम हो जाएगी और आबादी अधिक होगी तब इसका असर कृषि पर भी देखने को मिलेगा. बढ़ती आबादी बड़ी चुनौती होगी और राज्य को विकसित करने के लिए अभी से ही परिवार नियोजन कार्यक्रम को गंभीरता से लागू करने की आवश्यकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि परिवार नियोजन पर सरकार गंभीरता से काम करें तभी शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार और आधारभूत संरचना की उचित विकास के प्रति बिहार बेहतर काम कर पाएगा. बताते चलें कि प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर जनसंख्या जागरूकता पखवारा शुरू किया जा रहा है. इसमें लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाएगा.

पटनाः आज 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day 2022) मनाया जा रहा है. ऐसे में बिहार में जनसंख्या (Bihar Population Increased 6 times In 100 years) की बात करें तो देशभर में सर्वाधिक जनसंख्या दर बिहार में है. एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार जहां देश का प्रजनन दर 2.17 है. वहीं, बिहार का प्रजनन दर 2.98 है. जो बड़े राज्यों में सर्वाधिक है. बात करें बीते 100 साल की तो इस अवधि में बिहार की आबादी 6 गुना बढ़ गई है. हालांकि बिहार में बीते 17 साल में प्रजनन दर 1.2 प्रतिशत कम हुआ है. 2005 में प्रजनन दर बिहार का 4.2% था और अभी के समय में 2.98% है.


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जनसंख्या की दृष्टि से तीसरे नंबर पर बिहारः बीते 100 वर्ष पहले बिहार के मौजूदा भूगोल (उड़ीसा और झारखंड छोड़ कर) 94163 वर्ग किलोमीटर के दायरे में जनसंख्या 2.16 करोड़ के करीब थी, जो अब बढ़कर के 12.28 करोड़ के करीब पहुंच गया है. अभी के समय की बात करें तो जनसंख्या के मामले में बिहार देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है और बिहार से अधिक जनसंख्या उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में है. विशेषज्ञों की मानें तो अगले डेढ़ दशक में बिहार देश का दूसरा सबसे बड़ा आबादी वाला राज्य हो जाएगा और प्रदेश की आबादी लगभग 14.2 करोड. के करीब हो जाएगी.


टॉप 3 जिलों में पटना, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुरः बिहार में यदि सर्वाधिक जनसंख्या वाले जिलों की बात करें तो टॉप 3 जिला पटना पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर हैं जिसमें पटना में 72 लाख के करीब आबादी है पूर्वी चंपारण में 62 लाख और मुजफ्फरपुर में 59 लाख की अनुमानित आबादी है. वहीं, सबसे कम आबादी वाले जिलों की बात करें तो शेखपुरा में सबसे कम आबादी है जहां 7.85 लाख की आबादी है शिवहर में 81 लाख की आबादी है और अरवल में 86 लाख के करीब अनुमानित आबादी है.

क्या है विशेषज्ञों की रायः विशेषज्ञों की मानें तो बिहार में जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है यह स्थिति आगे रही तो जमीन कम हो जाएगी और आबादी अधिक होगी तब इसका असर कृषि पर भी देखने को मिलेगा. बढ़ती आबादी बड़ी चुनौती होगी और राज्य को विकसित करने के लिए अभी से ही परिवार नियोजन कार्यक्रम को गंभीरता से लागू करने की आवश्यकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि परिवार नियोजन पर सरकार गंभीरता से काम करें तभी शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार और आधारभूत संरचना की उचित विकास के प्रति बिहार बेहतर काम कर पाएगा. बताते चलें कि प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर जनसंख्या जागरूकता पखवारा शुरू किया जा रहा है. इसमें लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाएगा.

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