पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार (mahagathbandhan government in Bihar) बनने के बाद से हर दिन नए नए क्लाइमेक्स देखने को मिले. भले ही महागठबंधन सरकार को बने 5 महीने ही हुए हैं लेकिन विवादों की लंबी फेहरिस्त है. इसके कारण ऐसा लगता है कि महागठबंधन सरकार की मुश्किलें कम नहीं होने वाली बल्कि नेताओं की बयानबाजी के कारण तल्खी बढ़ती जा रही है. एक ओर मंत्री पद छोड़ने के बाद से ही आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह लगातार सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर हैं तो जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बयान ने भी खलबली मचा दी है. (Tension increased between jdu and rjd)
पढ़ें- सुधाकर सिंह बीजेपी के एजेंट? : बोले तेजस्वी- 'जो भी नीतीश कुमार के खिलाफ बोलेगा..'
जदयू-राजद की बढ़ी तल्खी!: बिहार के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार को शिखंडी से लेकर नाइट वॉचमैन तक कह दिया था. छपरा में जहरीली शराब से मौत मामले में भी पार्टी से अलग हटकर सुधाकर बयानबाजी करते नजर आए. वहीं इतना सबकुछ होने के बाद भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से सुधाकर सिंह को बयानबाजी रोकने को लेकर कोई ठोस दिशा निर्देश नहीं दिए गए. इसके बाद जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मोर्चा खोल दिया. उन्होंने सीधे तेजस्वी यादव को ही चेतावनी दे डाली. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि ऐसे बयानों पर जितनी जल्दी रोक लगे उतना श्रेयस्कर होगा. गठबंधन के लिए और शायद आपके लिए भी.
सीएम नीतीश हैं नाराज!: वहीं उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा तेजस्वी यादव को दी गई चेतावनी ने राजनीतिक गलियारे में खलबली मचा दी. इसके बाद खुद सीएम नीतीश कुमार ने मोर्चा संभाल लिया. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को कोई नोटिस नहीं लेता है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह आरजेडी का मामला है. कौन क्या बोल रहा है ये वही लोग बता सकते हैं. कहीं ना कहीं सीएम नीतीश कुमार ने खुलकर तो कुछ नहीं कहा लेकिन उनकी नाराजगी भी सतह पर नजर जरूर आई.
मौके की नजाकत देख तेजस्वी ने तोड़ी चुप्पी: वहीं इन सबके बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी और सुधाकर सिंह को बीजेपी का एजेंट तक कह डाला. उन्होंने कहा कि अगर कोई नीतीश कुमार पर टिप्पणी करता है तो ये साफ है कि वह बीजेपी के एजेंडे पर काम कर रहा है. वहीं जदयू और राजद की बीच की इस तकरार पर बीजेपी ने अपनी पैनी नजर बना रखी है.
"सुधाकर सिंह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. आरजेडी नेतृत्व को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. इस मामले में आरजेडी का कोई भी नेता प्रवक्ता बोलने से बच रहा है. पूरी तरह से चुप्पी साध ली है."- परिमल राज, प्रवक्ता जदयू
"सुधाकर सिंह आरजेडी के घोषणापत्र को ही आगे बढ़ा रहे हैं. आरजेडी के बैठक में दिल्ली जाकर उन्होंने लालू प्रसाद यादव से आशीर्वाद तक लिया था. दूसरी तरफ उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के खासम खास हैं और उन्हीं के इशारे पर बोल रहे हैं. ऐसे में महागठबंधन का डिरेल होना तय है."- रामसागर सिंह, प्रवक्ता बीजेपी
"सुधाकर सिंह बिलो द बेल्ट बयानबाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री और गठबंधन के नेता के खिलाफ इस तरह से बयानबाजी सही नहीं है. इससे जदयू और आरजेडी के बीच बढ़ती तल्खी दिख रही है. उनके खिलाफ रेणु कुशवाहा ने भी मोर्चा खोल दिया है."- रवि उपाध्याय, राजनीतिक विशेषज्ञ
आरजेडी के नेताओं के विवादित बयान : आरजेडी नेताओं की तरफ से सिर्फ सुधाकर सिंह ने ही इस तरह का विवादित बयान नहीं दिया है. इससे पहले शिवानंद तिवारी ने भी नीतीश कुमार को सलाह दी थी कि मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपकर आश्रम चलने की तैयारी करें. उस पर काफी विवाद हुआ था. जगदानंद सिंह ने भी पिछले साल बयान दिया था कि 2023 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप देंगे. हालांकि उसके बाद तेजस्वी यादव ने सफाई भी दी और मुख्यमंत्री के लिए इंतजार करने की बात भी कही. तेजस्वी यादव के बयान देने के बाद जगदानंद सिंह की नाराजगी किसी से छिपी नहीं है. 3 महीने तक पार्टी कार्यालय नहीं आए लेकिन अब जिस प्रकार से सुधाकर सिंह बयान दे रहे हैं बीजेपी तो यहां तक कह रही है कि लालू प्रसाद के इशारे पर सुधाकर सिंह बोल रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा और सुधाकर सिंह के बयान से जदयू और आरजेडी के तल्खी बढ़ गई है. तेजस्वी के बयान से फिलहाल जदयू नेताओं को थोड़ी राहत जरूर मिली होगी. लेकिन नीतीश कुमार का इशारा साफ है यदि सुधाकर सिंह पर कार्रवाई नहीं होती है तो यह मामला तूल पकड़ सकता है.